मंडी: हिमाचल प्रदेश की जनता को अब ब्लड के लिए उधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है. मेडिकल कॉलेज नेरचौक में सेंट्रलाइज्ड एसी के साथ हाईटेक उपकरणों से लेस ब्लड बैंक की शुरुआत हो गई है. इस ब्लड बैंक में 300 यूनिट के ऊपर ब्लड को स्टोर किया जा सकता है.
डॉ. रिचा गुप्ता (एमडी पैथोलॉजी) अपने 10 प्रशिक्षित सहयोगियों के साथ इस ब्लड बैंक में सेवाएं दें रही है. ब्लड बैंक नेरचौक में ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के साथ-साथ भारत सरकार की ओर से 2020 में ब्लड बैंक स्थापना की गाइडलाइन में किए गए बदलाव के अनुरूप समस्त सुविधाएं उपलब्ध हैं.
इस ब्लड बैंक में मौजूद एडवांस हाईटेक सुविधाएं हिमाचल प्रदेश के किसी अन्य मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मौजूद नहीं हैं. वहीं, मेडिकल कॉलेज नेरचौक के ब्लड बैंक में कोविड पॉजिटिव मरीजों के लिए अलग से कोविड लैब का प्रावधान भी किया गया है, जहां पीपीई किट और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दिए गए एसओपी को ध्यान में रखकर खून मुहैया करवाया जाता है.
ब्लड बैंक के मुख्य आकर्षण रिसेप्शन एरिया, काउंसिल काउंटर, एडवांस डोनर रूम, एलसीडी युक्त वेटिंग एवं रिफ्रेशमेंट रूम और एडवांस लेबोरेटरी के अलावा कई अन्य सुविधाएं मौजूद हैं. ब्लड बैंक के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. देवेंद्र शर्मा एसएमएस मेडिकल कॉलेज नेरचौक ने कहा कि इस ब्लड बैंक में अंतरराष्ट्रीय स्तर के टेस्टिंग उपकरण मौजूद हैं. एमओ से फिटनेस लेने के बाद एडवांस ट्रिपल मोटर्ड डोनर काउच पर रक्तदाता से रक्तदान करवाया जाता है.
डॉ. देवेंद्र शर्मा एसएमएस मेडिकल कॉलेज नेरचौक ने कहा कि इस ब्लड बैंक की एक और खासियत इसका वेटिंग एवं रिफ्रेशमेंट रूम हैं, जहां डोनर को रक्तदान के बाद एडवांस काउच, एलसीडी व बैनर के माध्यम से बेस्ट फॉलोअप दिया जाता है. दान किए गए खून में संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और प्रदेश सरकार के मानकों के अनुसार सीरोलॉजी लैब भी मौजूद है. इस लैब में ट्रांसफ्यूजन रिएक्शन टेस्ट के उपकरण भी मौजूद हैं.
डॉ. देवेंद्र शर्मा एसएमएस मेडिकल कॉलेज नेरचौक ने कहा कि डोनर रूम में अनस्क्रींड खून को एडवांस टेंपरेचर मेनटेनेंस युक्त फ्रिज में 2 से 6 डिग्री तक तापमान में रखा जा सकता है. डॉ. देवेंद्र शर्मा एसएमएस मेडिकल कॉलेज नेरचौक ने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान करने की अपील की है.