करसोग: मंडी जिले में करसोग वासियों को एक ही छत के नीचे कई तरह की सुविधाओं के लिए अभी और इंतजार करना होगा. यहां बरल में 37 करोड़ की लागत से निर्माणधीन करसोग मिनी सचिवालय का कार्य पैसे की कमी से अधर में लटक गया है. भवन का निर्माणकार्य पूर्व भाजपा सरकार में दो साल पहले शुरू हुआ था. जो मई 2023 में बनकर तैयार होना था, लेकिन पैसे की कमी की वजह से भवन का कार्य निर्धारित समय में पूरा नहीं हो पाया है. तहसील मुख्यालय में निर्माणाधीन इस मिनी सचिवालय में कई विभागों के ऑफिस एक की छत के नीचे खोले जाने हैं, जिससे लोगों को जरूरी कार्यों के लिए इधर-उधर भटकने से छुटकारा मिल जाना था.
अभी तक 15.50 करोड़ का हुआ कार्य: करसोग में निर्माणाधीन मिनी सचिवालय का अभी तक 15.50 करोड़ का कार्य हो चुका है, लेकिन इसके एवज में पीडब्ल्यूडी को सरकार से 6.50 करोड़ ही मिले हैं. जिसका भुगतान ठेकेदार को किया जा चुका है. वहीं, बाकी के कार्य की करीब 9 करोड़ की पेमेंट ठेकेदार को को दी जानी बाकी है. ऐसे में विभाग पर भी पैसे चुकाने का काफी दवाब बना हुआ है. 6 मंजिला मिनी सचिवालय में पार्किंग की सुविधा सहित कई प्रमुख विभागों के ऑफिस खोले जाने है. इसका मकसद लोगों को एक ही छत के नीचे सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराना है.
नवंबर 2021 में कार्य हुआ था शुरू: करसोग मिनी सचिवालय की आधारशिला नवंबर 2021 में पूर्व विधायक हीरालाल ने रखी थी. इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य मई 2023 तक निर्धारित किया गया था. आरंभ में मिनी सचिवालय की निर्माण लागत करीब 14.50 करोड़ थी, लेकिन इसके बाद लोगों की सुविधा को देखते हुए एरिया बढ़ाए जाने के साथ भवन में कई तरह के और प्रावधान रखे गए. जिस कारण मिनी सचिवालय की निर्माण लागत बढ़ कर अब 37 करोड़ के करीब हो गई है.
पीडब्ल्यूडी को हो रही पैसे की कमी: अधिशाषी अभियंता अरविंद भारद्वाज ने कहा कि मिनी सचिवालय का निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा था, लेकिन पैसे की कमी की वजह से कार्य में दिक्कतें आ रही हैं. उन्होंने कहा कि मिनी सचिवालय का एरिया बढ़ने और कुछ नए प्रावधानों के बाद मिनी सचिवालय की निर्माण लागत अब 37 करोड़ बन रही हैं. ये मामला हायर अथॉरिटी को पहले ही भेजा जा चुका है.
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