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आजादी के सात दशक बाद भी यहां खड्ड पर नहीं बना पुल, बरसात में छात्रों को स्कूल से करनी पड़ती है छुट्टी

जिला मंडी का एक क्षेत्र ऐसा भी है जहां आज तक शायद प्रशासन की नजर भी नहीं पड़ी है. दुर्गम क्षेत्र होने से यहां रह रहे लोगों की सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. खड्ड में पुल न होने से रोजाना लोग जान जोखिम में डाल कर रस्ता पार करते हैं.

खड्ड
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Published : Aug 9, 2019, 4:58 PM IST

मंडी/करसोग: दुर्गम क्षेत्र जूजर में खड्ड में बाढ़ आने के कारण कूंड सहित आसपास के इलाकों में इन दिनों स्थानीय लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार सुबह भी भारी बारिश से जूजर खड्ड में जलस्तर बहुत बढ़ गया, जिस कारण खड्ड पर पुल न होने से बगशाड सहित माहूंनाग स्कूल जा रहे बच्चों को मजबूरन वापस लौटना पड़ा.


हैरानी की बात यह है कि तीन पंचायतों के तहत पड़ने वाले अति दुर्गम क्षेत्रों की जनता की सुविधा के लिए प्रशासन आजादी के सात दशक बाद भी एक पुल का निर्माण भी नहीं कर सका. यहां के दुर्गम क्षेत्रों कूंड, मुरटी, खनेरू, जूजर, करेलटी, घावला व दुधली में लोगों को प्रदेश सरकार सड़क सुविधा से भी नहीं जोड़ पाई है.

वीडियो


ऐसे में यहां लोग जान जोखिम में डाल कर तंग और कठिन रास्तों से होकर सफर करने को मजबूर हैं. खासकर स्कूल जाने वाले छात्रों को खड्ड के ऊपर से गुजर कर हर रोज मुश्किल हालातों से जूझना पड़ रहा है. स्थिति ये है कि बरसात के दिनों में हर बार खड्ड आने पर छात्रों को स्कूल से छुट्टी करनी पड़ती है.


शेल्फ अप्रूव जल्द होगा शुरू काम: लता देवी
बगशाड पंचायत की प्रधान लता देवी का कहना है कि मनरेगा में जूजर खड्ड पर पुल की शेल्फ अप्रूव हो गई है. अब प्राथमिकता के आधार पर जल्द ही पुल का कार्य शुरू किया जाएगा.

mandi
जान जोखिम में डाल कर रस्ता पार करते लोग

अपनी जरूरी कार्यवाई पूरी करे पंचायत: बीडीओ
करसोग विकासखंड के बीडीओ राजेंद्र सिंह टेजटा का कहना है कि पंचायत अपनी जरूरी कार्रवाई को पुरा करे तो हमारी ओर से कोई देरी नहीं होगी. इस बारे में अधिकारियों को भी निर्देश दिए जा रहे हैं.

मंडी/करसोग: दुर्गम क्षेत्र जूजर में खड्ड में बाढ़ आने के कारण कूंड सहित आसपास के इलाकों में इन दिनों स्थानीय लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार सुबह भी भारी बारिश से जूजर खड्ड में जलस्तर बहुत बढ़ गया, जिस कारण खड्ड पर पुल न होने से बगशाड सहित माहूंनाग स्कूल जा रहे बच्चों को मजबूरन वापस लौटना पड़ा.


हैरानी की बात यह है कि तीन पंचायतों के तहत पड़ने वाले अति दुर्गम क्षेत्रों की जनता की सुविधा के लिए प्रशासन आजादी के सात दशक बाद भी एक पुल का निर्माण भी नहीं कर सका. यहां के दुर्गम क्षेत्रों कूंड, मुरटी, खनेरू, जूजर, करेलटी, घावला व दुधली में लोगों को प्रदेश सरकार सड़क सुविधा से भी नहीं जोड़ पाई है.

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ऐसे में यहां लोग जान जोखिम में डाल कर तंग और कठिन रास्तों से होकर सफर करने को मजबूर हैं. खासकर स्कूल जाने वाले छात्रों को खड्ड के ऊपर से गुजर कर हर रोज मुश्किल हालातों से जूझना पड़ रहा है. स्थिति ये है कि बरसात के दिनों में हर बार खड्ड आने पर छात्रों को स्कूल से छुट्टी करनी पड़ती है.


शेल्फ अप्रूव जल्द होगा शुरू काम: लता देवी
बगशाड पंचायत की प्रधान लता देवी का कहना है कि मनरेगा में जूजर खड्ड पर पुल की शेल्फ अप्रूव हो गई है. अब प्राथमिकता के आधार पर जल्द ही पुल का कार्य शुरू किया जाएगा.

mandi
जान जोखिम में डाल कर रस्ता पार करते लोग

अपनी जरूरी कार्यवाई पूरी करे पंचायत: बीडीओ
करसोग विकासखंड के बीडीओ राजेंद्र सिंह टेजटा का कहना है कि पंचायत अपनी जरूरी कार्रवाई को पुरा करे तो हमारी ओर से कोई देरी नहीं होगी. इस बारे में अधिकारियों को भी निर्देश दिए जा रहे हैं.

