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बेटियों को बचाने के बाद अब उन्हें पढ़ाने की "प्रज्ञा", मंडी जिला प्रशासन ने शुरू की एक और नई मुहिम

प्रज्ञा के तहत जिला प्रशासन ने बच्चियों को बेहतर शिक्षा देने का बीड़ा उठाया है. जिला प्रशासन की इस पहल का सीएम जयराम ठाकुर गर्ल्स स्कूल मंडी से विधिवत शुभारंभ करेंगे. डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि दो वर्षों तक दी जाने वाली इस कोचिंग का सारा खर्च बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत किया जाएगा

बेटियों को बचाने के बाद अब उन्हें पढ़ाने की "प्रज्ञा", मंडी जिला प्रशासन ने शुरू की एक और नई मुहीम
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Published : Sep 21, 2019, 8:02 AM IST

मंडी: बेटियों को बचाने के बाद अब मंडी जिला प्रशासन ने इस नारे के दूसरे पहलू यानी बेटियों को पढ़ाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं. जिला प्रशासन ने 'प्रज्ञा' नाम से एक नई पहल करने की सोची है. इस पहल का सीएम जयराम ठाकुर मंडी से विधिवत शुभारंभ करेंगे.

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ भारत सरकार की बेटियों के संरक्षण को लेकर चली इस योजना के पहले पहलू पर देश भर में काम हो रहा है. हर तरफ बेटियों को बचाने पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन इस नारे के दूसरे पहलू की तरफ काफी कम काम हो रहा है. यही कारण है कि मंडी जिला प्रशासन ने इस नारे के दूसरे पहलू पर काम करने की नई पहल की है और इस पहल को नाम दिया गया है 'प्रज्ञा'.

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डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कुछ दिन पहले जब इस नई पहल को शुरू करने की सोची तो मंडी शहर और इसके आसपास के सरकारी स्कूलों में 11वीं कक्षा की मेडिकल और नॉन मेडिकल की छात्राओं के बीच एक परीक्षा करवाई गई. इस परीक्षा में टॉप 20 छात्राओं का चयन किया गया और अब इन छात्राओं को एंट्रांस एग्जाम की फ्री में कोचिंग दी जाएगी.

चयनित 20 छात्राओं को स्कूल टाईम के बाद रोजाना एक घंटा फ्री में कोचिंग दी जाएगी. इसके लिए प्रशासन ने कोचिंग देने वाली संस्थाओं से टाई-अप किया है. इस कोचिंग के लिए सिलेक्ट हुई छात्राओं में प्रशासन की नई पहल को लेकर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है.

बता दें कि मंडी जिला में भारत सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को शुरू किए अभी एक वर्ष का समय भी नहीं बीता है और इस छोटे से अंतराल में ही जिला को दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं. जब यह योजना देश भर में शुरू हुई थी तो प्रशासन ने ’’मेरी लाडली’’ अभियान की अपने स्तर पर शुरूआत करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था. आज जिला में न सिर्फ बेटियों के जन्म के प्रति लोगों की सोच बदली है बल्कि उनकी शिक्षा के प्रति भी सोच में बहुत बड़ा बदलाव आया है.

मंडी: बेटियों को बचाने के बाद अब मंडी जिला प्रशासन ने इस नारे के दूसरे पहलू यानी बेटियों को पढ़ाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं. जिला प्रशासन ने 'प्रज्ञा' नाम से एक नई पहल करने की सोची है. इस पहल का सीएम जयराम ठाकुर मंडी से विधिवत शुभारंभ करेंगे.

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ भारत सरकार की बेटियों के संरक्षण को लेकर चली इस योजना के पहले पहलू पर देश भर में काम हो रहा है. हर तरफ बेटियों को बचाने पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन इस नारे के दूसरे पहलू की तरफ काफी कम काम हो रहा है. यही कारण है कि मंडी जिला प्रशासन ने इस नारे के दूसरे पहलू पर काम करने की नई पहल की है और इस पहल को नाम दिया गया है 'प्रज्ञा'.

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डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कुछ दिन पहले जब इस नई पहल को शुरू करने की सोची तो मंडी शहर और इसके आसपास के सरकारी स्कूलों में 11वीं कक्षा की मेडिकल और नॉन मेडिकल की छात्राओं के बीच एक परीक्षा करवाई गई. इस परीक्षा में टॉप 20 छात्राओं का चयन किया गया और अब इन छात्राओं को एंट्रांस एग्जाम की फ्री में कोचिंग दी जाएगी.

