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हिमाचल की जनता को मिली बड़ी सुविधा, 13 हजार से अधिक इंतकाल और तकसीम के 527 मामलों का हुआ निपटारा

हिमाचल में 2 दिन में लोक अदालतों में 13 हजार से अधिक मामले निपटाए गए. जानकारी के अनुसार, अब प्रदेश में इंतकाल के 7262 और तकसीम के 27,943 मामले लंबित हैं. वहीं, राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि इंतकाल के सबसे ज्यादा 3839 मामलों का निपटारा कांगड़ा जिले में किया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Disposal of cases in Lok Adalat karsog
करसोग में लगा लोक अदालत
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 3, 2023, 9:27 PM IST

करसोग: हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार की ओर से आयोजित की जा रही लोक अदालतों की जनता को बहुत बड़ी सुविधा मिल रही है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्णय से राजस्व विभाग के लंबित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा हो रहा है. सरकार के आदेशों के मुताबिक प्रदेश में 1 और 2 दिसंबर को राजस्व लोक अदालतों का आयोजन हुआ. जिसमें प्रदेश भर में तहसील स्तर तक आयोजित राजस्व लोक अदालतों में इंतकाल के 13,950 लंबित और तकसीम के 527 मामलों का निपटारा किया गया. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 30 नवंबर, 2023 तक प्रदेश में इंतकाल के 21,212 मामले लंबित थे, जबकि तकसीम के लंबित मामलों की संख्या 28,470 थी. वहीं, 1 और 2 दिसंबर को आयोजित राजस्व लोक अदालतों के बाद अब प्रदेश में इंतकाल के 7262 और तकसीम के 27,943 मामले लंबित हैं.

कांगड़ा में सबसे अधिक मामलों का निपटारा: राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इंतकाल के सबसे ज्यादा 3839 मामलों का निपटारा कांगड़ा जिला में किया गया, मंडी में 2190, शिमला में 2190 मामले निपटाए गए. वहीं, हमीरपुर में 1023 मामलों का निपटाया गया. प्रवक्ता ने कहा कि वर्षों से लंबित राजस्व मामलों की बड़ी संख्या पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कड़े संज्ञान के बाद प्रदेश में राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है. अब तक इंतकाल के लंबित कुल 45,055 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार, वर्षों से लंबित राजस्व मामलों का निपटारा कर प्रदेश के आम लोगों की समस्याओं का हल करने के प्रयास कर रही है.

प्रवक्ता ने कहा कि राजस्व लोक अदालतों के आयोजन से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. प्रदेश भर में 30 व 31 अक्तूबर, 2023 को इंतकाल अदालतों का आयोजन किया गया था, जिसमें इंतकाल के लंबित 31,105 मामलों का निपटारा किया गया था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इंतकाल और तकसीम के लंबित मामलों का निपटारा 20 जनवरी, 2024 तक करने के निर्देश दिए है. सभी जिलों से प्रतिमाह रिपोर्ट भी मांगी जा रही है. इसके साथ ही निपटाए गए मामलों की पूरी जानकारी नाम, पते और फोन नंबर के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें: धर्मशाला पुलिस मैदान में होगा सरकार के 1 साल के जश्न का कार्यक्रम, विधायकों को भीड़ जुटाने के निर्देश

करसोग: हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार की ओर से आयोजित की जा रही लोक अदालतों की जनता को बहुत बड़ी सुविधा मिल रही है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्णय से राजस्व विभाग के लंबित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा हो रहा है. सरकार के आदेशों के मुताबिक प्रदेश में 1 और 2 दिसंबर को राजस्व लोक अदालतों का आयोजन हुआ. जिसमें प्रदेश भर में तहसील स्तर तक आयोजित राजस्व लोक अदालतों में इंतकाल के 13,950 लंबित और तकसीम के 527 मामलों का निपटारा किया गया. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 30 नवंबर, 2023 तक प्रदेश में इंतकाल के 21,212 मामले लंबित थे, जबकि तकसीम के लंबित मामलों की संख्या 28,470 थी. वहीं, 1 और 2 दिसंबर को आयोजित राजस्व लोक अदालतों के बाद अब प्रदेश में इंतकाल के 7262 और तकसीम के 27,943 मामले लंबित हैं.

कांगड़ा में सबसे अधिक मामलों का निपटारा: राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इंतकाल के सबसे ज्यादा 3839 मामलों का निपटारा कांगड़ा जिला में किया गया, मंडी में 2190, शिमला में 2190 मामले निपटाए गए. वहीं, हमीरपुर में 1023 मामलों का निपटाया गया. प्रवक्ता ने कहा कि वर्षों से लंबित राजस्व मामलों की बड़ी संख्या पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कड़े संज्ञान के बाद प्रदेश में राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है. अब तक इंतकाल के लंबित कुल 45,055 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार, वर्षों से लंबित राजस्व मामलों का निपटारा कर प्रदेश के आम लोगों की समस्याओं का हल करने के प्रयास कर रही है.

प्रवक्ता ने कहा कि राजस्व लोक अदालतों के आयोजन से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. प्रदेश भर में 30 व 31 अक्तूबर, 2023 को इंतकाल अदालतों का आयोजन किया गया था, जिसमें इंतकाल के लंबित 31,105 मामलों का निपटारा किया गया था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इंतकाल और तकसीम के लंबित मामलों का निपटारा 20 जनवरी, 2024 तक करने के निर्देश दिए है. सभी जिलों से प्रतिमाह रिपोर्ट भी मांगी जा रही है. इसके साथ ही निपटाए गए मामलों की पूरी जानकारी नाम, पते और फोन नंबर के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

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