सराज: क्षेत्रीय अस्पताल मंडी द्वारा ड्रोन के माध्यम से दवाइयों की डिलीवरी का ट्रायल किया (medicines Delivery through drone In Seraj) गया. दरअसल मंडी के कांगणीधार हेलीपेड से अस्पताल प्रशासन द्वारा एक ड्रोन भेजा गया जिसमें करीब पांच किलो दवाइयां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बालीचौकी के लिए ट्रायल के तौर पर भेजी गई. कांगणीधार से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बालीचौकी का सफर करीब 2:30 घंटे का है लेकिन आजकल यहां फोरलेन का काम चला हुआ है जिस कारण जाम लगने से कई घंटे लग जाते हैं. लेकिन ड्रोन की सहायता से सिर्फ 28 मिनट में ही दवाइयों की डिलीवरी संभव हो पाई है.
ड्रोन के सफल ट्रायल के बाद अब इसका उपयोग किसी भी आपातकालीन स्थिति में किया जा सकता है. यह करीब 10 किलो तक का वजन उठाने में सक्षम है. वहीं, ड्रोन का अपना वजन करीब 30 से 35 किलो है और इसमें चार बैटरियां लगी हैं. ड्रोन की लागत 8 लाख रुपये है. ड्रोन से दवाओं की सप्लाई होने से आपातकालीन स्वास्थ्य उपचार और जांच सक्षम होगी. इसके अलावा भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप दुर्गम क्षेत्रों में दवाइयां पहुंचाने के लिए ड्रोन सेवाएं कारगर सिद्ध होंगी.
बीएमओ जंजैहली डॉ. पुष्पराज ने कहा कि ड्रोन के माध्यम (medicines Delivery through drone In Mandi) से दवाइयों की सप्लाई का सफल ट्रायल हो चुका है. जल्द ही इसकी सेवाएं सराज के दूरदराज क्षेत्रों में दी जाएंगी. जहां कोई नहीं जा सकता वहां ड्रोन की सहायता से दवाइयां पहुंचाई जाएंगी. सराज में जंजैहली, बालीचौकी, गाड़ागुसैणी के दूर दराज क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि कई बार दवाइयां समय पर न मिलने से मरीज की जान जा सकती है. लेकिन ऐसा न हो इसके लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा आपातकाल स्थिति में ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. ताकि समय रहते जिंदगी को बचाया जा सके.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में है दुनिया का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ, देश का पहला वोटर, जानें कुछ और दिलचस्प तथ्य