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नगर पंचायत के विरोध में संघर्ष समिति का गठन, निकाय चुनाव के बहिष्कार पर बनी सहमति

रविवार को पुराना बाजार के रामलीला मैदान में आम जनता सहित कारोबारियों की एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें करसोग को नगर पंचायत परिधि से बाहर करने के लिए सर्वसम्मति से संघर्ष समिति का गठन किया गया.

Sangharsh Samiti
संघर्ष समिति
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Published : Oct 18, 2020, 5:03 PM IST

Updated : Oct 18, 2020, 5:08 PM IST

करसोग: शहरी निकायों के चुनाव से पहले करसोग को नगर पंचायत परिधि से बाहर करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है. इसी कड़ी में रविवार को पुराना बाजार के रामलीला मैदान में आम जनता सहित कारोबारियों की एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें करसोग को नगर पंचायत परिधि से बाहर करने के लिए सर्वसम्मति से संघर्ष समिति का गठन किया गया.

इस दौरान नरेंद्र भारद्वाज को संघर्ष समिति का अध्यक्ष बनाया गया. इस बैठक में आने वाले शहरी निकायों के चुनाव के बहिष्कार करने का भी फैसला लिया गया. नगर पंचायत के विरोध में 22 अक्टूबर को सुबह साढ़े 11 बजे पुराना बाजार से रैली भी निकाली जाएगी, जो बस स्टैंड से होकर एसडीएम कार्यालय तक जाएगी. यहां एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा.

वीडियो

इस रैली में करसोग की जनता सहित कारोबारी भी शामिल होंगे. पुराना बाजार में आयोजित हुई बैठक के दौरान लोगों ने सरकार पर जबरन ग्रामीण क्षेत्रों को नगर पंचायत परिधि में शामिल किए जाने का भी आरोप लगाया. लोगों का कहना था कि सरकार ने जनता की सहमति के बिना ही ग्रामीण क्षेत्रों को नगर पंचायत में मिला दिया, जिसका खामियाजा आज करसोग की जनता भुगत रही है.

नगर पंचायत में शामिल होने के बाद गरीब जनता से भारी भरकम टैक्स तो वसूला जा रहा है, लेकिन विकास के नाम पर करसोग में कुछ नहीं किया जा रहा है. ऐसे में आम जनता परेशान है. इसको देखते हुए लोगों ने नगर पंचायत के परिधि में सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया है.

बता दें कि करसोग नगर पंचायत की अधिसूचना 2011 को जारी की गई थी. इसके बाद वर्ष 2016 में पहली बार नगर पंचायत के लिए चुनाव करवाये गए थे, जिसमें बरल और ममेल वार्ड की जनता ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए कोई भी उम्मीदवार चुनाव में नहीं उतारा था.

संघर्ष समिति में इनको मिली जिम्मेदारी

नगर पंचायत के विरोध में गठित की गई संघर्ष समिति में नरेंद्र भारद्वाज को अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अतिरिक्त उपाध्यक्ष रमण गुप्ता, रजनीश गुप्ता, बंसीलाल, सचिव उत्तम चंद चौहान, सह सचिव राजीव शर्मा व दीनानाथ गुप्ता, प्रेस सचिव कुलभूषण वर्मा व सलाहकार मित्र देव शर्मा को चुना गया है.

संघर्ष समिति के अध्यक्ष नरेंद्र भारद्वाज ने बताया गया कि पुराना बाजार के रामलीला ग्राउंड में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें संघर्ष समिति का गठन किया गया. इसके अतिरिक्त आने वाले नगर पंचायत चुनाव के बहिष्कार का भी फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि नगर पंचायत के विरोध में 22 अक्टूबर को पुराना बाजार से एक रैली भी निकाली जाएगी और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

ये भी पढ़ें: FIR दर्ज होने के बाद कंगना का ट्वीट, 'पप्पू सेना को मेरे अलावा कुछ दिख नहीं रहा'

करसोग: शहरी निकायों के चुनाव से पहले करसोग को नगर पंचायत परिधि से बाहर करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है. इसी कड़ी में रविवार को पुराना बाजार के रामलीला मैदान में आम जनता सहित कारोबारियों की एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें करसोग को नगर पंचायत परिधि से बाहर करने के लिए सर्वसम्मति से संघर्ष समिति का गठन किया गया.

इस दौरान नरेंद्र भारद्वाज को संघर्ष समिति का अध्यक्ष बनाया गया. इस बैठक में आने वाले शहरी निकायों के चुनाव के बहिष्कार करने का भी फैसला लिया गया. नगर पंचायत के विरोध में 22 अक्टूबर को सुबह साढ़े 11 बजे पुराना बाजार से रैली भी निकाली जाएगी, जो बस स्टैंड से होकर एसडीएम कार्यालय तक जाएगी. यहां एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा.

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इस रैली में करसोग की जनता सहित कारोबारी भी शामिल होंगे. पुराना बाजार में आयोजित हुई बैठक के दौरान लोगों ने सरकार पर जबरन ग्रामीण क्षेत्रों को नगर पंचायत परिधि में शामिल किए जाने का भी आरोप लगाया. लोगों का कहना था कि सरकार ने जनता की सहमति के बिना ही ग्रामीण क्षेत्रों को नगर पंचायत में मिला दिया, जिसका खामियाजा आज करसोग की जनता भुगत रही है.

नगर पंचायत में शामिल होने के बाद गरीब जनता से भारी भरकम टैक्स तो वसूला जा रहा है, लेकिन विकास के नाम पर करसोग में कुछ नहीं किया जा रहा है. ऐसे में आम जनता परेशान है. इसको देखते हुए लोगों ने नगर पंचायत के परिधि में सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया है.

बता दें कि करसोग नगर पंचायत की अधिसूचना 2011 को जारी की गई थी. इसके बाद वर्ष 2016 में पहली बार नगर पंचायत के लिए चुनाव करवाये गए थे, जिसमें बरल और ममेल वार्ड की जनता ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए कोई भी उम्मीदवार चुनाव में नहीं उतारा था.

संघर्ष समिति में इनको मिली जिम्मेदारी

नगर पंचायत के विरोध में गठित की गई संघर्ष समिति में नरेंद्र भारद्वाज को अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अतिरिक्त उपाध्यक्ष रमण गुप्ता, रजनीश गुप्ता, बंसीलाल, सचिव उत्तम चंद चौहान, सह सचिव राजीव शर्मा व दीनानाथ गुप्ता, प्रेस सचिव कुलभूषण वर्मा व सलाहकार मित्र देव शर्मा को चुना गया है.

संघर्ष समिति के अध्यक्ष नरेंद्र भारद्वाज ने बताया गया कि पुराना बाजार के रामलीला ग्राउंड में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें संघर्ष समिति का गठन किया गया. इसके अतिरिक्त आने वाले नगर पंचायत चुनाव के बहिष्कार का भी फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि नगर पंचायत के विरोध में 22 अक्टूबर को पुराना बाजार से एक रैली भी निकाली जाएगी और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

ये भी पढ़ें: FIR दर्ज होने के बाद कंगना का ट्वीट, 'पप्पू सेना को मेरे अलावा कुछ दिख नहीं रहा'

Last Updated : Oct 18, 2020, 5:08 PM IST
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