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ब्रिटेन में नगा पूर्वजों की खोपड़ी की नीलामी का विरोध, नगालैंड के सीएम ने जयशंकर को लिखा पत्र

नगालैंड के सीएम नेफ्यू रियो ने विदेश मंत्री जयशंकर से अपील की है कि नीलामी रोककर नगा लोगों की भावनाओं की रक्षा की जाए.

Nagaland CM Seeks Jaishankar's Help To Stop Auction Of Naga Ancestor's Skull In UK
विदेश मंत्री एस जयशंकर (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 8, 2024, 10:20 PM IST

कोहिमा/ गुवाहाटी: नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर ब्रिटेन में नगा समुदाय के मानव अवशेषों की निर्धारित नीलामी को रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है. सीएम रियो ने बताया कि ब्रिटेन के टेट्सवर्थ में स्वान फाइन आर्ट द्वारा नगा समुदाय के एक मानव खोपड़ी की नीलामी का आयोजन किया गया है. नीलामी 9 अक्टूबर, 2024 को निर्धारित है.

नगा पूर्वज की खोपड़ी की प्रस्तावित बिक्री को नगा लोगों के लिए भावनात्मक और पवित्र मुद्दा बताते हुए रियो ने जयशंकर से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि नीलामी रोककर नगाओं के अधिकारों और भावनाओं की रक्षा की जाए.

दरअसल, ब्रिटेन के टेट्सवर्थ में स्वान फाइन आर्ट नीलामी का आयोजन कर रहा है, जिसमें एक नगा मानव की खोपड़ी को '19वीं सदी की सींग वाली नगा मानव खोपड़ी' के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. इसका मूल्य 3500 से 4000 यूके पाउंड है. बताया जा रहा है कि यह बेल्जियम के एक्स फ्रांसियोस कोपेन्स संग्रह के पास थी.

नगा पैतृक मानव खोपड़ी 'द क्यूरियस कलेक्टर्स सेल' नामक नीलामी का एक हिस्सा है और इसे पुरातन पुस्तकों, पांडुलिपियों, चित्रों, आभूषणों, चीनी मिट्टी की चीजें और फर्नीचर के साथ सूचीबद्ध किया गया है.

एफएनआर ने नीलामी का विरोध किया
फोरम फॉर नगा रिकॉन्सिलिएशन (FNR) ने इस अमानवीय और हिंसक प्रथा की निंदा की है, जहां स्वदेशी पूर्वजों के मानव अवशेष 21वीं सदी में भी संग्रहकर्ता के लिए वस्तु बने हुए हैं.

एफएनआर के संयोजक वाटी ऐयर (Wati Aier) ने कहा कि नगा मानव अवशेषों को लोगों की सहमति के बिना ले जाया गया था. ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में प्रशासकों और सैनिकों द्वारा 19वीं शताब्दी में नगा मातृभूमि पर कब्जा कर लिया गया था, जबकि नगा ग्रामीणों ने ब्रिटिश दंडात्मक अभियानों का विरोध किया था.

उन्होंने कहा, ये मानव अवशेष ब्रिटिश हुकूमत में नगा लोगों पर हिंसा के प्रतीक हैं. हम इस बात से आहत और दुखी हैं कि नगा पूर्वज की खोपड़ी की नीलामी की जा रही है." उन्होंने आगे कहा कि वे न केवल इस अन्याय की निंदा करते हैं बल्कि अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि 9 अक्टूबर की नीलामी को तुरंत रोककर नगा लोगों की आवाज सुनी जाए.

एफएनआर ने बताया कि अतीत में ऐसी नीलामी रोकी गई है, जैसे- मिस्र की मानव खोपड़ी की बिक्री और स्कॉटलैंड के एंगस के कंकाल अवशेषों की बिक्री को वापस लेना.

यह भी पढ़ें- तनावपूर्ण संबंधों के बीच विदेश मंत्री जयशंकर जाएंगे पाकिस्तान, दुनिया कर रही इंतजार

कोहिमा/ गुवाहाटी: नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर ब्रिटेन में नगा समुदाय के मानव अवशेषों की निर्धारित नीलामी को रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है. सीएम रियो ने बताया कि ब्रिटेन के टेट्सवर्थ में स्वान फाइन आर्ट द्वारा नगा समुदाय के एक मानव खोपड़ी की नीलामी का आयोजन किया गया है. नीलामी 9 अक्टूबर, 2024 को निर्धारित है.

नगा पूर्वज की खोपड़ी की प्रस्तावित बिक्री को नगा लोगों के लिए भावनात्मक और पवित्र मुद्दा बताते हुए रियो ने जयशंकर से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि नीलामी रोककर नगाओं के अधिकारों और भावनाओं की रक्षा की जाए.

दरअसल, ब्रिटेन के टेट्सवर्थ में स्वान फाइन आर्ट नीलामी का आयोजन कर रहा है, जिसमें एक नगा मानव की खोपड़ी को '19वीं सदी की सींग वाली नगा मानव खोपड़ी' के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. इसका मूल्य 3500 से 4000 यूके पाउंड है. बताया जा रहा है कि यह बेल्जियम के एक्स फ्रांसियोस कोपेन्स संग्रह के पास थी.

नगा पैतृक मानव खोपड़ी 'द क्यूरियस कलेक्टर्स सेल' नामक नीलामी का एक हिस्सा है और इसे पुरातन पुस्तकों, पांडुलिपियों, चित्रों, आभूषणों, चीनी मिट्टी की चीजें और फर्नीचर के साथ सूचीबद्ध किया गया है.

एफएनआर ने नीलामी का विरोध किया
फोरम फॉर नगा रिकॉन्सिलिएशन (FNR) ने इस अमानवीय और हिंसक प्रथा की निंदा की है, जहां स्वदेशी पूर्वजों के मानव अवशेष 21वीं सदी में भी संग्रहकर्ता के लिए वस्तु बने हुए हैं.

एफएनआर के संयोजक वाटी ऐयर (Wati Aier) ने कहा कि नगा मानव अवशेषों को लोगों की सहमति के बिना ले जाया गया था. ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में प्रशासकों और सैनिकों द्वारा 19वीं शताब्दी में नगा मातृभूमि पर कब्जा कर लिया गया था, जबकि नगा ग्रामीणों ने ब्रिटिश दंडात्मक अभियानों का विरोध किया था.

उन्होंने कहा, ये मानव अवशेष ब्रिटिश हुकूमत में नगा लोगों पर हिंसा के प्रतीक हैं. हम इस बात से आहत और दुखी हैं कि नगा पूर्वज की खोपड़ी की नीलामी की जा रही है." उन्होंने आगे कहा कि वे न केवल इस अन्याय की निंदा करते हैं बल्कि अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि 9 अक्टूबर की नीलामी को तुरंत रोककर नगा लोगों की आवाज सुनी जाए.

एफएनआर ने बताया कि अतीत में ऐसी नीलामी रोकी गई है, जैसे- मिस्र की मानव खोपड़ी की बिक्री और स्कॉटलैंड के एंगस के कंकाल अवशेषों की बिक्री को वापस लेना.

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