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क्या अब मंडी में स्थाई रैन बसेरा बनेगा? 2015 में कांग्रेस ने रखी थी आधारशिला - Night shelters for homeless in Mandi

कांग्रेस सरकार ने 2015 में जरूरतमंदों के रात्रि ठहराव के लिए मंडी में स्थाई रैन बसेरा बनाने के लिए शिलान्यास किया था. जिसका कार्य 7 सालों से लटका हुआ है. ऐसे में मंडी शहर के लोगों में एक बार फिर रैन बसेरा बनने को लेकर आस जगी है. हालांकि नगर निगम मंडी द्वारा जरूरतमंद लोगों को शहर के गुरु गोबिंद सिंह गुरुद्वारा में ठहराया जाता है. मंडी में रैन बसेरा न होते हुए भी नगर निगम अपने स्तर पर लोगों को सेवाएं दे रही है. (Municipal Corporation Mandi) (Night shelters for homeless in Mandi) (MC Mandi Shelter Homes facility)

Night shelters for homeless in Mandi
मंडी में स्थाई रैन बसेरा
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Published : Dec 14, 2022, 2:31 PM IST

Updated : Dec 14, 2022, 2:47 PM IST

मंडी में स्थाई रैन बसेरा.

मंडी: हिमाचल प्रदेश में सरकार ने नगर परिषदों और नगर निगमों में रात्रि ठहराव के लिए एक योजना शुरू की गई है. योजना के तहत ऐसे लोगों को छत दी जाएगी जो शहरों में फुटपाथ या फिर किसी अन्य स्थान पर मजबूरी में रात गुजारते हैं. इसी के तहत 2015 में कांग्रेस सरकार ने मंडी शहर में एक ऐसे रैन बसेरे का शिलान्यास किया था जिसका काम 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं हो पाया है. (Municipal Corporation Mandi) (Night shelters for homeless in Mandi)

ये कार्य शुरू होगा या नहीं इस बात की भी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन जब इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी फिलहाल मंडी शहर के टाउन हॉल में जहां पर अभी कुछ महीने पहले तक निगम का अस्थाई कार्यालय था वहीं पर अस्थाई तौर पर लोगों के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था की गई है. (MC Mandi Shelter Homes facility) (Shelter Homes facility to stay in Mandi for Night)

अधिकारियों ने बताया कि यहां पर पेड और फ्री लगभग 18 बेड लगाए गए हैं. जहां पर ऐसे लोग जो मंडी शहर में किसी मजबूरी में रुकना चाहते हैं, तो वे रुक सकते हैं. नगर निगम मंडी के संयुक्त आयुक्त कृष्ण कुमार शर्मा ने बताया कि इसके लिए एक समिति का गठन भी किया गया है, जिसमें सभी विभागों का समन्वय रहता है. इसके साथ ही मंडी शहर के गुरु गोबिंद सिंह गुरुद्वारा में भी दो कमरों को रैन बसेरे की सेवा के लिए खाली रखा जाता है. जहां पर जरूरतमंदों को ठहराया जाता है.

उन्होंने बताया कि मंडी में रैन बसेरा न होते हुए भी नगर निगम अपने स्तर पर लोगों को सेवाएं दे रही है. संयुक्त आयुक्त ने बताया कि मंडी ने अस्थाई रैन बसेरे की व्यवस्था होने के बाद शहर में ऐसे लोगों की रात को खोजबीन करने के लिए टीमें गठित की हैं जो जरूरतमंद लोगों की तलाश करते हैं और रात गुजारने के लिए रैन बसेरे में लाते हैं. इसके साथ ही आम लोगों को इस बारे में सूचित करने के लिए शहर के सार्वजनिक स्थानों जैसे बस अड्डा, अस्पताल में पोस्टर भी लगाए गए हैं.

