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Karsog News: पीडब्ल्यूडी को जंगलों और खड्डों में अवैध डंपिंग करने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का नोटिस, 7 दिनों में मांगा जवाब

Karsog News: मंडी जिले के करसोग में अवैध डंपिंग करने पर पीडब्ल्यूडी विभाग को नोटिस जारी कर सात दिनों में जवाब मांगा गया है. वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऑफिस जिला मंडी के रीजनल ऑफिसर अतुल परमार का कहना है कि अगर पीडब्ल्यूडी की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं पाया जाता है तो... पढ़ें पूरी खबर...

Notice to PWD on illegal dumping in Karsog
पीडब्ल्यूडी को जंगलों और खड्डों में अवैध डंपिंग करने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का नोटिस
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 5, 2023, 5:55 PM IST

करसोग: मंडी जिले के करसोग में जंगलों और खड्डों में अवैध डंपिंग करने पर पीडब्ल्यूडी को को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने विभाग को तुरंत प्रभाव से जंगलों समेत खड्डों में अवैध तरीके से डाले गए मलवे को हटाने, अवैध डंपिंग को रोकने और भविष्य में अवैध डंपिंग को रोकने के लिए उचित कदम उठाने को लेकर 7 दिनों में जवाब मांगा है. बताया जा रहा है कि इसको लेकर अगर विभाग का जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता है तो पीडब्ल्यूडी के खिलाफ एनजीटी नियमों के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसमें प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत जुर्माने और जेल दोनों का प्रावधान है.

चिन्हित स्थानों पर ही डंपिंग की इजाजत: बता दें कि उपमंडल में सड़क निर्माण के दौरान निकलने वाले मलवे को चिन्हित स्थानों पर ही डंपिंग की अनुमति दी जाती है, लेकिन करसोग में गैस गोदाम से बरल तक निकाले गए बाईपास निर्माण के दौरान भारी लापरवाही बरती गई है. यहां अधिक पैसे बचाने के लालच में सड़क निर्माण से निकाले गए मलवे को चिन्हित डंपिंग साइट में न डालकर साथ बहने वाली खड्ड में ही मलवे के ढेर लगा दिए.

इसी खड्ड में आगे पेयजल योजनाएं भी बनाई गई है. ऐसे में बरसात के दिनों में खड्डों में डाले गए मलवे से पानी भी दूषित हो रहा है. जो लोगों की सेहत से खुलेआम खिलवाड़ है. ये केवल उदाहरण है. उपमंडल में विभिन्न स्थानों पर सड़क निर्माण के दौरान मलवे को साथ लगते जंगलों में डाला गया है. वहीं, सड़क निर्माण के लिए पहले ही डंपिंग साइट अलॉट की जाती है, लेकिन ठेकेदार पैसे बचाने के चक्कर में अवैध डंपिंग करते हैं. जो एक जांच का विषय है.

हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऑफिस जिला मंडी के रीजनल ऑफिसर अतुल परमार का कहना है कि अवैध डंपिंग करने पर पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता को नोटिस जारी किया गया है. विभाग को ऐसा जवाब सात दिनों में मांगा गया है. अगर पीडब्ल्यूडी की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में राशन कार्ड धारकों को मिल रहा फोर्टिफाइड चावल, गर्भवती महिला और शिशुओं के लिए फायदेमंद, एनीमिया से होगा बचाव

करसोग: मंडी जिले के करसोग में जंगलों और खड्डों में अवैध डंपिंग करने पर पीडब्ल्यूडी को को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने विभाग को तुरंत प्रभाव से जंगलों समेत खड्डों में अवैध तरीके से डाले गए मलवे को हटाने, अवैध डंपिंग को रोकने और भविष्य में अवैध डंपिंग को रोकने के लिए उचित कदम उठाने को लेकर 7 दिनों में जवाब मांगा है. बताया जा रहा है कि इसको लेकर अगर विभाग का जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता है तो पीडब्ल्यूडी के खिलाफ एनजीटी नियमों के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसमें प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत जुर्माने और जेल दोनों का प्रावधान है.

चिन्हित स्थानों पर ही डंपिंग की इजाजत: बता दें कि उपमंडल में सड़क निर्माण के दौरान निकलने वाले मलवे को चिन्हित स्थानों पर ही डंपिंग की अनुमति दी जाती है, लेकिन करसोग में गैस गोदाम से बरल तक निकाले गए बाईपास निर्माण के दौरान भारी लापरवाही बरती गई है. यहां अधिक पैसे बचाने के लालच में सड़क निर्माण से निकाले गए मलवे को चिन्हित डंपिंग साइट में न डालकर साथ बहने वाली खड्ड में ही मलवे के ढेर लगा दिए.

इसी खड्ड में आगे पेयजल योजनाएं भी बनाई गई है. ऐसे में बरसात के दिनों में खड्डों में डाले गए मलवे से पानी भी दूषित हो रहा है. जो लोगों की सेहत से खुलेआम खिलवाड़ है. ये केवल उदाहरण है. उपमंडल में विभिन्न स्थानों पर सड़क निर्माण के दौरान मलवे को साथ लगते जंगलों में डाला गया है. वहीं, सड़क निर्माण के लिए पहले ही डंपिंग साइट अलॉट की जाती है, लेकिन ठेकेदार पैसे बचाने के चक्कर में अवैध डंपिंग करते हैं. जो एक जांच का विषय है.

हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऑफिस जिला मंडी के रीजनल ऑफिसर अतुल परमार का कहना है कि अवैध डंपिंग करने पर पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता को नोटिस जारी किया गया है. विभाग को ऐसा जवाब सात दिनों में मांगा गया है. अगर पीडब्ल्यूडी की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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