करसोग: हिमाचल में जिला परिषद कर्मचारियों और ग्राम रोजगार सेवकों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है, जिससे बहुत से कर्मचारियों की दिवाली इस बार फीकी रही. इसको लेकर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने केंद्र सरकार पर पिछले बजट में कटौती करने का आरोप लगाया. मंत्री ने कहा केंद्र सरकार ने पिछले बजट में 20 हजार करोड़ की कटौती की थी, इस वजह से मनरेगा के तहत जिला परिषद कर्मचारियों और ग्राम रोजगार सेवकों को वेतन देने में दिक्कत आ रही है. इस समस्या ने निपटने के लिए उन्होंने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से रिवॉल्विंग फंड की मांग उठाई गई है. जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है.
अनिरुद्ध सिंह ने कहा केंद्र ने प्रदेश को 9,655 घरों की मंजूरी दे दी है. ऐसे में 14 दिसंबर से पहले पात्र परिवारों को इन घरों को आवंटित किया जाएगा. उन्होंने कहा जुलाई में आई प्राकृतिक आपदा में जो 6,551 घर क्षतिग्रस्त हुए थे, इन्हें प्रभावित परिवारों को आवंटित किया जा चुका है, लेकिन प्रदेश में 13 और 14 अगस्त को भारी बारिश करीब 10 हजार मकान चपेट में आए थे. प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान से निपटने में सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है.
उन्होंने कहा लोगों को परेशानी न हो इसके लिए मुख्यमंत्री ने दो हजार घर प्रदेश बजट से भी दिए है. इसके लिए प्रभावित लोगों से 30 सिंतबर तक आवेदन करने को कहा गया था, लेकिन इसके बाद भी जो प्रभावित छूट गए हैं, उन्हें भी सरकार की ओर से घर दिए जाएंगे. मंत्री ने कहा इस साल भी मनरेगा का बजट करीब 1150 करोड़ के लगभग पहुंच जाएगा. वर्तमान में मनरेगा के कार्य मे गिरावट आई है. जिसके लिए सभी बीडीओ को तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मनरेगा कार्य में काफी तेजी आई थी. लॉकडाउन की वजह से लोग शहरों को छोड़ कर घरों में आ गए थे. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत कार्य की काफी डिमांड बढ़ गई थी. जिससे मनरेगा अंतर्गत करोड़ों के कार्य हुए. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अब कोरोना काल खत्म होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के कार्य में गिरावट आई है. इसमें फिर से तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं.
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