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अनदेखी पर जलवाहकों ने तेज किया आंदोलन, CM के गृह जिला में दूसरे दिन भी आमरण अनशन जारी - मुख्यमंत्री हिमाचल

संघ की मानें तो सरकार जलवाहकों की अनदेखी कर रही है. जिस पर अब उन्‍हें यह फैसला लेना पड़ा है. संघ का कहना है कि मांगे न मानने या वार्ता को न बुलाने तक यह आमरण अनशन जारी रहेगा.

Hunger strike continues of water carriers in mandi
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Published : Jul 16, 2019, 4:42 PM IST

मंडी: अंशकालीन जलवाहक कम सेवादार संघ ने अनदेखी पर आंदोलन तेज कर दिया. संघ ने अपने क्रमिक अनशन को गत सोमवार से आमरण अनशन पर बदल दिया है. सरकार की अनेदखी पर मंडी के सेरी चाननी परिसर में नौ जलवाहक दूसरे दिन भी आमरण अनशन पर डटे रहे.


इस दौरान जलवाहकों ने मांगों के समर्थन पर नारेबाजी भी की. संघ की मानें तो सरकार जलवाहकों की अनदेखी कर रही है. जिस पर अब उन्‍हें यह फैसला लेना पड़ा है. संघ का कहना है कि मांगे न मानने या वार्ता को न बुलाने तक यह आमरण अनशन जारी रहेगा.

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अंशकालीन जलवाहक कम सेवादार संघ के पदाधिकारी सात दिनों से क्रमिक अनशन पर बैठे हुए थे. मांगों पर गौर न करने पर संघ ने सरकार को अल्‍टीमेटम दिया था कि 15 जुलाई से क्रमिक अनशन को आमरण अनशन में तब्‍दील किया जाएगा. बावजूद मांगों पर कोई गौर न होने पर संघ ने गत सोमवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया है. सीएम के गृह जिला मुख्‍यालय में आंदोलन के बावजूद सुनवाई न होने पर अब जलवाहक भड़क गए हैं.


संघ के अध्‍यक्ष भुटू राम ने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हुई है. गरीब वर्ग की अनदेखी होती रही है. क्रमिक अनशन के बावजूद कोई सुनवाई न होने पर बिना किसी दवाब के नौ जलवाहक आमरण अनशन पर बैठे हैं. भुटू राम ने कहा कि विभिन्‍न जिलों के पदाधिकारी भी मंडी पहुंचे हुए हैं और अपना समर्थन दे रहे हैं.


संघ की मांगों में मुख्‍य रूप से बिना किसी शर्त 10 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके जलवाहकों को नियमित किया जाए, अगर शिक्षा विभाग में खाली पद नहीं है तो अन्य विभाग में भेज दिया जाए, अंशकालीन जलवाहकों को 5 साल के बाद डेलीवेज बनाया जाए और 3 साल के बाद नियमित किया जाए, जलवाहकों की सेवानिवृत्ति 58 साल से बढ़ाकर 60 वर्ष की जाए आदि शामिल हैं.

मंडी: अंशकालीन जलवाहक कम सेवादार संघ ने अनदेखी पर आंदोलन तेज कर दिया. संघ ने अपने क्रमिक अनशन को गत सोमवार से आमरण अनशन पर बदल दिया है. सरकार की अनेदखी पर मंडी के सेरी चाननी परिसर में नौ जलवाहक दूसरे दिन भी आमरण अनशन पर डटे रहे.


इस दौरान जलवाहकों ने मांगों के समर्थन पर नारेबाजी भी की. संघ की मानें तो सरकार जलवाहकों की अनदेखी कर रही है. जिस पर अब उन्‍हें यह फैसला लेना पड़ा है. संघ का कहना है कि मांगे न मानने या वार्ता को न बुलाने तक यह आमरण अनशन जारी रहेगा.

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अंशकालीन जलवाहक कम सेवादार संघ के पदाधिकारी सात दिनों से क्रमिक अनशन पर बैठे हुए थे. मांगों पर गौर न करने पर संघ ने सरकार को अल्‍टीमेटम दिया था कि 15 जुलाई से क्रमिक अनशन को आमरण अनशन में तब्‍दील किया जाएगा. बावजूद मांगों पर कोई गौर न होने पर संघ ने गत सोमवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया है. सीएम के गृह जिला मुख्‍यालय में आंदोलन के बावजूद सुनवाई न होने पर अब जलवाहक भड़क गए हैं.


