मंडी: पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपने गृह विधानसभा क्षेत्र सराज के बालीचौकी में हड़ताल पर बैठे जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों के साथ मुलाकात करने के बाद कांग्रेस सरकार पर तंज कसा. जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता से बाहर रहकर जिन कर्मचारियों के बीच बैठकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू यह कहते थे कि यह तो एक दिन का काम है. आज सत्ता में बैठने के दस महीने बीत जाने के बाद भी उस काम को क्यों नहीं कर पा रहे हैं.
कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का विरोध: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की मांग को पूरा करने में कुछ टेक्निकल इश्यू जरूर हैं, लेकिन ऐसा भी नहीं कि इसका कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता. उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे जिला परिषद कैडर कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकालना दुर्भाग्यपूर्ण है. सुखविंदर सरकार को अपने फैसले को वापिस लेना चाहिए.
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कांग्रेस सरकार ने जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों के साथ सीधे तौर पर अन्याय किया है, जो बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।
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कांग्रेस ने चुनाव से पहले इन कर्मचारियों को नियमित करने का वायदा किया था आज जब ये कर्मचारी उसे वायदे को पूरा करने के लिए आवाज उठा रहे हैं तो इन्हें कांग्रेस सरकार… pic.twitter.com/HohiXVUUaG
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— Jairam Thakur 🇮🇳 (@jairamthakurbjp) October 20, 2023
कांग्रेस ने चुनाव से पहले इन कर्मचारियों को नियमित करने का वायदा किया था आज जब ये कर्मचारी उसे वायदे को पूरा करने के लिए आवाज उठा रहे हैं तो इन्हें कांग्रेस सरकार… pic.twitter.com/HohiXVUUaGकांग्रेस सरकार ने जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों के साथ सीधे तौर पर अन्याय किया है, जो बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।
— Jairam Thakur 🇮🇳 (@jairamthakurbjp) October 20, 2023
कांग्रेस ने चुनाव से पहले इन कर्मचारियों को नियमित करने का वायदा किया था आज जब ये कर्मचारी उसे वायदे को पूरा करने के लिए आवाज उठा रहे हैं तो इन्हें कांग्रेस सरकार… pic.twitter.com/HohiXVUUaG
नेता प्रतिपक्ष का तंज: जयराम ठाकुर ने सुखविंदर सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सत्ता से बाहर रहते हुए कांग्रेस के नेता खुद को कर्मचारी हितैषी बताने से गुरेज नहीं करते थे, लेकिन आज 10 महीनों में इन्हीं नेताओं की सरकार ने 10 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया है. जिसमें अधिकतर आउटसोर्स के कर्मचारी शामिल हैं. कांग्रेस को इस बात को समझना होगा कि कर्मचारी अक्सर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करते हैं और आंदोलन करते रहते हैं, लेकिन कर्मचारियों के साथ इस तरह का व्यवहार करना और उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाना, यह किसी भी लिहाज से सही नहीं है.
क्या है मामला: गौरतलब है कि प्रदेशभर में जिला परिषद कैडर के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. जिससे पंचायत स्तर के काम भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. वहीं, सुखविंदर सरकार ने भी इन हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को पहले तो काम पर लौटने की चेतावनी दी, लेकिन फिर भी जब कर्मचारी हड़ताल पर बैठे रहे तो कुछ कर्मचारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. वहीं, सुखविदंर सरकार की इस कार्रवाई पर विपक्ष हमलावर हो गया है.
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