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CM का ड्रीम प्रोजेक्ट: बल्ह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए जल्द होगा लीडार सर्वे - lidar survey in balh

सीएम जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बल्ह के लिए 2 हफ्ते के भीतर लीडार सर्वे करवाया जाएगा. सर्वे के लिए विभाग को भी निर्देश दे दिए गए हैं और इस सर्वे से एयरपोर्ट के निर्माण से संबंध में वास्तविकता का पता लग सकेगा. उप निदेशक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग मंडी पंकज शर्मा ने बताया कि बल्ह में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण से पहले प्रदेश सरकार बैकफोस लिमिटेड जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से लीडार सर्वे करवाएगी.

International Airport Balh News, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बल्ह न्यूज
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Published : Feb 12, 2021, 10:30 AM IST

Updated : Feb 12, 2021, 11:04 AM IST

मंडी: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बल्ह के लिए 2 हफ्ते के भीतर लीडार सर्वे करवाया जाएगा. जिसके लिए प्रदेश सरकार ने भी मंजूरी दे दी है. बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर काफी समय से केंद्र सरकार से इस मसले को उठा रहे हैं.

सर्वे के लिए विभाग को भी निर्देश दे दिए गए हैं और इस सर्वे से एयरपोर्ट के निर्माण से संबंध में वास्तविकता का पता लग सकेगा. उप निदेशक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग मंडी पंकज शर्मा ने बताया कि बल्ह में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण से पहले प्रदेश सरकार बैकफोस लिमिटेड जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से लीडार सर्वे करवाएगी.

लीडार सर्वे के लिए हाई पावर कमेटी का गठन

उन्होंने बताया कि लीडार सर्वे हेलीकॉप्टर की मदद से किया जाएगा. पंकज शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार के आदेश मिलने के बाद पर्यटन विभाग ने लीडार सर्वे के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया है, इस कमेटी को पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक रॉबिन चार्ज की अध्यक्षता में बनाया गया है.

प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रदेश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा

बता दें कि बल्ह में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रदेश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा. यह एयरपोर्ट पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. विभाग की मानें तो हवाई अड्डे का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा पहले चरण में 2400 मीटर का रनवे बनाया जाएगा. जिसके लिए 3400 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.

क्या होता है लीडार सर्वे

लीडार एक एडवांस तकनीक है जिसमें हेलीकॉप्टर के ऊपर लेजर से लैस उपकरण होते हैं. इस तकनीक के जरिये जमीन पर मौजूद हर एक चीज का डिटेल में विवरण मिलता है। जमीन पर रास्ता कैसा है, कहां गड्ढे हैं, कहां ऊंचाई है या फिर कहां नदी और नाले हैं, इन सब की सटीक जानकारी लीडार तकनीक से मिलती है. तकनीक की मदद से कॉरिडोर की लंबाई, चौड़ाई, अलाइनमेंट, स्टेशन, डिपो, जमीन की जरूरत का बिल्कुल सही खाका तैयार होता है. इससे प्रोजेक्ट डिजाइन तैयार करने में आसानी होती है.

ये भी पढ़ें- पर्यटकों का फिर से स्वागत करने के लिए रामोजी फिल्म सिटी तैयार, 18 फरवरी से शुरुआत

मंडी: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बल्ह के लिए 2 हफ्ते के भीतर लीडार सर्वे करवाया जाएगा. जिसके लिए प्रदेश सरकार ने भी मंजूरी दे दी है. बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर काफी समय से केंद्र सरकार से इस मसले को उठा रहे हैं.

सर्वे के लिए विभाग को भी निर्देश दे दिए गए हैं और इस सर्वे से एयरपोर्ट के निर्माण से संबंध में वास्तविकता का पता लग सकेगा. उप निदेशक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग मंडी पंकज शर्मा ने बताया कि बल्ह में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण से पहले प्रदेश सरकार बैकफोस लिमिटेड जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से लीडार सर्वे करवाएगी.

लीडार सर्वे के लिए हाई पावर कमेटी का गठन

उन्होंने बताया कि लीडार सर्वे हेलीकॉप्टर की मदद से किया जाएगा. पंकज शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार के आदेश मिलने के बाद पर्यटन विभाग ने लीडार सर्वे के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया है, इस कमेटी को पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक रॉबिन चार्ज की अध्यक्षता में बनाया गया है.

प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रदेश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा

बता दें कि बल्ह में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रदेश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा. यह एयरपोर्ट पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. विभाग की मानें तो हवाई अड्डे का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा पहले चरण में 2400 मीटर का रनवे बनाया जाएगा. जिसके लिए 3400 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.

क्या होता है लीडार सर्वे

लीडार एक एडवांस तकनीक है जिसमें हेलीकॉप्टर के ऊपर लेजर से लैस उपकरण होते हैं. इस तकनीक के जरिये जमीन पर मौजूद हर एक चीज का डिटेल में विवरण मिलता है। जमीन पर रास्ता कैसा है, कहां गड्ढे हैं, कहां ऊंचाई है या फिर कहां नदी और नाले हैं, इन सब की सटीक जानकारी लीडार तकनीक से मिलती है. तकनीक की मदद से कॉरिडोर की लंबाई, चौड़ाई, अलाइनमेंट, स्टेशन, डिपो, जमीन की जरूरत का बिल्कुल सही खाका तैयार होता है. इससे प्रोजेक्ट डिजाइन तैयार करने में आसानी होती है.

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Last Updated : Feb 12, 2021, 11:04 AM IST
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