मंडी: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल्स पर लोगों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. मेले में सिड्डू, कचौरी और लुच्ची के स्टॉल्स पर लोगों की लंबी कतारें लगी हुई हैं.
बता दें कि रविवार को सबसे ज्यादा भीड़ रजनी सिड्डू कॉर्नर पर देखने को मिली. रजनी सिड्डू कॉर्नर में जहां एक ओर ग्राहक स्टॉल के अंदर कुर्सी के लिए जद्दोजहद कर रहे थे, वहीं स्टॉल के बाहर सिड्डू पैक करवाने वालों की लंबी कतार लगी हुई थी.
रजनी सिड्डू कॉर्नर से मशहूर सिड्डू विक्रेता के बारे में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव और अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में पहुंचने वाला हर व्यक्ति जानता है. रविवार को ईटीवी भारत के साथ बातचीत में रजनी ने बताया कि उन्होंने ये काम 19 साल पहले शुरू किया था. हालांकि, आज डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गई है, जिसे पूरा करना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने बताया कि वे सिर्फ शिवरात्रि और कुल्लू दशहरा मेले में ही स्टॉल लगाती हैं.
वहीं, कुछ उपभोक्ता ने बताया कि वे काफी लंबे समय से रजनी सिड्डू कॉर्नर में सिड्डू खाने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें यहां पारंपरिक व्यंजनों में वैरायटी और क्वालिटी मिलती है.
आपको बता दें कि हिमाचल के पारंपरिक व्यंजन सिड्डू के प्रदेश ही नहीं बल्कि देश-विदेश के लोग भी दिवाने हैं. सिड्डू को खाने की चाह में दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं. सिड्डू पहले कुल्लू में ही तैयार होता था, लेकिन अब ये प्रदेश में कई जगहों में बनाए जाते हैं.
कुल्लू का सिड्डू प्रदेश में काफी फेमस है. इसके साथ ही अप्पर हिमाचल में भी इस व्यंजन को बनाया जाता है. इसे आटे से तैयार किया जाता है. इसमें माह की दाल व ड्राई फ्रूट मिलाकर स्टीम से पकाया जाता है. सिड्डू को लोग आचार और एक खास किस्म की टमाटर, धनिया व पुदीना से तैयार होने वाली चटनी भी बनाई चटनी के साथ खाते हैं और कई जगहों में इसे देसी घी के साथ भी परोसा जाता है.