मंडी: कृषि क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के किसान नेकराम शर्मा को पद्मश्री से नवाजा जाएगा. करसोग के नांज गांव के नेकराम शर्मा जैविक खेती से जुड़े हैं और नौ-अनाज की पारंपरिक फसल प्रणाली को पुनर्जीवित कर रहे हैं. पद्मश्री के लिए चयनित होने पर वीरवार को मंडी में जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस पर नेकराम शर्मा को जिला प्रशासन ने सम्मानित किया.
इस मौके पर उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि उन्हें आज तक कोई अवार्ड नहीं मिला और न ही आज तक नौकरी मिल पाई. लेकिन, उन्होंने अपनी पारंपरिक खेती के क्षेत्र में ही कार्य किया, जिसके लिए उन्हें अब भारत सरकार की ओर से अवार्ड दिया जा रहा है, जिसकी उन्हें बेहद खुशी है. उन्होंने बताया कि नौ अनाज एक प्राकृतिक अंतर फसल विधि है, जिसमें नौ खाद्यान्न बिना किसी रासायनिक उपयोग के जमीन के एक ही टुकड़े पर उगाए जाते हैं. इससे पानी के उपयोग में 50 फीसदी की कटौती और भूमि की उर्वरता बढ़ती है.
उन्होंने अन्य किसानों को भी इस प्रणाली को अपनाने के लिए प्रेरित किया. साथ ही स्थानीय स्वदेशी बीजों का उत्पादन कर नेकराम शर्मा छह राज्यों में 10,000 से अधिक किसानों को बिना किसी शुल्क के वितरित कर रहे हैं. नेकराम शर्मा ने बताया कि आज के समय में खाने में कई प्रकार के रसायनों का प्रयोग हो रहा है, जिससे लोग बीमार होते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें स्वस्थ रहना है, तो हमें जहर मुक्त खेती अपनानी होगी.
नेकराम शर्मा ने कहा कि कई किसान आज के समय में खेती को छोड़ रहे हैं, जो बहुत ही दुर्भाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि हमें अगर स्वस्थ जीवन जीना है और लंबे समय के लिए जीना है, तो प्रकृति से जुड़ कर ही यह संभव हो पाएगा. उन्होंने सभी किसानों से ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक खेती करने और इससे होने वाली उपज का ही सेवन करने का आह्वान किया. नेकराम ने कहा कि खेती ही एक ऐसा साधन है, जो कि कई पीढ़ियों को रोजगार प्रदान करेगा.
बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को पद्म पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की गई. 2023 के लिए राष्ट्रपति ने 106 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की मंजूरी दी है. सूची में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्मश्री शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से संबंध रखने वाले नेकराम का नाम भी पद्मश्री की सूची में शामिल है.
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