मंडीः इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में तीन देवी-देवताओं के लंबे अंतराल के बाद आने से चार चांद लग गए हैं. देवी बायला की गुसैण ने 99 वर्षों के बाद महोत्सव में अपनी हाजिरी भरी है, जबकि देव मार्कण्डेय ऋषि ने 57 और देव अजय पाल ने 55 वर्षों के बाद शिवरात्रि महोत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है.
देव अजय पाल 55 वर्षों के बाद शिवरात्रि महोत्सव में शामिल
द्रंग क्षेत्र के तहत आने वाले कासला गांव के देव अजय पाल भी 55 वर्षों के बाद शिवरात्रि महोत्सव में शामिल होने यहां आए हैं. देवता के साथ आए सतीश शर्मा और नवीन कुमार ने बताया कि राज दरबार बंद होने के बाद से देवता ने मंडी आना ही छोड़ दिया था, लेकिन जिला प्रशासन और देवता समिति द्वारा लंबे समय से किए जा रहे आग्रह को स्वीकारते हुए देवता ने इस वर्ष से आने की हामी भरी है और अब भविष्य में देवता लगातार महोत्सव में शामिल होने आते रहेंगे.
देवध्वनि से गुंजायमान हो गई छोटी काशी
छोटी काशी मंडी आज देवी-देवताओं के आगमन व देवध्वनि से गुंजायमान हो गई है. 200 के करीब पंजीकृत देवी देवता जिला प्रशासन के निमंत्रण के बाद हर साल शिवरात्रि महोत्सव की शोभा बढ़ाने यहां पहुंचते हैं. वहीं कुछ देवी देवता बिना निमंत्रण के भी शिवरात्रि में आते हैं. देवलुओं के नृत्य व देव ध्वनि से मंडी शहर एक तरह से थिरकने लगता है और यह नजारा 8 दिनों तक बना रहता है.
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