चयनित 20 छात्राओं को स्कूल टाईम के बाद रोजाना एक घंटा फ्री में कोचिंग दी जाएगी. इसके लिए प्रशासन ने कोचिंग देने वाली संस्थाओं से टाई-अप किया है. इस कोचिंग के लिए सिलेक्ट हुई छात्राओं में प्रशासन की नई पहल को लेकर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है.

बता दें कि मंडी जिला में भारत सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को शुरू किए अभी एक वर्ष का समय भी नहीं बीता है और इस छोटे से अंतराल में ही जिला को दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं. जब यह योजना देश भर में शुरू हुई थी तो प्रशासन ने ’’मेरी लाडली’’ अभियान की अपने स्तर पर शुरूआत करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था. आज जिला में न सिर्फ बेटियों के जन्म के प्रति लोगों की सोच बदली है बल्कि उनकी शिक्षा के प्रति भी सोच में बहुत बड़ा बदलाव आया है.

Intro:मंडी। बेटियों को बचाने के बाद अब मंडी जिला प्रशासन ने इस नारे के दूसरे पहलू यानी बेटियों को पढ़ाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं। जिला प्रशासन ने ’’प्रज्ञा’’ नाम से एक नई पहल करने की सोची है। इस पहल का रविवार को सीएम जयराम ठाकुर मंडी से विधिवत शुभारंभ करेंगे।





Body:बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ। भारत सरकार की बेटियों के संरक्षण को लेकर चली इस योजना के पहले पहलू पर देश भर में काम हो रहा है। हर तरफ बेटियों को बचाने पर जोर दिया जा रहा है लेकिन इस नारे के दूसरे पहलू की तरफ काफी कम काम हो रहा है। यही कारण है कि मंडी जिला प्रशासन ने इस नारे के दूसरे पहलू पर काम करने की नई पहल की है और इस पहल को नाम दिया गया है "प्रज्ञा"। प्रज्ञा के तहत जिला प्रशासन ने बच्चियों को बेहतर शिक्षा देने का बीड़ा उठाया है। डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कुछ दिन पहले जब इस नई पहल को शुरू करने की सोची तो मंडी शहर और इसके आसपास के सरकारी स्कूलों में 11वीं कक्षा की मेडिकल और नाॅन मेडिकल की छात्राओं के बीच एक परीक्षा करवाई। इस परीक्षा में टाॅप 20 छात्राओं का चयन किया गया और अब इन छात्राओं को एंट्रांस एग्ज़ाम की फ्री में कोचिंग दी जाएगी। रविवार को जिला प्रशासन की इस पहल का सीएम जयराम ठाकुर गल्र्ज स्कूल मंडी से विधिवत शुभारंभ करेंगे। डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि दो वर्षों तक दी जाने वाली इस कोचिंग का सारा खर्च बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत किया जाएगा। अभी यह प्रयास सिर्फ गल्र्ज स्कूल मंडी से शुरू किया जा रहा है लेकिन आने वाले समय में इसे जिला के अधिक से अधिक स्कूलों तक पहुंचाने का प्रयास रहेगा।


बाइट - ऋग्वेद ठाकुर, डीसी मंडी

चयनित 20 छात्राओं को स्कूल टाईम के बाद रोजाना एक घंटा फ्री में कोचिंग दी जाएगी। इसके लिए प्रशासन ने कोचिंग देने वाली संस्थाओं से टाई-अप किया है। इस कोचिंग के लिए सिलेक्ट हुई छात्राओं में प्रशासन की नई पहल को लेकर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। चयनित छात्रा ज्योति ने बताया कि यह कोचिंग लेने से 12वीं के बाद उसका एक साल बच जाएगा। क्योंकि 12वीं के बाद मेडिकल या नाॅन मेडिकल स्ट्रीम में आगे जाने के लिए कई एंट्रांस टेस्ट देने पड़ते हैं और उनके लिए लाखों रूपए खर्च करके कोचिंग लेनी पड़ती है। लेकिन अब यह कोचिंग उन्हें फ्री में डेली स्टडी के साथ मिलेगी। इससे इनके धन और समय दोनों की बचत होगी।


बाइट - ज्योति, छात्रा


Conclusion:बता दें कि मंडी जिला में भारत सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना को शुरू किए अभी एक वर्ष का समय भी नहीं बीता है और इस छोटे से अंतराल में ही जिला को दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। जब यह योजना देश भर में शुरू हुई थी तो प्रशासन ने ’’मेरी लाडली’’ अभियान की अपने स्तर पर शुरूआत करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था। आज जिला में न सिर्फ बेटियों के जन्म के प्रति लोगों की सोच बदली है बल्कि उनकी शिक्षा के प्रति भी सोच में बहुत बड़ा बदलाव आया है।
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