Intro:स्कूल जाने वाले छात्रों को खड्ड के ऊपर से गुजर कर हर रोज मुश्किल हालातों से जूझना पड़ रहा है। स्थिति ये है कि बरसात के दिनों में हर बार खड्ड आने पर छात्रों को स्कूल से छुट्टी करनी पड़ती है।Body: आजादी के सात दशक बाद भी खड्ड पर नही बना पुल, यहां बरसात में छात्रों को स्कूल से करनी पड़ती है छुट्टी
करसोग
विकासखंड करसोग के तहत अति दुर्गम क्षेत्र जूज़र में खड्ड आने के कारण कूंड सहित आसपास के इलाकों से स्कूल जाने वाले छात्रों को बारिश के इन दिनों में आधे रास्ते से वापिस अपने घरों को लौटना पड़ रहा है। शुक्रवार सुबह भी भारी बारिश से जूज़र खड्ड में जलस्तर बहुत बढ़ गया, जिस कारण खड्ड में पुल न होने से बगशाड सहित माहूंनाग स्कूल जा रहे बच्चों को मजबूरन वापिस लौटना पड़ा। हैरानी की बात है कि तीन पंचायतों के तहत पड़ने वाले अति दुर्गम क्षेत्रों की जनता की सुविधा के लिए प्रशासन आजादी के सात दशक बाद भी एक पुल तक का निर्माण नहीं कर सका है। यहां के अति दुर्गम क्षेत्रों कूंड, मुरटी, खनेरू, जूज़र, करेलटी, घावला व दुधली में लोगों को प्रदेश सरकार सड़क सुविधा से भी नहीं जोड़ पाई है। ऐसे में यहां लोग जान जोखिम में डाल कर तंग और कठिन रास्तों से होकर सफर करने को मजबूर है। खासकर स्कूल जाने वाले छात्रों को खड्ड के ऊपर से गुजर कर हर रोज मुश्किल हालातों से जूझना पड़ रहा है। स्थिति ये है कि बरसात के दिनों में हर बार खड्ड आने पर छात्रों को स्कूल से छुट्टी करनी पड़ती है। जिससे इनकी पढाई भी बाधित हो रही है। यहां के लोगों ने सवा माहूं और बगशाड पंचायत में भी जूज़र खड्ड के ऊपर पुल लगाए जाने की भी डिमांड रखी थी, लेकिन अभी तक दोनों ही पंचायतों में लोगों की इस समस्या की कोई सुनवाई नहीँ हुई है।

पीठ पर मंडियों में पहुंचाते हैं उत्पाद:
जूज़र सहित आसपास के गांव के लोग अति कठिन स्थिति में अपना जीवन गुजार रहे हैं। यहां किसानों को कृषि उत्पाद को मंडियों तक पहुंचाने के लिए भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोग पीठ पर या फिर खच्चरों पर कृषि उत्पाद को मुख्य सड़क तक पहुंचाते है। इसके बाद बसों में डाल कर सब्जियों सहित अन्य उत्पादों को मंडियों तक लाया जाता है। जिससे किसानों का बहुमूल्य समय और काफी पैसा बर्बाद हो जाता है। इन गांव को जोड़ने वाले रास्तों की हालत भी बहुत खराब है।

काम करवाने में लेबर की दिक्कत: घनश्याम
सवा माहूं पंचायत के प्रधान धनश्याम शर्मा का कहना है कि जूज़र खड्ड में पुल निर्माण के कार्य को मनरेगा की शेल्फ में डाला गया था। इसकी शेल्फ भी अप्रूव हो गई थी, लेकिन ये क्षेत्र तीन पंचायतों के तहत पड़ता है। ऐसे में यहां सवा माहूं पंचायत में बहुत कम क्षेत्र पड़ने से लेबर की व्यवस्था नहीं हो सकी। जिस कारण पुल का निर्माण नहीं हो सका। उनका कहना है कि मनरेगा में होने वाले कार्यों के लिए दूसरी पंचायतों से लेबर नहीं ली जा सकती है।

शेल्फ अप्रूव जल्द होगा शुरू काम: लता देवी
बगशाड पंचायत की प्रधान लता देवी का कहना है कि मनरेगा में जूज़र खड्ड पर पुल की शेल्फ अप्रूव हो गई है। अब प्राथमिकता के आधार पर जल्द ही पुल का कार्य शुरू किया जाएगा।

