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मंडी शिवरात्रि: सराज घाटी के प्रसिद्ध देवता श्री चुंजवाला देवलुओं संग रवाना - Devta Dev Shri Chunjwala Konda

शुक्रवार को घाटी के प्रसिद्ध देवता देव श्री चुंजवाला कांढा स्थित देवालय से सैंकड़ों देवलुओं के साथ मंडी शिवरात्रि को रवाना हुए.

mandi shivratri festival
मंडी शिवरात्रि
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Published : Feb 21, 2020, 7:17 PM IST

सराज: मंडी में 22 फरवरी से आयोजित किए जा रहे शिवरात्रि उत्सव में सराज घाटी के देवी देवताओं का प्रवास शुरू हो गया है. शुक्रवार को घाटी के प्रसिद्ध देवता देव श्री चुंजवाला कांढा स्थित देवालय से सैकड़ों देवलुओं के साथ मंडी शिवरात्रि को रवाना हुए.

देव श्री चुंजवाला को सराज घाटी में शिव महादेव के रूप के पूजा जाता है. देवता का मूल निवास शालागाड़ नामक स्थान पर है. इसके अलावा 10 हजार फीट की ऊंचाई पर चुंजवाला नाम की पहाड़ी पर देवता का एक प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर में ज्येष्ठ मास में एक जगराते (होम) का आयोजन किया जाता है, जिसमें कुल्लू एवं मंडी क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु शरीक होते हैं.

देवता की मान्यता 7 हार में है, इस बार शिवरात्रि के लिए देव रथ नेहरा हार द्वारा ले जाया जा रहा है. शिवरात्रि में देव चुंजवाला रियासतकाल से जा रहे हैं. मान्यता है कि मंडी का एक राजा देव श्री चुंजवाला के अष्टधातु के मोहरे से प्रत्यक्ष रूप से बात करता था, हालांकि वर्तमान में उक्त मोहरा कंहा है किसी को पता नहीं है.

ये भी पढे़ं: महाशिवरात्रि विशेष: भगवान शिव का एक ऐसा धाम जहां मौजूद है स्फटिक शिवलिंग

सराज: मंडी में 22 फरवरी से आयोजित किए जा रहे शिवरात्रि उत्सव में सराज घाटी के देवी देवताओं का प्रवास शुरू हो गया है. शुक्रवार को घाटी के प्रसिद्ध देवता देव श्री चुंजवाला कांढा स्थित देवालय से सैकड़ों देवलुओं के साथ मंडी शिवरात्रि को रवाना हुए.

देव श्री चुंजवाला को सराज घाटी में शिव महादेव के रूप के पूजा जाता है. देवता का मूल निवास शालागाड़ नामक स्थान पर है. इसके अलावा 10 हजार फीट की ऊंचाई पर चुंजवाला नाम की पहाड़ी पर देवता का एक प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर में ज्येष्ठ मास में एक जगराते (होम) का आयोजन किया जाता है, जिसमें कुल्लू एवं मंडी क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु शरीक होते हैं.

देवता की मान्यता 7 हार में है, इस बार शिवरात्रि के लिए देव रथ नेहरा हार द्वारा ले जाया जा रहा है. शिवरात्रि में देव चुंजवाला रियासतकाल से जा रहे हैं. मान्यता है कि मंडी का एक राजा देव श्री चुंजवाला के अष्टधातु के मोहरे से प्रत्यक्ष रूप से बात करता था, हालांकि वर्तमान में उक्त मोहरा कंहा है किसी को पता नहीं है.

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