मंडी: हिमाचल प्रदेश में आपदा के बाद भी मुसीबत टलने का नाम नहीं ले रही है. भारी बारिश के बाद मौसम साफ होते ही मंडी के कल्यार गांव में लैंडस्लाइड का खतरा पैदा हो गया है. गावं के 11 घर भूस्खलन के चलते खतरे की जद में आ गए हैं. वहीं, इन मकानों में आई बड़ी-बड़ी दरारों से मुसीबत अंदर झांक रही है. इन घरों को गिरने से बचाया जा सकता है, बशर्ते सरकार त्वरित कार्रवाई करे.
मंडी शहर के साथ लगते कल्यार गांव में 11 घर भूस्खलन के कारण खतरे की जद में आ गए हैं. बीती 13 और 14 अगस्त को हुई भारी बारिश के कारण इन सभी घरों के आगे जमीन धंस गई है. जिस कारण घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं. प्रशासन ने इन प्रभावितों को फौरी राहत के तौर पर तिरपाल तो मुहैया करवाए हैं, लेकिन तिरपाल इस समस्या का समाधान नहीं है. प्रभावित भवानी सिंह ने बताया कि वर्षों की सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद, उन्होंने जमापूंजी से सपनों का आशियाना बनाया था, लेकिन अब यहां अब रहने में खतरा है.
भवानी सिंह अपने भाई के घर पर रह रही हैं. उन्होंने सरकार से निवेदन किया है कि जल्द से जल्द डंगा लगाए जाए. ताकि घर को सुरक्षित बचाया जा सके. प्रभावित मालवी पटियाल, प्रेम लता और भीम सिंह ने बताया उनके घरों के बाहर जमीन बहुत ज्यादा धंस चुकी है. यदि यह और धंसती है तो, फिर घर नहीं बचेगा. कहीं और रहने की व्यवस्था नहीं है. इसलिए डर के साए में इसी घर में रहना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द लैंडस्लाइड वाले स्थान पर सुरक्षित और पक्का डंगा लगाने की मांग की है.
यह क्षेत्र नगर निगम के नेला वार्ड के अधीन आता है. पार्षद राजेंद्र मोहन ने बताया कि वे सरकार के बजट का इंतजार कर रहे हैं. जैसे ही बजट आता है तो कल्यार गांव में डंगों का निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर करवाया जाएगा. क्योंकि समय रहते इन घरों को यदि नहीं बचाया गया तो, भविष्य में बहुत भयावह स्थिति हो सकती है. उन्होंने सरकार से बजट को जल्द से जल्द जारी करने की गुहार लगाई.