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चंडीगढ़-मनाली NH पर पहाड़ी दरकने का खतरा, कभी भी हो सकता बड़ा हादसा

मंडी के डयोड में पहाड़ी दरकने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. बीते मंगलवार पहाड़ी दरकने से जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. पहाड़ी के पास सेंसर लगा दिए गए हैं, जिससे समय रहते सुरक्षा के इंतजाम किए जा सकें.

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Published : Jun 26, 2019, 5:24 PM IST

मंडी में NH किनारे पहाड़ी दरकने का खतरा

मंडी: चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे पर डयोड के पास पहाड़ी दरकने का खतरा बना हुआ है. बुधवार को डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने मौके का जायजा लिया. जिला प्रशासन ने जमीन के अंदर हो रही हलचल को जानने के लिए सेंसर लगा दिए हैं, जिससे समय रहते सुरक्षा के इंतजाम किए जा सकें. जानकारी के अनुसार, मंगलवार को पहाड़ी में हलचल देखी गई. इस दौरान पहाड़ी से भारी मलबा भी गिरा.

मंडी में NH किनारे पहाड़ी दरकने का खतरा

एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने पहाड़ी के पास रहने वाले तीन परिवारों को घर खाली करने के निर्देश दे दिए हैं. लोगों को मजबूरी में गोशाला में रहना पड़ रहा है. घरों में दरारें आ गई हैं, जिससे लोगों में डर बना हुआ है.

इन तीन परिवारों में 21 लोग रहते हैं. पीड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. प्रशासन ने तीनों परिवारों को अलग से शैड बनाने का आश्वासन दिया है.

बता दें कि अगस्त 2017 में मंडी के कोटरोपी में हुआ भूस्खलन हिमाचल के इतिहास का सबसे बड़ा लैंडस्लाइड था. पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा बस पर गिरने से 48 लोगों लोगों की जान चली गई थी. फोरलेन निर्माण के लिए की जा रही कटिंग के कारण ये स्थिति उत्पन्न हुई है. कटिंग के बाद पहाड़ी की पकड़ ढीली हो गई है, जिस कारण हल्की बारिश में ही पहाड़ी खिसकने लग गई है.

उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि पहाड़ी के पास दो और सेंसर लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे पहाड़ी में हो रही हलचल का पता लगाया जा सके. वहीं, पुलिस को भी मौके पर 24 घंटे तैनात कर दिया गया है, जिससे जरूरत पड़ने पर एन-एच में वाहनों की आवाजाही को समय रहते रोका जा सके.

मंडी: चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे पर डयोड के पास पहाड़ी दरकने का खतरा बना हुआ है. बुधवार को डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने मौके का जायजा लिया. जिला प्रशासन ने जमीन के अंदर हो रही हलचल को जानने के लिए सेंसर लगा दिए हैं, जिससे समय रहते सुरक्षा के इंतजाम किए जा सकें. जानकारी के अनुसार, मंगलवार को पहाड़ी में हलचल देखी गई. इस दौरान पहाड़ी से भारी मलबा भी गिरा.

मंडी में NH किनारे पहाड़ी दरकने का खतरा

एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने पहाड़ी के पास रहने वाले तीन परिवारों को घर खाली करने के निर्देश दे दिए हैं. लोगों को मजबूरी में गोशाला में रहना पड़ रहा है. घरों में दरारें आ गई हैं, जिससे लोगों में डर बना हुआ है.

इन तीन परिवारों में 21 लोग रहते हैं. पीड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. प्रशासन ने तीनों परिवारों को अलग से शैड बनाने का आश्वासन दिया है.

बता दें कि अगस्त 2017 में मंडी के कोटरोपी में हुआ भूस्खलन हिमाचल के इतिहास का सबसे बड़ा लैंडस्लाइड था. पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा बस पर गिरने से 48 लोगों लोगों की जान चली गई थी. फोरलेन निर्माण के लिए की जा रही कटिंग के कारण ये स्थिति उत्पन्न हुई है. कटिंग के बाद पहाड़ी की पकड़ ढीली हो गई है, जिस कारण हल्की बारिश में ही पहाड़ी खिसकने लग गई है.

उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि पहाड़ी के पास दो और सेंसर लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे पहाड़ी में हो रही हलचल का पता लगाया जा सके. वहीं, पुलिस को भी मौके पर 24 घंटे तैनात कर दिया गया है, जिससे जरूरत पड़ने पर एन-एच में वाहनों की आवाजाही को समय रहते रोका जा सके.

Intro:स्क्रिप्ट फ़ाइल पहले भेजी जा चुकी है।


Body:क्लोजिंग पीटीसी : राकेश राणा, संवाददाता, मंडी।


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