संघ के अध्‍यक्ष भुटू राम ने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हुई है. गरीब वर्ग की अनदेखी होती रही है. क्रमिक अनशन के बावजूद कोई सुनवाई न होने पर बिना किसी दवाब के नौ जलवाहक आमरण अनशन पर बैठे हैं. भुटू राम ने कहा कि विभिन्‍न जिलों के पदाधिकारी भी मंडी पहुंचे हुए हैं और अपना समर्थन दे रहे हैं.


संघ की मांगों में मुख्‍य रूप से बिना किसी शर्त 10 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके जलवाहकों को नियमित किया जाए, अगर शिक्षा विभाग में खाली पद नहीं है तो अन्य विभाग में भेज दिया जाए, अंशकालीन जलवाहकों को 5 साल के बाद डेलीवेज बनाया जाए और 3 साल के बाद नियमित किया जाए, जलवाहकों की सेवानिवृत्ति 58 साल से बढ़ाकर 60 वर्ष की जाए आदि शामिल हैं.

Intro:मंडी। अंशकालीन जलवाहक कम सेवादार संघ ने अनदेखी पर आंदोलन तेज कर दिया। संघ ने अपने क्रमिक अनशन को गत सोमवार से आमरण अनशन पर बदल दिया है। सरकार की अनेदखी पर मंडी के सेरी चाननी परिसर में नौ जलवाहक दूसरे दिन भी आमरण अनशन पर डटे रहे। इस दौरान जलवाहकों ने मांगों के समर्थन पर नारेबाजी भी की।  संघ की मानें तो सरकार जलवाहकों की अनदेखी कर रही है। जिस पर अब उन्‍हें यह फैसला लेना पड़ा है। संघ का कहना है कि मांगे न मानने या वार्ता को न बुलाने तक यह आमरण अनशन जारी रहेगा।




Body:अंशकालीन जलवाहक कम सेवादार संघ के पदाधिकारी सात दिनों से क्रमिक अनशन पर बैठे हुए थे। मांगों पर गौर न करने पर संघ ने सरकार को अल्‍टीमेटम दिया था कि 15 जुलाई से क्रमिक अनशन को आमरण अनशन में तब्‍दील किया जाएगा। बावजूद मांगों पर कोई गौर न होने पर संघ ने गत सोमवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया है। सीएम के गृह जिला मुख्‍यालय में आंदोलन के बावजूद सुनवाई न होने पर अब जलवाहक भड़क गए हैं।

संघ के अध्‍यक्ष भुटू राम ने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हुई है। गरीब वर्ग की अनदेखी होती रही है। क्रमिक अनशन के बावजूद कोई सुनवाई न होने पर बिना किसी दवाब के नौ जलवाहक आमरण अनशन पर बैठे हैं। बताया कि विभिन्‍न जिलों के पदाधिकारी भी मंडी पहुंचे हुए हैं और अपना समर्थन दे रहे हैं। संघ की मांगों में मुख्‍य रूप से बिना किसी शर्त 10 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके जलवाहकों को नियमित किया जाए, अगर शिक्षा विभाग में खाली पद नहीं है तो अन्य विभाग में भेज दिया जाए, अंशकालीन  जलवाहकों को 5 साल के बाद डेलीवेज बनाया जाए और 3 साल के बाद नियमित किया जाए, जलवाहकों की सेवानिवृत्ति 58 साल से बढ़ाकर 60 वर्ष की जाए आदि शामिल हैं।

बाइट- भुटू राम, जिला प्रधान जलवाहक कम सेवादार संघ





Conclusion:
बता दें कि जिला जलवाहक कम सेवादार संघ ने अपनी मांगों को लेकर गत आठ जुलाई से सेरी चाननी में क्रमिक अनशन शुरू किया था। गत 15 जुलाई को अनदेखी के चलते इसे आमरण अनशन में बदल दिया। दो महिलाओं समेत नौ जलवाक आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। संघ ने मांगें न मानने तक आमरण अनशन जारी रखने की चेतावनी दी है।
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