मंडी: हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून की भारी तबाही मचाई. प्रदेशभर में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. मंडी जिले में ब्यास नदी में आई बाढ़ ने अपना रौद्र रूप दिखाया. जिसमें कई सड़कें और पुल बह गए. मंडी जिले के पंडोह में स्थित 100 साल पुराना लाल पुल भी इस आपदा की भेंट चढ़ गया. पंडोह और बदार के लोग पुल बह जाने से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. पुल के बह जाने से लोगों को अब दूसरे वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ रहा है. जो की काफी दूरी पर स्थित है. इसके अलावा इसका सीधा असर कारोबार पर भी पड़ा है. लाल पुल के बह जाने से पंहोड बाजार में कारोबार भी ठप होता जा रहा है.
लाल पुल बहा, मुश्किलें बढ़ीं: वहीं, अब प्रदेश सरकार द्वारा पंडोह में 100 साल पुराना लाल पुल बह जाने के बाद अब यहां पर झूला पुल बनाया जाएगा. पीडब्ल्यूडी द्वारा इस स्थान पर अस्थायी तौर पर झूला पुल बनाया जा रहा है. इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया है. इस झूला पुल के जरीए लोग जरूरी सामान को नदी के आर-पार ले जा सकेंगे. जबकि इस पुल पर एक समय में सिर्फ एक व्यक्ति ही जा सकेगा.
PWD मंत्री से की स्थायी पुल की मांग: हालांकि प्रदेश सरकार ने कहा है कि यह झूला पुल अस्थायी व्यवस्था होगी. पंडोह में पुराने पुल के स्थान पर नया स्थाई पुल बनाया जाएगा. बावजूद इसके पंडोह और बदार के लोगों को ये डर सता रहा है कि कहीं झूला पुल बन जाने के बाद वे हमेशा के लिए इसी पर झूलते न रह जाएं और स्थाई पुल का निर्माण ही न हो. पंहोड और बदार के लोगों का कहना है कि जब पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कई स्थानों पर कम समय में वैली ब्रिज बनवा डाले हैं तो पंडोह को क्यों इस सौगात से महरूम रखा है. यहां के लोगों ने प्रदेश सरकार और पीडब्ल्यूडी मंत्री से पंडोह में जल्द से जल्द स्थायी पुल बनाने की मांग की है.
पंडोह वासियों की मांग: पंडोह निवासी कृष्ण सैनी, रोहित कुमार, कुलदीप ठाकुर और रेणू धवन ने बताया कि पंडोह का 100 साल पुराना लाल पुल टूटने के बाद बाजार में एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है, क्योंकि रोजाना बदार क्षेत्र की एक दर्जन पंचायतों के लोगों का पंडोह आना-जाना लगा रहता था. जिससे पंहोड बाजार में कारोबार चलता था, लेकिन पुल टूटने के बाद अब यहां कोई नहीं आ रहा. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार झूला पुल का निर्माण कर रही है, उसका वह विरोध नहीं करते हैं, बल्कि टूटे हुए पुल के स्थान पर स्थायी पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कहीं ऐसा न हो कि झूला पुल पर पंडोह और बदार के लोग झूलते ही रह जाएं.
'झूला पुल अस्थायी व्यवस्था': पंहोड और बदार के लोगों की मांग को देखते हुए पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर ने लोगों को आश्वस्त किया है कि झूला पुल सिर्फ अस्थायी व्यवस्था के तौर पर बनाया जा रहा है, क्योंकि स्थायी पुल के निर्माण में अभी समय लगेगा. उन्होंने कहा कि आगामी समय में स्थायी पुल भी बनाकर दिया जाएगा, ताकि यहां के लोगों को सुविधा हो और बदार के लोगों को पंडोह बाजार और एनएच-5 तक आने में भी कोई परेशानी न हो.