अपनी जरूरी कार्यवाही पूरी करे पंचायत: बीडीओ
करसोग विकासखंड के बीडीओ राजेंद्र सिंह टेजटा का कहना है कि पंचायत अपनी जरूरी कारवाही को पुरा करे। हमारी ओर से कोई देरी नहीं होगी। इस बारे में अधिकारियों को भी निर्दर्श दिए जा रहे हैं। से आधे रास्ते से वापिस घर लौटे स्कूल जा रहे छात्र
आजादी के सात दशक बाद जूज़र खड्ड में एक पुल तक नहीं लगा सका प्रशासन।
करसोग
विकासखंड करसोग के तहत अति दुर्गम क्षेत्र जूज़र में खड्ड आने के कारण कूंड सहित आसपास के इलाकों से स्कूल जाने वाले छात्रों को बारिश के इन दिनों में आधे रास्ते से वापिस अपने घरों को लौटना पड़ रहा है। शुक्रवार सुबह भी भारी बारिश से जूज़र खड्ड में जलस्तर बहुत बढ़ गया, जिस कारण खड्ड में पुल न होने से बगशाड सहित माहूंनाग स्कूल जा रहे बच्चों को मजबूरन वापिस लौटना पड़ा। हैरानी की बात है कि तीन पंचायतों के तहत पड़ने वाले अति दुर्गम क्षेत्रों की जनता की सुविधा के लिए प्रशासन आजादी के सात दशक बाद भी एक पुल तक का निर्माण नहीं कर सका है। यहां के अति दुर्गम क्षेत्रों कूंड, मुरटी, खनेरू, जूज़र, करेलटी, घावला व दुधली में लोगों को प्रदेश सरकार सड़क सुविधा से भी नहीं जोड़ पाई है। ऐसे में यहां लोग जान जोखिम में डाल कर तंग और कठिन रास्तों से होकर सफर करने को मजबूर है। खासकर स्कूल जाने वाले छात्रों को खड्ड के ऊपर से गुजर कर हर रोज मुश्किल हालातों से जूझना पड़ रहा है। स्थिति ये है कि बरसात के दिनों में हर बार खड्ड आने पर छात्रों को स्कूल से छुट्टी करनी पड़ती है। जिससे इनकी पढाई भी बाधित हो रही है। यहां के लोगों ने सवा माहूं और बगशाड पंचायत में भी जूज़र खड्ड के ऊपर पुल लगाए जाने की भी डिमांड रखी थी, लेकिन अभी तक दोनों ही पंचायतों में लोगों की इस समस्या की कोई सुनवाई नहीँ हुई है।

पीठ पर मंडियों में पहुंचाते हैं उत्पाद:
जूज़र सहित आसपास के गांव के लोग अति कठिन स्थिति में अपना जीवन गुजार रहे हैं। यहां किसानों को कृषि उत्पाद को मंडियों तक पहुंचाने के लिए भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोग पीठ पर या फिर खच्चरों पर कृषि उत्पाद को मुख्य सड़क तक पहुंचाते है। इसके बाद बसों में डाल कर सब्जियों सहित अन्य उत्पादों को मंडियों तक लाया जाता है। जिससे किसानों का बहुमूल्य समय और काफी पैसा बर्बाद हो जाता है। इन गांव को जोड़ने वाले रास्तों की हालत भी बहुत खराब है।

काम करवाने में लेबर की दिक्कत: घनश्याम
सवा माहूं पंचायत के प्रधान धनश्याम शर्मा का कहना है कि जूज़र खड्ड में पुल निर्माण के कार्य को मनरेगा की शेल्फ में डाला गया था। इसकी शेल्फ भी अप्रूव हो गई थी, लेकिन ये क्षेत्र तीन पंचायतों के तहत पड़ता है। ऐसे में यहां सवा माहूं पंचायत में बहुत कम क्षेत्र पड़ने से लेबर की व्यवस्था नहीं हो सकी। जिस कारण पुल का निर्माण नहीं हो सका। उनका कहना है कि मनरेगा में होने वाले कार्यों के लिए दूसरी पंचायतों से लेबर नहीं ली जा सकती है।

शेल्फ अप्रूव जल्द होगा शुरू काम: लता देवी
बगशाड पंचायत की प्रधान लता देवी का कहना है कि मनरेगा में जूज़र खड्ड पर पुल की शेल्फ अप्रूव हो गई है। अब प्राथमिकता के आधार पर जल्द ही पुल का कार्य शुरू किया जाएगा।

अपनी जरूरी कार्यवाही पूरी करे पंचायत: बीडीओ
करसोग विकासखंड के बीडीओ राजेंद्र सिंह टेजटा का कहना है कि पंचायत अपनी जरूरी कारवाही को पुरा करे। हमारी ओर से कोई देरी नहीं होगी। इस बारे में अधिकारियों को भी निर्दर्श दिए जा रहे हैं।Conclusion:करसोग विकासखंड के बीडीओ राजेंद्र सिंह टेजटा का कहना है कि पंचायत अपनी जरूरी कारवाही को पुरा करे। हमारी ओर से कोई देरी नहीं होगी। इस बारे में अधिकारियों को भी निर्दर्श दिए जा रहे हैं।
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