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मैं बागी हूं, अनिल शर्मा जैसा विश्वासघाती नहीं: प्रवीण शर्मा

मंडी सदर सीट से भाजपा से इस्तीफा देकर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे प्रवीण शर्मा (Praveen Sharma Independent candidate from Mandi) के साथ ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने जहां अनिल शर्मा पर निशाना साधा, तो वहीं विधायक बनने के बाद न तो वेतन और न ही पेंशन लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान ने अनिल शर्मा को टिकट देकर कार्यकर्ताओं का अपमान किया है. पढ़ें पूरी खबर...

Exclusive Interview of Praveen Sharma
Exclusive Interview of Praveen Sharma
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Published : Oct 29, 2022, 4:27 PM IST

Updated : Oct 29, 2022, 9:47 PM IST

मंडी: विधायक बनने के बाद न तो वेतन लिया जाएगा और न ही पेंशन. यह बात ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान मंडी से निर्दलीय प्रत्याशी प्रवीण शर्मा ने कही (Exclusive Interview of Praveen Sharma) है. प्रवीण शर्मा ने कहा कि उन्हें जो वेतन दिया जाएगा उसका सार्वजनिक फंड बनाया जाएगा और उस फंड को खेल मैदान वह पब्लिक लाइब्रेरी के लिए समर्पित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश में हर कर्मचारी को पेंशन नहीं मिल जाती, तब तक वह भी पेंशन नहीं लेंगे.

MLA बनने के बाद न वेतन लूंगा, न पेंशन: उन्होंने कहा कि ऋण के रूप में विधायक को मिलने वाले लाभ का फायदा भी वे नहीं लेंगे, क्योंकि विधायक को दो-तीन प्रतिशत की दर से ऋण मिल जाता है, लेकिन आम आदमी 12 से 15 प्रतिशत तक ब्याज चुकता करता है. प्रवीण शर्मा ने कहा कि बीजेपी में कई वर्षों से लगातार उनका टिकट कटता रहा, जिसका उन्होंने कभी दुख नहीं मनाया. लेकिन पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनावों में सदर से ऐसे परिवार को टिकट दिया जिनकी वजह से हम पूरे देश में कलंकित हुए हैं. (Mandi Assembly seat).

मंडी से निर्दलीय प्रत्याशी प्रवीण शर्मा के साथ खास बातचीत.

अनिल शर्मा को टिकट देना कार्यकर्ताओं का अपमान: उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा कांग्रेस पार्टी की सरकार में मंत्री रहे हैं और भाजपा की चार्जशीट में अनिल शर्मा का भी नाम शामिल था. उसके बावजूद भी आलाकमान ने 2017 के विधानसभा चुनावों में अनिल शर्मा को सदर से अपना प्रत्याशी बनाया. वहीं, 2022 के चुनावों से पूर्व भी अनिल शर्मा लगातार प्रदेश सरकार को कोसते रहे. लेकिन एक बार फिर भाजपा हाईकमान ने अनिल शर्मा को ही यहां से प्रत्याशी बना कर कार्यकर्ताओं का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान के गलत निर्णय के चलते आज मुझे सदर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ना पड़ रहा है. (Praveen Sharma on Anil Sharma).

विश्वासघाती के बजाय बागी कहलाना करूंगा पसंद: उन्होंने कहा कि मैं विश्वासघाती के बजाय बागी कहलाना पसंद करूंगा. क्योंकि मैने पार्टी के साथ कोई विश्वासघात नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पहले भी पार्टी ने उस उम्मीदवार को टिकट दिया था, जिसने अपनी पार्टी के साथ विश्वासघात किया था. मेरी अनिल शर्मा से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, लेकिन जिस पार्टी से आपने चुनाव लड़ा हो और जिस पार्टी ने आपको इतना कुछ दिया हो, उससे विश्वासघात करना अपके व्यक्तित्व को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि PM मोदी की तरह मैं भी वंशवाद के खिलाफ हूं और उन्हीं की रहा पर मैं आगे बढ़ रहा हूं.

बता दें कि मंडी शहर के रहने वाले प्रवीण शर्मा बीते 16 वर्षों से भाजपा में सक्रिय रहे हैं. लेकिन अब उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता को भी त्याग दिया है. प्रवीण शर्मा पूर्व में भाजपा के मीडिया प्रचार प्रसार समिति के प्रदेश संयोजक, प्रदेश प्रवक्ता, प्रदेश सचिव, प्रदेश मीडिया प्रभारी के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2007 में भाजपा के द्वारा उन्हें टिकट दिया गया था, लेकिन उस दौरान उन्होंने डीडी ठाकुर को अपना टिकट दे दिया. (Praveen Sharma Independent candidate from Mandi).

इसके बाद भी कई बार विधानसभा व लोकसभा के चुनावों में इनका नाम तो चलता रहा, लेकिन इन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला. अब इन्होंने पार्टी के खिलाफ जाकर मंडी सदर से अनिल शर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. कांग्रेस पार्टी ने यहां से पूर्व प्रत्याशी चंपा ठाकुर को एक बार फिर से मौका दिया है. इन चुनावों में सदर में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा जिसकी वजह से सदर की यह सीट अब हॉट सीट बन गई है. (Himachal assembly election 2022).

