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प्री-प्राइमरी ऑनलाइन दाखिलों में मंडी प्रदेश में अव्वल, स्कूलों में इतने बच्चों ने लिया एडिमशन

प्रदेश में प्री-प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन एडिमशन लेने के मामले में मंडी जिला अव्वल चल रहा है. समग्र शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए यहां 516 स्कूलों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा दी जा रही है. वहीं, 145 नए प्राथमिक विद्यालयों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने की प्रस्ताव शिमला भेजा गया है.

हिमाचल प्रदेश सरकार
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Published : Jul 26, 2021, 3:37 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश सरकार(Himachal Pradesh Government) ने अक्टूबर 2018 से राज्य में 3 वर्ष व 4 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का खेल खेल में सर्वांगीण विकास के लिए नर्सरी कक्षाएं (प्री-प्राइमरी) शुरू की गई. वर्तमान समय में राज्य के 3840 स्कूलों और जिले के 516 स्कूलों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा (Education) प्रदान की जा रही है. कोविड-19 महामारी के समय में भी इन आयु वर्ग के बच्चों के लिए राज्य के स्रोत व्यक्तियों द्वारा तैयार बाल उपयोगी सामग्री हर-घर पाठशाला के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई.

अभिभावकों और अध्यापकों के सहयोग से बच्चों ने इन गतिविधियों में भाग लिया. हर घर पाठशाला के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई पाठ्य सामग्री (study material) को अभिभावकों ने सराहा और बताया कि हर घर पाठशाला कार्यक्रम के दौरान बच्चों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न नहीं हुई. कोरोना काल (corona period) में जब स्कूल बंद थे उस दौरान राज्य परियोजना कार्यालय ने नर्सरी और केजी कक्षाओं में ऑनलाइन दाखिले (online admission) की व्यवस्था शुरू की गई. राज्य स्तर पर जिलों में होने वाले नामांकन को देखने के लिए डैशबोर्ड (dashboard) बनाया गया है.

शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 में राज्य में 28271 बच्चों ने नर्सरी व केजी कक्षाओं में दाखिला लिया, जिस में जिले के 4909 बच्चों ने दाखिला लिया. इन दाखिलों की संख्या के अनुसार जिला पूरे प्रदेश प्रथम स्थान पर चल रहा है. जिला परियोजना अधिकारी सुशील अरोड़ा (District Project Officer Sushil Arora) ने बताया कि समग्र शिक्षा उपलब्ध करवाये गए अनुदान से सुसज्जित कमरे, टी एल एम, बाल उपयोगी मेज, कुर्सियां, झूले और खिलौनों से बच्चों का सर्वांगीण विकास किया जा रहा है. इसके चलते ज्यादा से ज्यादा अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला नजदीकी सरकारी पाठशाला में करवा रहे हैं.

जिला प्री प्राइमरी समन्वयक वीरेंद्र पाल ने बताया कि पिछले और इस शैक्षणिक वर्ष में बच्चों ने निजी पाठशालाओं से सरकारी विद्यालय में दाखिला लिया. अभिभावक (Guardian) अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलवाने के लिए रूचि दिखा रहे हैं. सभी अध्यापकों को इन बच्चों को कैसे शिक्षित करना है के लिए ऑनलाइन माध्यम से 7 सत्रों में राज्य स्त्रोत व्यक्तियों ने प्रशिक्षित किया गया. शैक्षणिक वर्ष के लिए 145 नए प्राथमिक विद्यालयों में प्री- प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने की प्रपोजल शिमला भेजा गया है.

ये भी पढ़ें:करगिल विजय की कहानी, कैप्टन श्यामलाल शर्मा की जुबानी

मंडी: हिमाचल प्रदेश सरकार(Himachal Pradesh Government) ने अक्टूबर 2018 से राज्य में 3 वर्ष व 4 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का खेल खेल में सर्वांगीण विकास के लिए नर्सरी कक्षाएं (प्री-प्राइमरी) शुरू की गई. वर्तमान समय में राज्य के 3840 स्कूलों और जिले के 516 स्कूलों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा (Education) प्रदान की जा रही है. कोविड-19 महामारी के समय में भी इन आयु वर्ग के बच्चों के लिए राज्य के स्रोत व्यक्तियों द्वारा तैयार बाल उपयोगी सामग्री हर-घर पाठशाला के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई.

अभिभावकों और अध्यापकों के सहयोग से बच्चों ने इन गतिविधियों में भाग लिया. हर घर पाठशाला के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई पाठ्य सामग्री (study material) को अभिभावकों ने सराहा और बताया कि हर घर पाठशाला कार्यक्रम के दौरान बच्चों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न नहीं हुई. कोरोना काल (corona period) में जब स्कूल बंद थे उस दौरान राज्य परियोजना कार्यालय ने नर्सरी और केजी कक्षाओं में ऑनलाइन दाखिले (online admission) की व्यवस्था शुरू की गई. राज्य स्तर पर जिलों में होने वाले नामांकन को देखने के लिए डैशबोर्ड (dashboard) बनाया गया है.

शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 में राज्य में 28271 बच्चों ने नर्सरी व केजी कक्षाओं में दाखिला लिया, जिस में जिले के 4909 बच्चों ने दाखिला लिया. इन दाखिलों की संख्या के अनुसार जिला पूरे प्रदेश प्रथम स्थान पर चल रहा है. जिला परियोजना अधिकारी सुशील अरोड़ा (District Project Officer Sushil Arora) ने बताया कि समग्र शिक्षा उपलब्ध करवाये गए अनुदान से सुसज्जित कमरे, टी एल एम, बाल उपयोगी मेज, कुर्सियां, झूले और खिलौनों से बच्चों का सर्वांगीण विकास किया जा रहा है. इसके चलते ज्यादा से ज्यादा अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला नजदीकी सरकारी पाठशाला में करवा रहे हैं.

जिला प्री प्राइमरी समन्वयक वीरेंद्र पाल ने बताया कि पिछले और इस शैक्षणिक वर्ष में बच्चों ने निजी पाठशालाओं से सरकारी विद्यालय में दाखिला लिया. अभिभावक (Guardian) अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलवाने के लिए रूचि दिखा रहे हैं. सभी अध्यापकों को इन बच्चों को कैसे शिक्षित करना है के लिए ऑनलाइन माध्यम से 7 सत्रों में राज्य स्त्रोत व्यक्तियों ने प्रशिक्षित किया गया. शैक्षणिक वर्ष के लिए 145 नए प्राथमिक विद्यालयों में प्री- प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने की प्रपोजल शिमला भेजा गया है.

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