मंडी: हिमाचल प्रदेश भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन ने फोरलेन का कार्य कर रही केएमसी कंपनी पर मजदरों को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं. यूनियन का कहना है कि कंपनी ने पिछले दो महीने से मजदूरों को वेतन नहीं दिया है और उनका ईपीएफ का पैसी भी खाते में जमा नहीं हो रहा है.
सोमवार को हिमाचल प्रदेश भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन का एक प्रतिनिधि मंडल सीटू के बैनर तले उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर से मिला. इस मौके पर प्रतिनिधि मंडल ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर मजदूरों को उनका हक दिलाने की मांग की है.
सीटू यूनियन प्रधान राकेश कुमार ने कहा कि पिछले 2 महीने से मजदूरों को वेतन नहीं मिला है, जिस कारण मजदूर अपनी मांगों को लेकर पिछले 8 दिन से हड़ताल पर हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी अभी भी मजदूरों की मांगों को मानने से इंकार कर रही है. उन्होंने कहा कि कंपनी प्रशासन हड़ताली मजदूरों को डरा धमका रही है और पिछले दिन से खाने की व्यवस्था को भी बंद कर दिया है, इसके साथ बिजली पानी को भी बंद करने की धमकी दे रहे हैं.
राकेश कुमार ने कहा कि सोमवार को एक बार फिर यूनियन ने जिला उपायुक्त को अपनी मांगों के बारे में सूचित किया है और कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि मजदूरों को उनका हक मिल सके.
गौरतलब है कि कंपनी के इस रवैये के बारे में जिला प्रशासन को पहले भी कई बार अवगत करवाया गया है, लेकिन प्रशासन के द्वारा आज दिन तक मजदूरों की मांगों की कोई सुध नहीं ली गई. जिस कारण मजबूरी में मजदूरों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. मजदूर अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्षरत है, उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया जाता है तो मजबूरी में मजदूरों को आंदोलन को तेज करना पड़ेगा.
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