मंडी: आईआईटी मंडी को ग्रीन यूनिवर्सिटी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यूएई में सीओपी 28 में संस्थान को ये प्रतिष्ठित ग्रीन यूनिवर्सिटी अवार्ड दिया गया है. गैर-सरकारी संगठन ग्रीन मेंटर्स द्वारा आईआईटी मंडी को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया है. आईआईटी मंडी की तरफ से यह पुरस्कार डॉ. दीपक स्वामी ने लिया. ग्रीन मेंटर्स गैर-सरकारी संगठन को संयुक्त राज्य अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के विशेष सलाहकार का दर्जा प्राप्त है.
क्यों मिला IIT को अवार्ड: आईआईटी मंडी को यह अवार्ड पर्यावरण के लिए किए जा रहे स्थायी कार्यों, उनके प्रति व्यापक कमिटमेंट और पर्यावरण संरक्षण की पहल के प्रति संस्थान के समग्र दृष्टिकोण के लिए दिया गया है. इस सम्मानजनक उपलब्धि पर आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि यह अवार्ड विभिन्न गतिविधियों के जरिए फैकल्टी, कर्मचारियों और स्टूडेंट्स द्वारा की गई तमाम कोशिशों, कमिटमेंट और जमीनी काम का परिणाम है.
आईआईटी मंडी का दृष्टिकोण रहता है कि यह युवा छात्रों और कैंपस निवासियों के बीच पर्यावरण समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाएं. साथ ही आईआईटी मंडी परिसर के चारों ओर प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को भी बढ़ावा दिया जाए. वहीं, पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए आईआईटी मंडी पर्यावरण ऑडिट करने, ग्रीन ऑडिट लागू करने, कैंपस में शाकाहारी आहार को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल है. इसमें कैंपस के पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन करना और संस्थान के विभिन्न इकाइयों की नेट कार्बन उत्सर्जन का आकलन करना शामिल है. - प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा, निदेशक, आईआईटी मंडी
जीरो कार्बन उत्सर्जन का टारगेट: आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने बताया कि संस्थान का समग्र लक्ष्य यह है कि अगले 10 सालों में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करके जीरो कार्बन उत्सर्जन हासिल किया जाए. ये हरित पहल न केवल संस्थान को इसके पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन करने में मदद करेगी, बल्कि परिसर समुदाय के बीच पर्यावरण संबंधी जागरूकता भी पैदा करेगी. इसके अलावा संस्थान का लक्ष्य पर्यावरण के प्रति जागरूक परिसर बनाने के लिए एक मॉडल ढांचा तैयार करना और कार्बन ट्रेडिंग के माध्यम से राजस्व सृजन का पता लगाना है. आईआईटी मंडी को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित सीओपी 28 मंच से यह सम्मान दिया गया.