मंडी: दुनिया में कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, अगर आप की किसी भी काम को करने की सच्ची चाहत है तो वह काम ही आपको कामयाब बनाने के लिए काफी है. ऐसा ही कुछ कर रही हैं मंडी की बनीता. छोटी काशी मंडी की 35 वर्षीय बनीता चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर बीते करीब 7-8 महीनों से खाने ठेला लगाकर अपनी आजीविका कमा रही हैं. बनीता ने मंडी शहर के बाईपास के पास अपना ठेला लगाया है. इस ठेले पर बनीता लोगों को राजमा-चावल और कढ़ी-चावल खिलाती हैं जो की वह अपने घर से ही बना के लाती हैं. वहीं, वह अपने ग्राहकों को पुदीने की चटनी, सलाद और अचार के साथ खाना परोसती हैं. जिसका स्वाद बिल्कुल घर के खाने जैसा ही होता है.
![food cart of Banita on Chandigarh Manali NH in Mandi.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/03-07-2023/hp-mnd-banita-runs-thela-on-highway-side-story-hp10010_14062023104447_1406f_1686719687_281.jpg)
हाईवे पर ठेला लगाकर आत्मनिर्भर बनी बनीता: बनीता ने बताया कि, उन्हें काम करके खुद से अपनी आजीविका कमाने का शौक है. आज दिन तक उन्होंने कभी अपने पति से अपनी जरूरतों के लिए पैसे नहीं मांगे हैं. इससे पहले बनीता प्राइवेट जॉब करती थीं, जिसे छोड़कर उन्होंने अपना काम शुरू करने को लेकर सोचा और फिर हाईवे किनारे ठेला लगाकर लोगों को घर का खाना खिलाना शुरू कर दिया. बनीता बताती हैं कि आज वो रोजाना 1 से 3 हजार की कमाई कर लेती हैं.
यूट्यूब और दूसरी महिलाओं को देखकर शुरू किया काम: बनीता के पति बंटी पुलिस विभाग में कुक हैं. रोजाना सुबह बनीता के पति उनकी खाना बनाने में मदद करते हैं. बनीता की दो बेटियां हैं. बनीता ने बताया कि ठेला लगाने का आइडिया उन्हें यूट्यूब पर दूसरे राज्यों की महिलाओं को काम करते हुए देखने से मिला. साथ ही चंडीगढ़ में भी उन्होंने देखा कि किस तरह महिलाएं अपना काम करती हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं, जिससे उन्हें और ज्यादा प्रेरणा मिली.
![food cart of Banita on Chandigarh Manali NH in Mandi.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/03-07-2023/hp-mnd-banita-runs-thela-on-highway-side-story-hp10010_14062023104447_1406f_1686719687_841.jpg)
राहगीरों को खिलाती है घर जैसा खाना: वहीं, बनीता का बनाया खाना लोगों को बहुत पसंद आ रहा है. बहुत से लोग ऐसे हैं जो यहां के रूटीन ग्राहक बन गए हैं. वो रोजाना यहां आकर राजमाह-चावल या कढ़ी-चावल तो खाते ही हैं, साथ में पैक करवा कर भी ले जाते हैं. वहीं, बनीता के इस काम से बहुत सी महिलाओं को भी मोटिवेशन मिलेगी. जिससे बाकि महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनने की राह को जरूर चुनेंगी.
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