उन्होंने बताया कि मंडी शहर में किसी के पास यदि रात को रुकने, खाने आदि के लिए व्यवस्था नहीं है तो वह रैन बसेरे की सेवाएं ले सकते हैं. बता दें कि 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने मंडी में रैन बसेरे का शिलान्यास किया था, लेकिन 2017 में सरकार बदलने के बाद रैन बसेरे का काम ठंडे बस्ते में पड़ गया. लेकिन पिछली सरकार ने भी इसे बनाने में कोई रूची नहीं दिखाई. उम्मीद यही जताई जा रही है कि अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने से मंडी में स्थाई रैन बसेरा बनेगा.

ये भी पढ़ें: दशकों के बाद नगर परिषद में रैन बसेरा का काम पूरा, जल्द होगा लोकार्पित

मंडी में स्थाई रैन बसेरा.

मंडी: हिमाचल प्रदेश में सरकार ने नगर परिषदों और नगर निगमों में रात्रि ठहराव के लिए एक योजना शुरू की गई है. योजना के तहत ऐसे लोगों को छत दी जाएगी जो शहरों में फुटपाथ या फिर किसी अन्य स्थान पर मजबूरी में रात गुजारते हैं. इसी के तहत 2015 में कांग्रेस सरकार ने मंडी शहर में एक ऐसे रैन बसेरे का शिलान्यास किया था जिसका काम 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं हो पाया है. (Municipal Corporation Mandi) (Night shelters for homeless in Mandi)

ये कार्य शुरू होगा या नहीं इस बात की भी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन जब इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी फिलहाल मंडी शहर के टाउन हॉल में जहां पर अभी कुछ महीने पहले तक निगम का अस्थाई कार्यालय था वहीं पर अस्थाई तौर पर लोगों के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था की गई है. (MC Mandi Shelter Homes facility) (Shelter Homes facility to stay in Mandi for Night)

अधिकारियों ने बताया कि यहां पर पेड और फ्री लगभग 18 बेड लगाए गए हैं. जहां पर ऐसे लोग जो मंडी शहर में किसी मजबूरी में रुकना चाहते हैं, तो वे रुक सकते हैं. नगर निगम मंडी के संयुक्त आयुक्त कृष्ण कुमार शर्मा ने बताया कि इसके लिए एक समिति का गठन भी किया गया है, जिसमें सभी विभागों का समन्वय रहता है. इसके साथ ही मंडी शहर के गुरु गोबिंद सिंह गुरुद्वारा में भी दो कमरों को रैन बसेरे की सेवा के लिए खाली रखा जाता है. जहां पर जरूरतमंदों को ठहराया जाता है.

उन्होंने बताया कि मंडी में रैन बसेरा न होते हुए भी नगर निगम अपने स्तर पर लोगों को सेवाएं दे रही है. संयुक्त आयुक्त ने बताया कि मंडी ने अस्थाई रैन बसेरे की व्यवस्था होने के बाद शहर में ऐसे लोगों की रात को खोजबीन करने के लिए टीमें गठित की हैं जो जरूरतमंद लोगों की तलाश करते हैं और रात गुजारने के लिए रैन बसेरे में लाते हैं. इसके साथ ही आम लोगों को इस बारे में सूचित करने के लिए शहर के सार्वजनिक स्थानों जैसे बस अड्डा, अस्पताल में पोस्टर भी लगाए गए हैं.

उन्होंने बताया कि मंडी शहर में किसी के पास यदि रात को रुकने, खाने आदि के लिए व्यवस्था नहीं है तो वह रैन बसेरे की सेवाएं ले सकते हैं. बता दें कि 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने मंडी में रैन बसेरे का शिलान्यास किया था, लेकिन 2017 में सरकार बदलने के बाद रैन बसेरे का काम ठंडे बस्ते में पड़ गया. लेकिन पिछली सरकार ने भी इसे बनाने में कोई रूची नहीं दिखाई. उम्मीद यही जताई जा रही है कि अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने से मंडी में स्थाई रैन बसेरा बनेगा.

ये भी पढ़ें: दशकों के बाद नगर परिषद में रैन बसेरा का काम पूरा, जल्द होगा लोकार्पित

Last Updated : Dec 14, 2022, 2:47 PM IST
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