मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र से बीजेपी सासंद रामस्वरूप शर्मा की दिल्ली में संदिग्ध मौत हो गई. खबरों के मुताबिक, सांसद का शव उनके दिल्ली आवास पर फंदे से लटका पाया गया. ऐसे में खुदकुशी की आशंका भी जताई जा रही है.
सांसद का राजनीतिक सफर
रामस्वरूप शर्मा मंडी संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार सांसद बने थे. वह हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंद्र नगर से संबंध रखते थे. बीजेपी ने साल 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्हें मंडी सीट से उतारा था, जिसमें उनकी जीत हुई थी. उन्होंने कांग्रेस की प्रतिभा सिंह के खिलाफ 39,796 वोटों के मार्जिन से जीत हासिल की थी.
राजनीतिक सफर के अहम बिंदु
- राम स्वरूप शर्मा का संबंध मंडी जिले के जोगिंद्रनगर से था.
- वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सीनियर नेता थे.
- मंडी जिला बीजेपी के आयोजन सचिव रहे.
- उन्होंने एच पी राज्य खाद्य और नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया.
- रामस्वरूप शर्मा आरएसएस के सक्रिय सदस्य थे.
- 2014 में मंडी से बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की.
- 2019 में उन्हें दूसरी बार मंडी लोकसभा सीट से टिकट मिला और रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की.
- रामस्वरूप शर्मा का जन्म 10 जून 1958 को हुआ था
रामस्वरूप शर्मा का जन्म 10 जून 1958 को हुआ था. वे आरएसएस से जुड़े और संगठन में कई काम किए. बाद में वे भारतीय जनता पार्टी के मंडी जिला आयोजन सचिव रहे और बाद में प्रदेश सचिव भी रहे. वे संगठन महामंत्री के अहम पद पर भी रहे. उन्होंने वर्ष एनएचपीसी में भी काम किया था. बाद में वे चुनावी राजनीति में आए और सांसद बने.
रिकॉर्ड मतों से आश्रय शर्मा को हराया था
पिछले चुनाव में उन्होंने मंडी से आश्रय शर्मा को रिकॉर्ड मतों से हराया था. लोकसभा चुनाव 2019 में वह मंडी से ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद दूसरे बार संसद पहुंच थे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा को करीब चार लाख मतों के भारी अंतर से हराकर जीत दर्ज की है. यह मंडी संसदीय क्षेत्र की अब तक की सबसे बड़ी और ऐतिहासिक जीत रही है.
उनकी धर्मपत्नी का नाम चंपा शर्मा है. सांसद के तीन बेटे हैं. उनके बड़े बेटे दिल्ली रवाना हो गए हैं. राम स्वरूप शर्मा के पैतृक घर जोगिंद्र नगर में बड़ी संख्या में उनके चाहने वाले शोक प्रकट करने के लिए पहुंच रहे हैं.
हिमाचलियों के लिए उल्लेखनीय कार्य
रामस्वरूप शर्मा ने कई विकासात्मक कार्य किए. उन्होंने तत्तापानी जलमग्न पीड़ितों की मांगों को लेकर आंदोलन करने की चेतावनी दी थी. जब वह 2019 में दूसरी बार मंडी निर्वाचन क्षेत्र के सांसद बने, तो उन्होंने जिले को इको-टूरिज्म जोन में बदलने की योजना बनाई थी. उन्होंने खराब वित्तीय स्थिति के चलते बंद हुई नमक की खदानों को फिर से चालू करने के लिए काम किया था.
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