करसोग: जिला मंडी के करसोग में गर्मियों के मौसम में जंगलों में लगने वाली आग ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है. बगशाड पंचायत के तहत दुर्गम क्षेत्र कुंड गांव के जंगल में लगी भीषण आग से गांव वालों को भारी नुकसान हुआ है. इसके साथ लगते जंगल में लगी भयानक आग ने कुंड गांव को भी अपनी चपेट में ले लिया.
आग से उठ रही लपटें हवा के तेज रुख के साथ देखते ही देखते गांव तक पहुंच गई, जिससे गांव के 3 लोगों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है. जानकारी के मुताबिक कुंड गांव के तुलाराम, नाथूराम और कौशल सिंह के सेब सहित अन्य फलों की प्रजाति नाशपाती, बादाम, अनार आदि के करीब 200 पौधे जलकर राख हो गए.
आग की लपेटें इतनी तेजी से फैली की लोगों की लाख कोशिशों के बाद घरों को मुश्किल से बचाया गया. आग से आंगन में लगे पौधों सहित फूलों और सेब के पौधों की नर्सरी भी जलकर नष्ट हो गई. इस दौरान वन विभाग का कोई भी फील्ड कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा. गांव के लोगों ने इकठ्ठा होकर खुद कड़ी मशक्कत कर काफी देर बाद आग पर काबू पाया. हालांकि उच्चाधिकारियों ने सभी फील्ड कर्मचारियों को गर्मियों के मौसम में जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं पर नजर रखने के सख्त निर्देश जारी किए हैं. ऐसे में वन विभाग की आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने की तैयारियों पर भी सवाल उठने लगे हैं.
सरकार से मांगी सहायता:
उपमंडल के सबसे दुर्गम क्षेत्र कुंड गांव में लोगों की आजीविका कृषि और बागवानी पर निर्भर है. बगशाड पंचायत के तहत पड़ने वाला ये गांव सड़क से करीब 7 किलोमीटर दूर है. इस कारण यहां लोग बहुत ही कठिन जीवन जीने को मजबूर है. इतनी जटिल परिस्थितियों के बावजूद ग्रामीणों ने दिन-रात पसीना बहाकर मुश्किल से अपनी आजीविका चलाने के लिए बगीचे तैयार किए थे, जो जंगल में फैली आग के गांव तक पहुंचने से नष्ट हो गए हैं. ऐसे में ग्रामीणों ने आग से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है,जिससे ग्रामीण मुसीबत की घड़ी से बाहर निकल सकें.
क्या कहना स्थानीय निवासी का
कुंड गांव की बिनती देवी का कहना है कि दूर जंगल में लगी आग गांव तक फैल गई, जिससे उनके और पड़ोसियों के सेब सहित अन्य फलों के पौधे जल गए. उन्होंने कहा कि घरों को गांव वालों ने मुश्किल से बचाया. आग के कारण बहुत नुकसान हो गया है. सरकार से आग्रह है कि गांव वालों को सहायता प्रदान की जाए।