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IIT मंडी करने जा रहा है एयरोस्पेस को लेकर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन, मांगे गए आवेदन - National Workshop in IIT mandi news

आईआईटी मंडी एयरोस्पेस को लेकर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है. जिसको लेकर आईआईटी मंडी ने कार्यशाला के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं.

आईआईटी मंडी
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Published : Nov 12, 2019, 7:56 AM IST

मंडीः आईआईटी मंडी ने 11 से 15 फरवरी 2020 को आयोजित होने वाली अपनी राष्ट्रीय कार्यशाला के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. यह कार्यशाला एयरोस्पेस के लिए एडवांस कम्पोजिट: डिजाइन, निर्माण और कंडिशन मॉनिटरिंग पर आधारित है. इच्छुक व्यक्ति 30 नवंबर 2019 या उससे पहले वर्कशाप की वेबसाइट आवेदन कर सकते हैं. प्रतिभागियों को चयन की सूचना 5 जनवरी 2020 तक दी जाएगी.

इंजीनियरों और शोधकर्ताओं के लिए डिजाइन की गई कार्यशाला का मकसद एयरोस्पेस के लिए एडवांस कम्पोजिट के डिजाइन, निर्माण और कंडिशन मॉनिटरिंग के अत्याधुनिक कांसेप्ट की जानकारी देना है. संस्थान एयरोनॉटिक्स शोध एवं विकास बोर्ड (डीआरडीओ) के प्रमुख वैज्ञानिकों की मेजबानी को लेकर उत्साहित हैं, जो एयरोस्पेस इंडस्ट्री में कम्पोजिट के अत्याधुनिक शोध परिदृश्य पर ज्यादा जानकारी देंगे.

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कार्यशाला में आईआईटी मंडी के प्रोफेसर के अलावा डीआरडीओ के विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे. इस कार्यशाला के महत्व पर डॉ. शुभमय सेन, वर्कशॉप कॉर्डिनेटर और एसिस्टेंट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, आईआईटी मंडी ने कहा कि इस कार्यशाला के द्वारा भारत की महत्वाकांक्षा दुनिया का निर्माण केंद्र बनने की है.

इस कार्यशाला का विशेष प्रारूप इंजीनियरों और शोधकर्ताओं को कम्पोजिट मटीरियल्स के बारे में सैद्धांकित और व्यावहारिक पहलुओं के बारे में जानकारी देगा. जिससे वह समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हो सके. कार्यशाला विशेष कर इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों, इंजीनियरों और विभिन्न संस्थानों में कार्यरत वैज्ञानिकों के लिए लाभदायक साबित होगी.

मंडीः आईआईटी मंडी ने 11 से 15 फरवरी 2020 को आयोजित होने वाली अपनी राष्ट्रीय कार्यशाला के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. यह कार्यशाला एयरोस्पेस के लिए एडवांस कम्पोजिट: डिजाइन, निर्माण और कंडिशन मॉनिटरिंग पर आधारित है. इच्छुक व्यक्ति 30 नवंबर 2019 या उससे पहले वर्कशाप की वेबसाइट आवेदन कर सकते हैं. प्रतिभागियों को चयन की सूचना 5 जनवरी 2020 तक दी जाएगी.

इंजीनियरों और शोधकर्ताओं के लिए डिजाइन की गई कार्यशाला का मकसद एयरोस्पेस के लिए एडवांस कम्पोजिट के डिजाइन, निर्माण और कंडिशन मॉनिटरिंग के अत्याधुनिक कांसेप्ट की जानकारी देना है. संस्थान एयरोनॉटिक्स शोध एवं विकास बोर्ड (डीआरडीओ) के प्रमुख वैज्ञानिकों की मेजबानी को लेकर उत्साहित हैं, जो एयरोस्पेस इंडस्ट्री में कम्पोजिट के अत्याधुनिक शोध परिदृश्य पर ज्यादा जानकारी देंगे.

