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निजी बस ऑपरेटर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, यात्रियों को हो रही परेशानी - निगम की ओर से चलाई गई अतिरिक्त बसें

पूरे प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इस हड़ताल का असर मंडी जिले में भी देखने को मिला. निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल की वजह है सरकार की ओर से उनकी मांगों को पूरा न करना. इस हड़ताल की वजह से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसका असर निगम की बसों पर भी पड़ा. निगम को अतिरिक्त बसें तो चलानी ही पड़ी. साथ ही बसों में ज्यादा सवारियां होने से कोरोना नियमों का पालन भी नहीं हो सका.

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Published : May 3, 2021, 3:44 PM IST

मंडी: सोमवार से निजी बस ऑपरेटर्स अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. वहीं, टैक्सी और मैक्सी ऑपरेटरों सहित जिले में ऑटो रिक्शा चालक भी हड़ताल पर चले गए हैं. मंडी में भी इस हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला. इस हड़ताल के चलते बस स्टैंड मंडी में सवारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा और सवारियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए घंटों खड़े रहकर बसों का इंतजार करना पड़ा.

निजी वाहनों की हड़ताल से यात्री परेशान

निजी बस, ऑटो और टैक्सी ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते परिवहन निगम की बसें खचाखच भरी नजर आई. निगम की बसों में सरकार के 50 फीसदी सवारियां बैठाने के नियमों की अवहेलना के साथ सामाजिक दूरी के नियमों का पालन भी मजाक बनकर रह गया. वहीं, शहर में ऑटो रिक्शा न चलने के कारण लोग पैदल ही अपना सामान उठाए नजर आए. निजी बस ऑपरेटर के जिला प्रधान गुलशन धीमान ने बताया कि निजी बस ऑपरेटर सवारियां कम होने और बढ़ती महंगाई के कारण बसें चलाने में असमर्थ हैं.

वीडियो.

मांगें पूरी न होने तक जारी रहेगी हड़ताल

धीमान ने कहा कि 15 अप्रैल 2021 को हिमाचल दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 3 महीने का 50% टैक्स माफ करने की घोषणा की है जबकि 8 महीने का टैक्स अभी बाकी है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान बसें खड़ी रहने के कारण निजी बस ऑपरेटर टैक्स देने और गाड़ी की किस्त अदा करने में असमर्थ हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें बार-बार आश्वासन दे रही है लेकिन उनकी मांगों को नहीं माना जा रहा है. निजी बस ऑपरेटरों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तब तक उनकी हड़ताल इसी तरह जारी रहेगी.

कोरोना नियमों पर पड़ा हड़ताल का असर

बस स्टैंड पर मौजूद सवारियों का कहना है कि निजी बसें न चलने के कारण उन्हें काफी परेशानियां हो रही हैं. उमा कुमारी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने बसों में 50 फीसदी सवारियों को मंजूरी दी है लेकिन निजी बसें न चलने के कारण सरकारी बसों में काफी भीड़ हो गई है जिससे महामारी का खतरा और बढ़ गया है.

निगम की ओर से चलाई गई अतिरिक्त बसें

वहीं, सह अड्डा प्रभारी कृष्ण दास ने बताया कि निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते परिवहन निगम द्वारा अतिरिक्त बसें भी चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जिस रूट के लिए सवारियां बसों की मांग कर रही हैं, वहां पर अतिरिक्त बस भेजी जा रही हैं. बता दें कि जिले में इस हड़ताल के चलते 400 ऑटो रिक्शा 4000 टैक्सी और 470 निजी बसों के पहिए थमे रहे. निजी बस और टैक्सी ऑपरेटरों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. बता दें कि ऑटो रिक्शा चालकों की हड़ताल एक दिवसीय थी. ऑटो रिक्शा कल से चलना शुरू हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें: नई बंदिशों के लिए हो जाएं तैयार! 5 मई को होगी जयराम मंत्रिमंडल की बैठक

मंडी: सोमवार से निजी बस ऑपरेटर्स अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. वहीं, टैक्सी और मैक्सी ऑपरेटरों सहित जिले में ऑटो रिक्शा चालक भी हड़ताल पर चले गए हैं. मंडी में भी इस हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला. इस हड़ताल के चलते बस स्टैंड मंडी में सवारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा और सवारियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए घंटों खड़े रहकर बसों का इंतजार करना पड़ा.

निजी वाहनों की हड़ताल से यात्री परेशान

निजी बस, ऑटो और टैक्सी ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते परिवहन निगम की बसें खचाखच भरी नजर आई. निगम की बसों में सरकार के 50 फीसदी सवारियां बैठाने के नियमों की अवहेलना के साथ सामाजिक दूरी के नियमों का पालन भी मजाक बनकर रह गया. वहीं, शहर में ऑटो रिक्शा न चलने के कारण लोग पैदल ही अपना सामान उठाए नजर आए. निजी बस ऑपरेटर के जिला प्रधान गुलशन धीमान ने बताया कि निजी बस ऑपरेटर सवारियां कम होने और बढ़ती महंगाई के कारण बसें चलाने में असमर्थ हैं.

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मांगें पूरी न होने तक जारी रहेगी हड़ताल

धीमान ने कहा कि 15 अप्रैल 2021 को हिमाचल दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 3 महीने का 50% टैक्स माफ करने की घोषणा की है जबकि 8 महीने का टैक्स अभी बाकी है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान बसें खड़ी रहने के कारण निजी बस ऑपरेटर टैक्स देने और गाड़ी की किस्त अदा करने में असमर्थ हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें बार-बार आश्वासन दे रही है लेकिन उनकी मांगों को नहीं माना जा रहा है. निजी बस ऑपरेटरों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तब तक उनकी हड़ताल इसी तरह जारी रहेगी.

कोरोना नियमों पर पड़ा हड़ताल का असर

बस स्टैंड पर मौजूद सवारियों का कहना है कि निजी बसें न चलने के कारण उन्हें काफी परेशानियां हो रही हैं. उमा कुमारी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने बसों में 50 फीसदी सवारियों को मंजूरी दी है लेकिन निजी बसें न चलने के कारण सरकारी बसों में काफी भीड़ हो गई है जिससे महामारी का खतरा और बढ़ गया है.

निगम की ओर से चलाई गई अतिरिक्त बसें

वहीं, सह अड्डा प्रभारी कृष्ण दास ने बताया कि निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते परिवहन निगम द्वारा अतिरिक्त बसें भी चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जिस रूट के लिए सवारियां बसों की मांग कर रही हैं, वहां पर अतिरिक्त बस भेजी जा रही हैं. बता दें कि जिले में इस हड़ताल के चलते 400 ऑटो रिक्शा 4000 टैक्सी और 470 निजी बसों के पहिए थमे रहे. निजी बस और टैक्सी ऑपरेटरों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. बता दें कि ऑटो रिक्शा चालकों की हड़ताल एक दिवसीय थी. ऑटो रिक्शा कल से चलना शुरू हो जाएंगे.

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