मंडी: प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में सरकाघाट नगर पंचायत को नगर परिषद का दर्जा दिया है. कैबिनेट मीटिंग में इस फैसले को हरी झंडी भी दे दी गई है. नगर परिषद का दर्जा मिलने के बाद सरकाघाट की जनता में खुशी की लहर है.
सरकाघाट नगर पंचायत बनने से पहले 12 अगस्त 1981 को अधिसूचित क्षेत्रीय समिति के रूप में अस्तित्व में आई थी. बाद में इस समिति ने सरकाघाट की जनता के लिए अभूतपूर्व काम किए जिसके चलते 1995 में सरकाघाट को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया.
1996 से मांग हो रही थी
1996 में चयनित नगर पंचायत के प्रतिनिधियों ने आगे बढ़ते हुए सभी बाधाओं को दूर करते हुए विकास के कई काम किए. उसके बाद लंबे समय तक क्षेत्र की जनता सरकार से सरकाघाट को नगर परिषद बनाने की मांग कर रही थी. कई बार जनता ने जन प्रतिनिधियों के सामने समय-समय पर सरकाघाट को नगर परिषद का दर्जा देने के लिए आवाज उठाई. करीब 25 सालों के लंबे अंतराल के बाद अब सरकाघाट को नगर परिषद का दर्जा मिला है.
वर्तमान में 7 वार्ड
वर्तमान में सरकाघाट में 7 वार्ड हैं. इनमें लाका-टटीह, रामनगर, जमसाई, कलश, कुनालग, रोपा कालोनी, बैहड़ डबरोग शामिल हैं. मौजूदा अध्यक्ष संदीप वशिष्ट ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की. उन्होंने बताया दर्जा बढ़ने से जिम्मेदारियां और बढ़ गई हैं. जिनको पूरी इमानदारी से निभाया जाएगा. वहीं, क्षेत्र की जनता ने सरकाघाट को नगर नगर परिषद बनाने पर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया.
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