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शरारती तत्व उखाड़ ले गए पेयजल लाइन, भीषण गर्मी में 3 दिन से प्यासे चार गांव के लोग - मंडी

शैंधल में शरारती तत्वों द्वारा आईपीएच टैंक से बिछाई गई पेयजल लाइन को उखाड़ दिया गया. शैंधल मे बने टैंक से सीनियर सकेंडरी स्कूल सहित 50 से अधिक परिवारों को दी जाती है सप्लाई, विभाग द्वारा शिकायत पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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Published : May 31, 2019, 6:35 PM IST

मंडी: करसोग के तहत शैंधल में शरारती तत्वों द्वारा आईपीएच टैंक से बिछाई गई पेयजल लाइन को उखाड़ कर साथ ले जाने का मामला सामने आया है. शरारती तत्व स्कूल और गांव को दी जाने वाली दोनों पेयजल लाइनों को उखाड़ कर अपने साथ ले गए.

दरअसल, शैंधल-सुननु पेयजल लाइन पर शैंधल में बने आईपीएच स्टोर टैंक के साथ लगते सीनियर सकेंडरी स्कूल और निचली तरफ स्थित करीब चार गांवों को पेयजल लाइन से पानी की सप्लाई दी गई है. शरारती तत्व स्कूल और गांव को दी जाने वाली दोनों पेयजल लाइनों को उखाड़ कर अपने साथ ले गए. इससे घैणी, शेगलीशाओ व बाझ गांव के करीब 50 परिवार पिछले 3 दिनों से प्यासे रहने को मजबूर है.

यही, नहीं टैंक से सीनियर सेकेंडरी स्कूल शैंधल में भी पेयजल संकट गहरा गया है. हालांकि संबंधित वाटर गार्ड ने इस बारे में आईपीएच विभाग के सुपरवाइजर को भी सूचित कर दिया था, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे लोगों में विभाग के प्रति भारी रोष है.आईपीएच सब डिवीजन चुराग के सहायक अभियंता केएल चौहान का कहना है कि पेयजल लाइन चोरी का मामला ध्यान में आया है. इस बारे में तुरंत उचित कार्रवाई करने के आदेश जारी किए जा रहे हैं.

शरारती तत्व भीषण गर्मी में उखाड़ ले गए पेयजल लाइन (वीडियो).

ये भी पढ़ें:अपने दूसरे घर का प्रधानमंत्री ने बढ़ाया मान, अनुराग ठाकुर मोदी कैबिनेट में बने राज्यमंत्री

बता दें कि शैंधल आईपीएच टैंक करीब 20 साल पहले बना था, जिसकी क्षमता 15 हजार लीटर की है. इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से पेयजल स्त्रोतों में जल स्तर काफी कम हो गया है, जिस कारण शैंधल में पेयजल संकट गहरा गया है. शैंधल गांव में ज्यादातर लोगों की आजीविका सब्जियों पर निर्भर है. गांव में शिमला मिर्च बैंगन व टमाटर के पौधे लगाए गए हैं, इसलिए ये भी अंदेशा लगाया जा रहा है कि सिंचाई के लिए पेयजल लाइन को तोड़ा गया है. क्योंकि जिस पेयजल स्त्रोत से शैंधल टैंक के लिए पानी की सप्लाई लाई गई है, वहां से भी बड़ी संख्या में लोगों ने खेतों में सिचाई के लिए प्लास्टिक की पाइप से पानी जोड़ा है. इस कारण पहले ही सोर्स में पानी बहुत कम हो गया है. जिसका खामियाजा लोगों को पर्याप्त पानी की सप्लाई न मिलने के तौर पर भुगतना पड़ रहा है. जिसकी जानकारी आईपीएच विभाग के फील्ड अधिकारियों को भी है. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

मंडी: करसोग के तहत शैंधल में शरारती तत्वों द्वारा आईपीएच टैंक से बिछाई गई पेयजल लाइन को उखाड़ कर साथ ले जाने का मामला सामने आया है. शरारती तत्व स्कूल और गांव को दी जाने वाली दोनों पेयजल लाइनों को उखाड़ कर अपने साथ ले गए.

दरअसल, शैंधल-सुननु पेयजल लाइन पर शैंधल में बने आईपीएच स्टोर टैंक के साथ लगते सीनियर सकेंडरी स्कूल और निचली तरफ स्थित करीब चार गांवों को पेयजल लाइन से पानी की सप्लाई दी गई है. शरारती तत्व स्कूल और गांव को दी जाने वाली दोनों पेयजल लाइनों को उखाड़ कर अपने साथ ले गए. इससे घैणी, शेगलीशाओ व बाझ गांव के करीब 50 परिवार पिछले 3 दिनों से प्यासे रहने को मजबूर है.

यही, नहीं टैंक से सीनियर सेकेंडरी स्कूल शैंधल में भी पेयजल संकट गहरा गया है. हालांकि संबंधित वाटर गार्ड ने इस बारे में आईपीएच विभाग के सुपरवाइजर को भी सूचित कर दिया था, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे लोगों में विभाग के प्रति भारी रोष है.आईपीएच सब डिवीजन चुराग के सहायक अभियंता केएल चौहान का कहना है कि पेयजल लाइन चोरी का मामला ध्यान में आया है. इस बारे में तुरंत उचित कार्रवाई करने के आदेश जारी किए जा रहे हैं.

