मंडी: चंद्रयान-3 के मून पर लैंड करने के बाद पूरे भारत में खुशी का माहौल है. सभी इस मिशन में शामिल साइंटिस्ट्स की तारीफ कर रहे हैं. वहीं, देवभूमि हिमाचल से भी कई होनहार साइंटिस्ट्स ने इस अभूतपूर्व मिशन में अपना योगदान दिया है. ऐसे ही मंडी जिले के एक साइंटिस्ट प्रषुम्न हैं, जो कि चंद्रयान-3 मिशन में शामिल रहे हैं. साइंटिस्ट प्रषुम्न का घर पहुंचने पर स्थानीय लोगों और पंचायत प्रतिनिधियों ने भव्य स्वागत किया.
साइंटिस्ट का घर लौटने पर स्वागत: मंडी जिले की द्रंग विधानसभा क्षेत्र के गवारडू गांव के रहने वाले 25 वर्षीय प्रषुम्न ने मिशन चंद्रयान-3 में अपनी भागीदारी निभाई है. चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद आज वो अपने घर पहुंचे. यहां पहुंचने पर ग्राम पंचायत टांडू की तरफ से पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने अपने इलाके के इस होनहार साइंटिस्ट का फूल मालाएं पहनाकर जोरदार और भव्य स्वागत किया. पंचायत के प्रांगण में आयोजित समारोह में प्रषुम्न को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.
मिशन चंद्रयान-3 में भागीदारी: बता दें कि प्रषुम्न चंद्रयान-3 के क्रायोजेनिक इंजन बनाने वाली टीम का हिस्सा थे. चंद्रयान-3 जिस रॉकेट पर सवार होकर पृथ्वी की कक्षा से बाहर गया उस रॉकेट का नाम मार्क-3 था और इस रॉकेट में क्रायोजेनिक इंजन लगे थे. इन इंजन को बनाने में साइंटिस्ट प्रषुम्न ने अहर भूमिका निभाई. प्रषुम्न ने स्थानीय लोगों का अपने भव्य स्वागत के लिए आभार जताया. इस मौके पर प्रषुम्न ने कहा कि इस मिशन में उनका बहुत ही छोटा सा रोल था, लेकिन जिस तरह से लोगों ने उन्हें मान-सम्मान दिया है वो अविस्मरणीय है.
प्रषुम्न का युवाओं के लिए संदेश: इस दौरान इसरो साइंटिस्ट प्रषुम्न ने भावी युवा पीढ़ी को साइंस और टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने का संदेश भी दिया. उन्होंने कहा कि साइंस की फिल्ड में बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं और युवाओं को इस ओर आगे बढ़ना चाहिए. प्रषुम्न ने बताया कि वे भविष्य में साइंस और टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में बहुत कुछ करना चाहते हैं और इस कार्य को किसी भी माध्यम से या किसी भी रूप में करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
'गर्व के क्षण': प्रषुम्न की माता ऋतु सुमन ने कहा कि यह उनके लिए गर्व के क्षण हैं कि देश के इतने बड़े मिशन में उनके बेटे ने भी अपनी भागीदारी निभाई है. रोल भले ही छोटा था, लेकिन महत्वपूर्ण था और ये ही संतोष की बात है. उन्होंने कहा कि घर पहुंचने पर जो मान-सम्मान क्षेत्र के लोगों ने उनके बेटे को दिया है उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है. इससे क्षेत्र के अन्य युवा भी प्रेरित होंगे. बता दें कि प्रषुम्न इसरो के लिए बतौर साइंटिस्ट 25 जुलाई 2019 से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. प्रषुम्न की माता ऋतु सुमन अध्यापिका हैं, जबकि पिता घनश्याम एलआईसी अधिकारी हैं.