करसोग/मंडीः करसोग में कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने को बाहरी राज्य के रेड जोन से आने वाले लोगों को अब घर नहीं भेजा जाएगा. सरकार के नए निर्देशों के मुताबिक उपमंडल की सीमा में प्रवेश करते ही ऐसे सभी लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन सेंटरों में रखा जाएगा.
इसके लिए प्रशासन ने कॉलेज सहित सीनियर सेकेंडरी स्कूल, प्राइमरी स्कूल व पंचायतों के गेस्ट हाउस में 52 क्वारंटाइन सेंटर स्थापित किए हैं. जहां रहने वाले लोगों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा. इस बारे में प्रशासन ने पूरे प्रबंध कर लिए हैं. सभी सेंटरों में कर्मचारियों की नियुक्ति कर जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.
बता दें कि प्रदेश सरकार के निर्णय के मुताबिक विभिन्न राज्यों में फंसे हिमाचल वासियों को विशेष ट्रेनों के माध्यम से वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है. इसमें बुधवार को बेंगलौर से ऊना पहुंचने वाली ट्रेन में करीब 50 लोग जिला मंडी के हैं.
उसके बाद 574 व्यक्ति महाराष्ट्र से और 510 गोवा से आने हैं. इन सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन ने हर उपमंडल पर विशेष प्रबंध किए गए हैं. 14 दिनों की क्वारंटाइन अवधि पूरी करने के बाद ही इन लोगों को वापस घर भेजा जाएगा.
करसोग की सीमाओं पर पुख्ता प्रबंध
करसोग के एंट्री प्वाइंटों में पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. यहां आने जाने वालों पर पुलिस की कड़ी नजर है. अन्य जिलों से आने वाले लोगों को भी यहां से पास चैक करने के बाद छोड़ा जा रहा है.
यही नहीं एंट्री प्वाइंट पर करसोग आने वाले हर व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है. इसी के लोगों को प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है. बाहर से आने वाले लोगों की पहचान करने के लिए एंट्री प्वाइंट पर जनप्रतिधि भी लोगों की पहचान करने में पुलिस को सहयोग कर रहे हैं.
एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि सरकार के नए निर्देशों के तहत रेड जोन से जो भी व्यक्ति आता है, उसको इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन सेंटरों में ही रखा जाएगा. करसोग सब डिवीजन में 52 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं.
पढ़ेंः लॉकडाउन: HPTDC के होटलों ने भी शुरू की ऑर्डर पर खाना देने की सुविधा