मंडी: पूरे विश्व में कोरोना वायरस के कारण जहां-जहां लॉकडाउन लागू है वहां-वहां इसके कई सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की बात करें तो हाल ही में रिवालसर की प्राचीन झील साफ होती हुई नजर आई और अब पराशर झील के बीच का भूखंड धीमी से तेज गति की तरफ बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.
मंडी जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर स्थित इस झील को पराशर झील के नाम से जाना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह ऋषि पराशर की तपोस्थली रही है और यहां पर उनका भव्य प्राचीन मंदिर भी मौजूद है. इस झील के बीच में एक भूखंड है जो तैरता रहता है लेकिन बीते कुछ दशकों से यह देखने में आ रहा था कि भूखंड के तैरने की गति काफी धीमी हो गई थी.
झील में तैरता है भूखंड!
वर्ष में एक या फिर दो बार ही यह भूखंड तैरता हुआ अपना स्थान बदलता था, लेकिन अब लॉकडाउन के बाद इस भूखंड की गति काफी ज्यादा बढ़ गई है. पराशर ऋषि मंदिर के मुख्य पुजारी अमर सिंह ठाकुर की मानें तो यह भूखंड दिन में दो से तीन बार पूरी झील का चक्कर लगा रहा है. उन्होंने कहा कि इस चमत्कार को जानने के लिए दो बार अलग-अलग यहां का दौरा किया और पाया कि पहली बार जहां यह टापू दिखाई दिया था अगली बार यह दूसरे स्थान पर था.
मात्र कुछ दिनों के अंतराल में इसकी स्थिति में बदलाव नजर आया जबकि यह वर्ष में एक या दो बार ही गतिमान होता था. हालांकि लॉकडाउन के चलते अधिकतर लोग इस चमत्कार को देखने वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. यही कारण भी माना जा रहा है कि लोगों का यहां हस्तक्षेप कम होने के कारण ही यह भूखंड अधिक गतिमान हो गया है. मंदिर के पुजारी अमर सिंह भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि लोगों का हस्तक्षेप कम होने से ही यह संभव हो पाया है.
पराशर ऋषि मंदिर के आस पास रहने वाले भी इस चमत्कार को देखकर हैरान हैं. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन काल में इसे इतना गतिमान इससे पहले कभी नहीं देखा. भूखंड का अधिक गतिमान होना और इसे देखना एक अलग एहसास है.
क्या कहना है डीएफओ का
वहीं अगर वन विभाग की मानें तो विभाग भी यही मान रहा है कि लॉकडाउन के कारण पर्यावरण में जो बदलाव हुआ है उसके कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. डीएफओ मंडी एसएस कश्यप की मानें तो अर्थ और मून की ग्रेविटी के आधार पर ये संभव है. उनका कहना है कि आजकल वायोटिक कंपोनेंट कम हुए हैं जिससे बहुत सारे बदलाव हमने इन दिनों में देखे हैं. जहां मानवीय दखल ज्यादा बढ़ गया था वहां अब नेचर में भी कई बदलाव आए हैं. ये पर्यावरण के लिए अच्छे संकेत हैं.
पराशर ऋषि की तपोस्थली
पराशर ऋषि की तपोस्थली में लॉक डाउन के कारण अचंभित करने वाली घटना घटी है उसके बारे में जानकर हर कोई खुश है. सभी यही दुआ कर रहे हैं कि यह भूखंड इसी तरह से गतिमान रहे और इलाके में खुशहाली बनी रहे.
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