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दो महीने से वेतन नहीं मिलने पर भड़के मजदूर, कंपनी प्रबंधन के खिलाफ खोला मोर्चा - मंडी न्यूज

नागचला से मनाली के बीच निर्माणाधीन फोरलेन कार्य में लगी केएमसी कंपनी के खिलाफ मजदूरों का गुस्सा फूट पड़ा है. मंगलवार को सीटू के बैनर तले फोरलेन निर्माण में कार्यरत मजदूरों ने केएमसी कंपनी के खिलाफ हड़ताल कर विरोध जताया है.

labour protest outside KMC Company office
केएमसी कंपनी कार्यालय के बाहर मजदूरों ने दिया धरना
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Published : Dec 17, 2019, 10:01 PM IST

मंडी: नागचला से मनाली के बीच निर्माणाधीन फोरलेन कार्य में लगी केएमसी कंपनी के खिलाफ मजदूरों का गुस्सा फूट पड़ा है. मंगलवार को सीटू के बैनर तले फोरलेन निर्माण में कार्यरत मजदूरों ने केएमसी कंपनी के खिलाफ हड़ताल कर विरोध जताया है.

मजदूरों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी दो महीने से वेतन नहीं दे रही है. सीटू जिला सचिव राजेश कुमार ने कहा कि मजदूरों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है. निर्माणाधीन साइट पर कैंप में रहने का कोई प्रावधान नहीं है. मजदूरों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता है. सेफ्टी का भी कोई प्रावधान नहीं है. साथ ही मजदूरों के लिए कोई आई कार्ड भी नहीं है.

राजेश कुमार ने कहा कि मजदूरों का कोई ड्यूटी टाइम नहीं है. रविवार के दिन भी जबरदस्ती ड्यूटी ली जा रही है और ओवरटाइम भी नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को श्रम कानून के तहत वेतन और सुविधाएं देने की मांग की है.

इस दौरान सीटू नेताओं की केएमसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर रामजी राजेश्वर रेडी के साथ वार्त्ता भी हुई, लेकिन वह भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए. राजेश कुमार ने कहा कि उन्होंने इस बारे में चंडीगढ़ में केंद्रीय सहायक श्रम आयुक्त से फोन पर शिकायत की है और उन्होंने बुधवार को वार्ता के लिए बुलाया है. मीटिंग में चर्चा के बाद आगामी रणनीति बनाई जाएगी.

वीडियो रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को 'तोहफा', अन्नदाताओं को बांटे जा रहे हैं मुफ्त में बीज

मंडी: नागचला से मनाली के बीच निर्माणाधीन फोरलेन कार्य में लगी केएमसी कंपनी के खिलाफ मजदूरों का गुस्सा फूट पड़ा है. मंगलवार को सीटू के बैनर तले फोरलेन निर्माण में कार्यरत मजदूरों ने केएमसी कंपनी के खिलाफ हड़ताल कर विरोध जताया है.

मजदूरों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी दो महीने से वेतन नहीं दे रही है. सीटू जिला सचिव राजेश कुमार ने कहा कि मजदूरों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है. निर्माणाधीन साइट पर कैंप में रहने का कोई प्रावधान नहीं है. मजदूरों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता है. सेफ्टी का भी कोई प्रावधान नहीं है. साथ ही मजदूरों के लिए कोई आई कार्ड भी नहीं है.

राजेश कुमार ने कहा कि मजदूरों का कोई ड्यूटी टाइम नहीं है. रविवार के दिन भी जबरदस्ती ड्यूटी ली जा रही है और ओवरटाइम भी नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को श्रम कानून के तहत वेतन और सुविधाएं देने की मांग की है.

इस दौरान सीटू नेताओं की केएमसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर रामजी राजेश्वर रेडी के साथ वार्त्ता भी हुई, लेकिन वह भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए. राजेश कुमार ने कहा कि उन्होंने इस बारे में चंडीगढ़ में केंद्रीय सहायक श्रम आयुक्त से फोन पर शिकायत की है और उन्होंने बुधवार को वार्ता के लिए बुलाया है. मीटिंग में चर्चा के बाद आगामी रणनीति बनाई जाएगी.

वीडियो रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को 'तोहफा', अन्नदाताओं को बांटे जा रहे हैं मुफ्त में बीज

Intro:मंडी। नागचला से मनाली के बीच निर्माणाधीन फोरलेन कार्य में लगी केएमसी कंपनी के खिलाफ मजदूरों का गुस्सा फूट पड़ा है। मंगलवार को सीटू के बैनर तले फोरलेन निर्माण में कार्यरत मजदूरों ने केएमसी कंपनी के खिलाफ हड़ताल कर विरोध जताया।Body:कंपनी में कार्यरत मजदूरों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी मजदूरों का 2 माह से वेतन नहीं दे रही है। जिससे मजदूरों को खाने के लाले पड़ गए हैं। इस अवसर पर सीटू जिला सचिव राजेश कुमार ने कहा कि मजदूरों को 2 माह से वेतन नहीं मिला है। निर्माणाधीन साइट पर कैंप में रहने की कोई प्रावधान नहीं है। मजदूरों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता, सेफ्टी का भी कोई प्रावधान नहीं है, मजदूरों के लिए कोई आई कार्ड नहीं है, मनमर्जी का वेतन दिया जा रहा है तथा ड्यूटी भी मनमर्जी की ली जा रही है, कोई ड्यूटी टाइम नहीं है, रविवार के दिन भी जबरदस्ती ड्यूटी ली जा रही है, ओवरटाइम भी नहीं दिया जा रहा है, कंपनी में कार्यरत मजदूरों को ढंग से चाय, नाश्ता व खाना भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को श्रम कानूनों के तहत वेतन व  सुविधाएं दी जाएं। इस दौरान सीटू नेताओं की केएमसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर रामजी राजेश्वर रेडी के साथ वार्ता भी हुई, लेकिन वह भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। राजेश कुमार ने बताया कि उन्होंने इस बारे में चंडीगढ़ में केंद्रीय सहायक श्रम आयुक्त से फोन पर शिकायत की गई है तथा उन्होंने बुधवार को वार्ता के लिए बुलाया है। मीटिंग में चर्चा के बाद आगामी रणनीति बनाई जाएगी। सीटू नेताओं ने मांग करते हुए कहा कि अगर कंपनियां श्रम कानूनों के तहत मजदूरों को वेतन व अन्य सुविधाएं नहीं देती है तो इनके लाइसेंस रद्द किए जाएं। Conclusion:इस अवसर पर जिला कार्यालय सचिव गोपेंद्र शर्मा, सुरेश सरवाल, केएमसी यूनिट के प्रधान राकेश कुमार, सचिव लेखराज, उपप्रधान जय सिंह, शेर सिंह, मनोज, बलवंत व अन्य उपस्थित थे।
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