मंडीः अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में इलाका उत्तर शाल के देव आदि ब्रह्मा ने सदियों से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए कार बांधकर मंडी नगर को सुरक्षा कवच प्रदान किया. ढोल नगाड़ों की थाप पर 10 बजे के करीब माता सिद्ध काली के प्रांगण में कार बांधने की प्रक्रिया शुरू हुई.
इस दौरान देवता के गुरों ने तलवारों से हैरतअंगेज करतब कर बुरी शक्तियों को दूर भगाया. करीब 3 घंटे तक मंडी नगर का चक्कर काटकर देव आदि ब्रह्मा ने कार बांधकर सुरक्षा कवच प्रदान किया.
शहर की परिक्रमा के बाद करीब 1 बजे देवता वापिस माता सिद्ध काली के प्रांगण में पहुंचे और यहां पर शुरू हुई आसुरी शक्तियों को दूर भगाने और मंडी नगर को सुरक्षा कवच प्रदान करने की दैवीय प्रक्रिया. बताया जाता है कि रजवाड़ा शाही के दौर में मंडी नगर में प्लेग की बीमारी फैल गई थी. इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए राजा ने देव आदि ब्रह्मा से मदद मांगी तो देव ने कार बांधकर इस बीमारी से मंडी की प्रजा को मुक्ति दिलाई.
इसके बाद से शिवरात्रि महोत्सव में लगातार इस दैवीय प्रक्रिया को निभाया जाता है. सदियों से इस परंपरा को देव आदि ब्रह्मा निभा रहे हैं. सर्व देवता सेवा समिति के सदस्य रेवती राम ने कहा कि सदियों से इस परंपरा को निभाया जा रहा है.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में रेवती राम ने कहा कि तलवार से करतब कर बुरी शक्तियों को दूर भगाया जाता है. कार बांधने के लिए आटे से बनी भस्म का इस्तेमाल किया जाता है. सदियों पुरानी इस परंपरा को देव आदि ब्रह्मा बखूबी शिवरात्रि महोत्सव में निभा रहे हैं.