सराज: सिराज विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली घाटी (Janjehli valley of Mandi) में वीरवार दोपहर बाद हुई भारी ओलावृष्टि से सराज की नकदी फसलों को भारी नुकसान (Hailstorm in Janjehli valley) हुआ है. इसमें गोभी, मटर, मक्की, राजमाह जैसी नकदी फसल शामिल हैं. जो लगभाग बर्बाद हो गई हैं. वहीं, ओलावृष्टि के चलते हुए नुकसान ने समूची घाटी के किसान-बागवानों की चिंताएं बढ़ा दी है.
पिछले तीन साल में यहां करीब दस बार ओलावृष्टि हुई है, लेकिन बीमा कंपनियों ने 2019 में हुए नुकसान का मुआवजा भी अभी तक नहीं दिया है और न ही प्रदेश सरकार से कोई राहत मिलती नजर आ रही है. वहीं, जंजैहली घाटी में फिर हुई ओलावृष्टि ने किसान-बागवानों की कमर तोड़कर रख दी है. (crops damaged due to Heavy Hailstorm in Janjehli) (Himachal weather update).
सराज के रूहाड़ा निवासी बागवान तेज सिंह ठाकुर ने बताया कि ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है. कहीं-कहीं तो किसान की पूरी फसल ही बर्बाद हो गई है. उन्होंने कहा कि फसल बीमा का प्रीमियम तो हर साल कटता, लेकिन आज तक उन्हें नुकसान का पैसा नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि बैंक खाते से प्रीमियम काटना नहीं भूलता और जब फसलों का नुकसान होता है, तो मुआवजा देना भूल जाता है.
उन्होंने कहा कि कुछ माह पहले मटर की फसल ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई है. उसका पैसा भी अभी तक उन्हें नहीं मिला है. हालांकि कुछ किसानों को मुआवजा जरूर मिला है, लेकिन सभी को नहीं. उन्होंने कहा कि जब किसान बैंक जाता हैं तो बैंक उसे बीमा कंपनी के पास जाने को कहते हैं, जब बीमा कंपनी के पास जाता हैं तो वह उसे बैंक जाने को कहते हैं. ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि जल्द से जल्द सभी किसानों को मुआवजा दिया जाए, ताकि उन्हें राहत मिल सके.
वहीं, विषयवाद विषेशज्ञ कृषि राजेश कश्यप ने कहा कि वीरवार को हुई ओलावृष्टि से जंजैहली घाटी की 12 से 14 हेक्टेयर भूमि पर नुक्सान हुआ है. ओलावृष्टि से मटर की फसल को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. जबकि फूल गोभी सहित अन्य फसलें पर इसका प्रभाव कम रहा. उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान 44 लाख के नुकसान का आकलन किया गया है, जिसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है.
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