करसोग: नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद जिला मंडी के करसोग दौरे पर पहली बार पहुंचे जयराम ठाकुर ने प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए ये संघर्ष का समय जरूर है, लेकिन प्रदेश में जिस तरह के हालात बने हैं, ये सरकार अधिक समय तक चलने वाली नहीं है. जयराम ठाकुर ने कहा कि लोगों को दी गई 10 गारंटियों को पूरा करते-करते सुक्खू सरकार की अपनी गारंटी पूरी हो जाएंगी. जयराम ठाकुर करसोग में पीडब्ल्यूडी के चिंडी स्थित रेस्ट हाउस में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे.
धूमल और वीरभद्र ने भी बदले की भावना से नहीं किया काम: पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इतिहास में पहली बार हुआ है कि प्रदेश में 11 दिसंबर को सरकार बनी और अगले ही दिन 12 दिसंबर को तालाबंदी हो गई. पूर्व में भाजपा सरकार ने जनता की मांग पर जो संस्थान खोले थे, सुक्खू सरकार ने सत्ता में आते ही उन्हें बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व किसी सरकार ने कभी बदले की भावना से काम नहीं किया. जयराम ठाकुर ने कहा कि धूमल और वीरभद्र में भी आपसी राजनीतिक मतभेद थे, उनकी भी काफी लड़ाई होती थी, लेकिन विकास की बात को लेकर दोनों ही नेता आपसी मतभेदों को भुला देते थे.
सुख की सरकार बन जाएगी दुख की सरकार: जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में सुख की सरकार के बड़े बड़े होर्डिंग लग रहे हैं. लेकिन जिस तरह से बदले की भावना से काम हो रहे हैं, जल्द ही ये दुख की सरकार बन जाएगी. उन्होंने कहा कि भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाने के लिए पूरा प्रयास किया. इसके बाद भी कहीं कुछ कमी रह गई होगी, लेकिन विधानसभा चुनाव में मंडी जिला का अच्छा योगदान रहा है.
सीमेंट फैक्ट्रियों में तालाबंदी से 200 करोड़ का नुकसान: जयराम ठाकुर ने कहा कि दो महीने तक सीमेंट फैक्ट्रियों ताला लटकने से प्रदेश को 200 करोड़ का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश में सबसे कम वोट के अंतर से कांग्रेस की सरकार बनी है. ऐसा पहली बार हुआ है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में हम विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं और जनता के हक को दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे.
अगला लक्ष्य लोकसभा चुनाव: जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारा अगला लक्ष्य लोकसभा चुनाव है. इसमें भाजपा की भारी मतों के अंतर से जीत हो, इसके लिए आप लोगों के सहयोग की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रदेश ढाई महीने की सरकार ने संस्थानों को बंद करके जनता को जो तोहफा दिया है. उसके खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है. इसलिए जल्द ही हम हर विधानसभा क्षेत्र में जाएंगे और सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगें. उन्होंने कहा कि अब विधानसभा सत्र होने जा रहा है. अगर जरूरत पड़ी तो जहां भी संस्थान बंद हुए हैं, वहां से सभी लोगों को बुलाया जाएगा और विधानसभा में कहा जाएगा कि ये सुख की नहीं दुख की सरकार है.
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