शरारती तत्व भीषण गर्मी में उखाड़ ले गए पेयजल लाइन (वीडियो).

ये भी पढ़ें:अपने दूसरे घर का प्रधानमंत्री ने बढ़ाया मान, अनुराग ठाकुर मोदी कैबिनेट में बने राज्यमंत्री

बता दें कि शैंधल आईपीएच टैंक करीब 20 साल पहले बना था, जिसकी क्षमता 15 हजार लीटर की है. इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से पेयजल स्त्रोतों में जल स्तर काफी कम हो गया है, जिस कारण शैंधल में पेयजल संकट गहरा गया है. शैंधल गांव में ज्यादातर लोगों की आजीविका सब्जियों पर निर्भर है. गांव में शिमला मिर्च बैंगन व टमाटर के पौधे लगाए गए हैं, इसलिए ये भी अंदेशा लगाया जा रहा है कि सिंचाई के लिए पेयजल लाइन को तोड़ा गया है. क्योंकि जिस पेयजल स्त्रोत से शैंधल टैंक के लिए पानी की सप्लाई लाई गई है, वहां से भी बड़ी संख्या में लोगों ने खेतों में सिचाई के लिए प्लास्टिक की पाइप से पानी जोड़ा है. इस कारण पहले ही सोर्स में पानी बहुत कम हो गया है. जिसका खामियाजा लोगों को पर्याप्त पानी की सप्लाई न मिलने के तौर पर भुगतना पड़ रहा है. जिसकी जानकारी आईपीएच विभाग के फील्ड अधिकारियों को भी है. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.


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From: rashmi raj <rashmiraj.51009@gmail.com>
Date: Fri, May 31, 2019, 12:44 PM
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भरी गर्मी में शरारती तत्व उखाड़ कर साथ ले गए  आईपीएच की पेयजल लाइन, 3 दिनों से लोग प्यासे
शैंधल मे बने टैंक से सीनियर सकेंडरी स्कूल सहित 50 से अधिक परिवारों को दी जाती है सप्लाई, विभाग से भी की गई शिकायत पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं
करसोग
उपमंडल करसोग के तहत शैंधल में कुछ शरारती तत्व आईपीएच टैंक से आगे बिछाई गई पेयजल लाइन को उखाड़ कर साथ ले जाने का बड़ा मामला सामने आया है। शैंधल-सुननु पेयजल लाइन पर शैंधल में बने आईपीएच के स्टोर टैंक से साथ लगते सीनियर सकेंडरी स्कूल और निचले तरफ स्थित करीब चार गांवों को पौना और एक इंच की लाइन से पानी की सप्लाई दी गई है, लेकिन शरारती तत्व स्कूल और गांव को दी जाने वाली दोनों पेयजल लाइनों को उखाड़ कर अपने साथ ले गए। जिस कारण घैणी, शेगलीशाओ ब बाझ गांव के करीब 50 परिवार पिछले 3 दिनों से प्यासे रहने को मजबूर है। यही नहीं टैंक से सीनियर सकेंडरी स्कूल शैंधल में भी पेयजल संकट गहरा गया है। हालांकि संबंधित वाटर गार्ड ने  इस बारे में आईपीएच विभाग के सुपरवाइजर को भी सूचित कर दिया था, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे लोगों में विभाग के प्रति भी भारी रोष है। वहीं आईपीएच सब डिवीजन चुराग के सहायक अभियंता केएल चौहान का कहना है कि मामला ध्यान में आया है। इस बारे में तुरंत उचित कार्रवाई करने के आदेश जारी किए जा रहे हैं।
 सिंचाई के लिए लाइन तोड़ने की आशंका:
शैंधल में बना आईपीएच् का टैंक करीब 20 साल पहले बना था। जिसकी क्षमता 15 हज़ार लीटर की है। इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से पेयजल स्त्रोतों में जल स्तर काफी कम हो गया है। जिस कारण शैंधल में पेयजल संकट गहरा गया है। जानकारी के मुताबिक शैंधल गांव लोगों की आजीविका सब्जियों पर निर्भर है। यहां इन दिनों शिमला मिर्च  बैंगन व टमाटर की पौध लगाई गई है। इसलिए ये भी अंदेशा जताया जा रहा है कि शरारती तत्वों ने ही सिंचाई के लिए पेयजल लाइन को तोड़ा हो। वैसे भी जिस पेयजल स्त्रोत से शैंधल टैंक के लिए पानी की सप्लाई लाई गई है, वहां से भी बड़ी संख्या में लोगों खेतों में सिचाई के लिए प्लास्टिक की पाइप से पानी जोड़ा है। इस कारण पहले ही सोर्स में पानी बहुत कम हो गया है। जिसका खामियाजा लोगों को पर्याप्त पानी की सप्लाई न मिलने के तौर पर पहले ही भुगतना पड़ रहा है। जिसकी जानकारी आईपीएच विभाग के फील्ड अधिकारियों को भी है। 
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