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गरली साहल में सड़क सुविधा का अभाव, पालकी के सहारे घायल महिला को पहुंचाया अस्पताल - साल 1998 में हुआ था गरली साहल सड़क का शिलान्यास

मंडी के गरली साहल में सड़क न होने की वजह से लोग बेहद परेशान हैं. वीरवार को ढांक से गिरकर गंभीर रुप से घायल महिला सरिता देवी को लोगों ने पालकी पर बैठाकर तीन किलोमीटर का पैदल सफर कर गरली बस स्टैंड तक पहुंचाया. यहां के लोगों की इस बदहाली का कोई सुध नहीं लेने वाला नहीं है.

injured women transported in palki due to no road in garli sahal area of sarkaghat
गरली साहल में सड़क न होने से लोग बेहाल
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Published : Feb 18, 2021, 10:16 PM IST

सरकाघाटः गरली साहल के लिए करीब तीस साल पहले बनाई गई सड़क का अब नामो निशान मिट गया है. इस बदहाली का कोई सुध लेने वाला नहीं है. ऐसी स्थिति में आपातकाल में रोगियों की जान मुसीबत में रहती है.

वीरवार को ढांक से गिरकर गंभीर रुप से घायल महिला सरिता देवी को लोगों ने पालकी पर बैठाकर तीन किलोमीटर का पैदल सफर कर गरली बस स्टैंड तक पहुंचाया. यहां से महिला को 108 एंबुलेंस में सरकाघाट नागरिक अस्पताल तक ले जाया गया.

वीडियो

ढांक से गिरकर घायल हुई महिला

ढांक से गिरने की वजह से महिला के सिर पर गहरी चोट लगी है. पूर्व जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह, घरवासड़ा पंचायत के रूप चंद और मोहन लाल ने बताया है कि यह रास्ता इतना खतरनाक है कि इस पर चलना भी जोखिम भरा है. यहां से गिरकर अब तक तीन लोग जान भी गंवा चुके हैं.

साल 1998 में हुआ था सड़क का शिलान्यास

पंचायत के उप प्रधान दान सिंह और वार्ड सदस्य सुनील ने बताया कि साल 1998 में इस सड़क के लिए स्थानीय विधायक और मंत्री महेंद्र सिंह ने शिलान्यास किया था. इसके बाद सड़क बनी थी. अब रख रखाव के अभाव में सड़क का नामो-निशान ही मिट गया है.

ये भी पढ़ें: नड्डा के स्वागत में एयरपोर्ट पर उमड़ी भीड़, पूर्व विधायक समेत कई लोगों की कटी जेबें

सरकाघाटः गरली साहल के लिए करीब तीस साल पहले बनाई गई सड़क का अब नामो निशान मिट गया है. इस बदहाली का कोई सुध लेने वाला नहीं है. ऐसी स्थिति में आपातकाल में रोगियों की जान मुसीबत में रहती है.

वीरवार को ढांक से गिरकर गंभीर रुप से घायल महिला सरिता देवी को लोगों ने पालकी पर बैठाकर तीन किलोमीटर का पैदल सफर कर गरली बस स्टैंड तक पहुंचाया. यहां से महिला को 108 एंबुलेंस में सरकाघाट नागरिक अस्पताल तक ले जाया गया.

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ढांक से गिरकर घायल हुई महिला

ढांक से गिरने की वजह से महिला के सिर पर गहरी चोट लगी है. पूर्व जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह, घरवासड़ा पंचायत के रूप चंद और मोहन लाल ने बताया है कि यह रास्ता इतना खतरनाक है कि इस पर चलना भी जोखिम भरा है. यहां से गिरकर अब तक तीन लोग जान भी गंवा चुके हैं.

साल 1998 में हुआ था सड़क का शिलान्यास

पंचायत के उप प्रधान दान सिंह और वार्ड सदस्य सुनील ने बताया कि साल 1998 में इस सड़क के लिए स्थानीय विधायक और मंत्री महेंद्र सिंह ने शिलान्यास किया था. इसके बाद सड़क बनी थी. अब रख रखाव के अभाव में सड़क का नामो-निशान ही मिट गया है.

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