करसोग: हिमाचल के जिला मंडी के तहत करसोग में एसडीपीओ के पद पर कार्यरत गीतांजलि ठाकुर को हिमाचल प्रदेश पुलिस प्राइड अवार्ड से सम्मानित किया गया है. ये सम्मान उन्हें पुलिस विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला के हाथों मिला है. तेज तर्रार महिला पुलिस ऑफिसर गीतांजलि ठाकुर अब तक 30 से अधिक चिट्टा आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज चुकी हैं. यही नहीं एसडीपीओ गीतांजलि ठाकुर समाज को नशा मुक्त करने की दिशा में भी बेहतरीन कार्य कर रही हैं. करसोग में उन्होंने अब तक 40 से अधिक स्कूलों में जाकर छात्रों को जागरूक भी किया हैं. इसके अतिरिक्त गीतांजलि ठाकुर को शहीदी दिवस में परेड की लीड करने वाली प्रदेश की पहली महिला ऑफिसर होने का भी गौरव हासिल है.
ट्रामाडोल रैकेट का किया था पर्दाफाश: एसडीपीओ गीतांजलि ठाकुर ने करसोग में ट्रामाडोल रैकेट का भी पर्दाफाश किया था और 3 किलो ट्रामाडोल की बड़ी खेप पकड़ी थी. करसोग के इतिहास में इस तरह का ये पहला मामला था. ऐसे में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत 2 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे.
24 महीने में 23 चिट्टे के केस पकड़े: गीतांजलि ठाकुर ने नवंबर 2020 में एसडीपीओ का कार्यभार संभाला था. हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन से एचएएस की परीक्षा सफल रहने बाद करसोग में उनकी पहली पोस्टिंग हुई थी. ऐसे में के 24 महीने के कार्यकाल में उनके नेतृत्व में 23 चिट्टे के केस दर्ज हुए हैं. इस दौरान आरोपियों से 55 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया. जिस जुर्म में 30 से अधिक आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा गया है.
उच्च शिक्षित है गीतांजलि ठाकुर: पुलिस विभाग में बहुत कम समय में अपनी बेहतरीन सेवाओं के लिए सम्मानित गीतांजलि ठाकुर उच्च शिक्षित महिला पुलिस ऑफिसर है. उन्होंने शिमला में स्थित ऑकलैंड हाउस स्कूल से मैट्रिक तक पढ़ाई की है. उन्होंने आरकेएमवी कॉलेज से बी. कॉम किया है. इसके बाद गीतांजलि ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से फाईनांस में एमबीए की डिग्री हासिल की. बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री करने के बाद गीतांजलि ठाकुर आईडीबीआई बैंक सहित एसबीआई स्केल थ्री पर भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं. ऐसे में गीतांजलि ठाकुर के पास वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में भी अच्छा खासा अनुभव है.
बिना कोचिंग के पास की परीक्षा: गीतांजलि ठाकुर का बचपन से ही पुलिस ऑफिसर बनने का सपना था. हालांकि उनके परिवार में कोई भी सदस्य पुलिस विभाग में नहीं रहा है. गीतांजलि ठाकुर के पिता गोपाल सिंह ठाकुर पेशे से कारोबारी हैं. वहीं, उनकी माता अंजु ठाकुर हाउस वाइफ हैं. गीतांजलि ठाकुर ने बिना किसी कोचिंग के छोटे बेटे की देखभाल के साथ हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन से एचएएस की परीक्षा पास की थी. यही नहीं गीतांजलि ठाकुर ने कोरोना काल में भी बेहतरीन कार्य किया है. इसके अतिरिक्त वे पुलिस भर्ती के लिए लिखित परीक्षा की तैयारी कर रहे करीब एक हजार अभ्यर्थियों को फ्री कोचिंग दे चुकी हैं. इन्ही सभी उत्कृष्ट कार्यों के लिए गीतांजलि ठाकुर को प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित किया गया है.
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