ये भी पढे़ं: केजरीवाल जी! दिल्ली में मौलवियों को मिलते हैं 18 हजार रुपये, पुजारी और पादरियों को क्यों नहीं?

मंडी: विधायक बनने के बाद न तो वेतन लिया जाएगा और न ही पेंशन. यह बात ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान मंडी से निर्दलीय प्रत्याशी प्रवीण शर्मा ने कही (Exclusive Interview of Praveen Sharma) है. प्रवीण शर्मा ने कहा कि उन्हें जो वेतन दिया जाएगा उसका सार्वजनिक फंड बनाया जाएगा और उस फंड को खेल मैदान वह पब्लिक लाइब्रेरी के लिए समर्पित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश में हर कर्मचारी को पेंशन नहीं मिल जाती, तब तक वह भी पेंशन नहीं लेंगे.

MLA बनने के बाद न वेतन लूंगा, न पेंशन: उन्होंने कहा कि ऋण के रूप में विधायक को मिलने वाले लाभ का फायदा भी वे नहीं लेंगे, क्योंकि विधायक को दो-तीन प्रतिशत की दर से ऋण मिल जाता है, लेकिन आम आदमी 12 से 15 प्रतिशत तक ब्याज चुकता करता है. प्रवीण शर्मा ने कहा कि बीजेपी में कई वर्षों से लगातार उनका टिकट कटता रहा, जिसका उन्होंने कभी दुख नहीं मनाया. लेकिन पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनावों में सदर से ऐसे परिवार को टिकट दिया जिनकी वजह से हम पूरे देश में कलंकित हुए हैं. (Mandi Assembly seat).

मंडी से निर्दलीय प्रत्याशी प्रवीण शर्मा के साथ खास बातचीत.

अनिल शर्मा को टिकट देना कार्यकर्ताओं का अपमान: उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा कांग्रेस पार्टी की सरकार में मंत्री रहे हैं और भाजपा की चार्जशीट में अनिल शर्मा का भी नाम शामिल था. उसके बावजूद भी आलाकमान ने 2017 के विधानसभा चुनावों में अनिल शर्मा को सदर से अपना प्रत्याशी बनाया. वहीं, 2022 के चुनावों से पूर्व भी अनिल शर्मा लगातार प्रदेश सरकार को कोसते रहे. लेकिन एक बार फिर भाजपा हाईकमान ने अनिल शर्मा को ही यहां से प्रत्याशी बना कर कार्यकर्ताओं का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान के गलत निर्णय के चलते आज मुझे सदर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ना पड़ रहा है. (Praveen Sharma on Anil Sharma).

विश्वासघाती के बजाय बागी कहलाना करूंगा पसंद: उन्होंने कहा कि मैं विश्वासघाती के बजाय बागी कहलाना पसंद करूंगा. क्योंकि मैने पार्टी के साथ कोई विश्वासघात नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पहले भी पार्टी ने उस उम्मीदवार को टिकट दिया था, जिसने अपनी पार्टी के साथ विश्वासघात किया था. मेरी अनिल शर्मा से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, लेकिन जिस पार्टी से आपने चुनाव लड़ा हो और जिस पार्टी ने आपको इतना कुछ दिया हो, उससे विश्वासघात करना अपके व्यक्तित्व को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि PM मोदी की तरह मैं भी वंशवाद के खिलाफ हूं और उन्हीं की रहा पर मैं आगे बढ़ रहा हूं.

बता दें कि मंडी शहर के रहने वाले प्रवीण शर्मा बीते 16 वर्षों से भाजपा में सक्रिय रहे हैं. लेकिन अब उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता को भी त्याग दिया है. प्रवीण शर्मा पूर्व में भाजपा के मीडिया प्रचार प्रसार समिति के प्रदेश संयोजक, प्रदेश प्रवक्ता, प्रदेश सचिव, प्रदेश मीडिया प्रभारी के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2007 में भाजपा के द्वारा उन्हें टिकट दिया गया था, लेकिन उस दौरान उन्होंने डीडी ठाकुर को अपना टिकट दे दिया. (Praveen Sharma Independent candidate from Mandi).

इसके बाद भी कई बार विधानसभा व लोकसभा के चुनावों में इनका नाम तो चलता रहा, लेकिन इन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला. अब इन्होंने पार्टी के खिलाफ जाकर मंडी सदर से अनिल शर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. कांग्रेस पार्टी ने यहां से पूर्व प्रत्याशी चंपा ठाकुर को एक बार फिर से मौका दिया है. इन चुनावों में सदर में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा जिसकी वजह से सदर की यह सीट अब हॉट सीट बन गई है. (Himachal assembly election 2022).

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Last Updated : Oct 29, 2022, 9:47 PM IST
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