मंडी: प्रदेश के उद्योग एवं आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान मंडी जिले के सुंदरनगर और बल्ह विधानसभा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे. इस दौरान हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि जिले में अभी तक बारिश और बाढ़ के कारण 1500 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन लगाया गया है. इसके साथ ही जिले में बाढ़ से 23 लोगों की जानें गई हैं और 2 हजार घरों को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है. जहां निजी संपत्ति बारिश की भेंट चढ़ी है तो वहीं, सरकारी संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है.
दरअसल, हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मंडी जिला प्रशासन द्वारा 17 राहत शिविर लगाए गए हैं, जिसमें प्रतिदिन 1200 लोगों को खाने के साथ-साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि बरसात के कारण सड़क मार्ग को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन अभी तक 95 प्रतिशत सड़कों को बहाल कर दिया गया है. वहीं, जहां सड़कें बंद पड़ी हैं, वहां वैकल्पिक मार्गों के माध्यम से लोगों को सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही हैं.
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रशासन को दिशा निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द राहत कार्यों में तेजी लाई जाए. उन्होंने कहा कि जल्द लोगों के हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले के मुकाबले पर 50 प्रतिशत बारिश अधिक हुई है. जिस कारण जमीन में नमी आ चुकी है, यही कारण है पहाड़ियां लगातार दरक रही हैं. जिसकी वजह से भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अभी तक 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आपदा के समय में हिमाचल प्रदेश को केंद्र से जिस तरह की उम्मीद थी, वह उस पर खरा नहीं उतर पाई है. केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को मात्र 200 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है. प्रदेश सरकार को आपदा के समय में जो राशि जून और सितंबर में दी जाती थी, उसे सिर्फ एडवांस दिया गया है. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए. उन्होंने कहा कि उम्मीद है की जल्द ही केंद्र सरकार इस पर निर्णय लगी.
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