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कार्यशाला में आईआईटी मंडी के प्रोफेसर के अलावा डीआरडीओ के विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे. इस कार्यशाला के महत्व पर डॉ. शुभमय सेन, वर्कशॉप कॉर्डिनेटर और एसिस्टेंट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, आईआईटी मंडी ने कहा कि इस कार्यशाला के द्वारा भारत की महत्वाकांक्षा दुनिया का निर्माण केंद्र बनने की है.

इस कार्यशाला का विशेष प्रारूप इंजीनियरों और शोधकर्ताओं को कम्पोजिट मटीरियल्स के बारे में सैद्धांकित और व्यावहारिक पहलुओं के बारे में जानकारी देगा. जिससे वह समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हो सके. कार्यशाला विशेष कर इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों, इंजीनियरों और विभिन्न संस्थानों में कार्यरत वैज्ञानिकों के लिए लाभदायक साबित होगी.

Intro:मंडीः आईआईटी मंडी ने एयरोस्पेस के लिए एडवांस कम्पोजिट: डिज़ाइन, निर्माण और कंडिशन मॉनिटरिंग पर 11 से 15 फरवरी 2020 को आयोजित अपनी राष्ट्रीय कार्यशाला के लिए आवेदन आमंत्रित किया है। इच्छुक व्यक्ति 30 नवंबर 2019 या उससे पहले वर्कशाप की वेबसाइट https://iitmandi.ac.in/dmcmp/Registration.php के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। प्रतिभागियों को चयन की सूचना 5 जनवरी 2020 तक दी जाएगी।


Body:खास कर इंजीनियरों और शोधकर्ताओं के लिए डिज़ाइन की गई कार्यशाला का मकसद एयरोस्पेस के लिए एडवांस कम्पोजिट के डिज़ाइन, निर्माण और कंडिशन मॉनिटरिंग के अत्याधुनिक कांसेप्ट की जानकारी देना है। संस्थान एयरोनॉटिक्स शोध एवं विकास बोर्ड (डीआरडीओ) के प्रमुख वैज्ञानिकों की मेजबानी को लेकर उत्साहित है जो एयरोस्पेस इंडस्ट्री में कम्पोजिट के अत्याधुनिक शोध परिदृश्य पर ज़्यादा जानकारी देंगे। कार्यशाला में आईआईटी मंडी के प्रोफेसर के अलावा डीआरडीओ के विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे। इस कार्यशाला के महत्व पर डॉ. शुभमय सेन, वर्कशॉप कॉर्डिनेटर और एसिस्टेंट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, आईआईटी मंडी ने कहा कि भारत की महत्वाकांक्षा दुनिया का निर्माण केंद्र बनने की है। इसके लिए उद्योग के सभी क्षेत्रों में संस्थान के अंदर अत्याधुनिक डिज़ाइन और निर्माण के अभिनव कांसेप्ट तैयार करने पर जोर देना होगा। नागरिक उपयोग, रक्षा और व्यावसायिक एयरोस्पेस भी इस क्षेत्र में दुनिया के प्रमुख संस्थानों को प्रतिस्पर्धा देने के लिए अपने दायरे से बाहर कदम रख रहा है। पिछले दशक में एयरोस्पेस उद्योगों में कम्पोजिट मटीरियल्स की उपयोगिता बहुत बढ़ी है। सस्ती सेंसर तकनीकियों और शक्तिशाली कम्प्युटेशन की सुविधा बढ़ने के साथ कंडिशन मॉनिटरिंग एक नया पहलू बन कर सामने आया है जो हवाईजहाज में उपयोग किए गए कम्पोजिट मटीरियल्स की सुरक्षा एवं सेवा सुनिश्चित करेगा। एक सप्ताह की कार्यशाला का विशेष प्रारूप इसमें इंजीनियरों और शोधकर्ताओं को कम्पोजिट मटीरियल्स के बारे में सैद्धांकित और व्यावहारिक पहलुओं के बारे में जानकारी देगा ताकि वे समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हों। कार्यशाला विशेष कर इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों, इंजीनियरों और विभिन्न संस्थानों में कार्यरत वैज्ञानिकों के लिए लाभदायक होगा।  Conclusion:
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