मंडी : बालीचौकी में उद्यमिता विकास एवं नवोन्मेष केंद्र के भवन एवं समूची परियोजना का निर्माण कार्य 2 साल बाद भी कागजों में सिमट कर रह गया है. इस बहुआयामी प्रकल्प का शिलान्यास 9 जून 2018 को सीएम जयराम ठाकुर ने स्वयं किया था.
इस अवसर पर उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर ने न केवल इन परियोजना को सराज विशेषकर बालीचौकी के विकास में मील का पत्थर बताया था. वहीं, 2 साल बाद भी ये काम महज शिलान्यास तक सीमित रहने के परिणाम स्वरूप स्थानीय लोग अब सरकार से खासे नाराज दिखाई दे रहे हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि उद्यमिता विकास के नाम पर किराए के कमरों में रेशम विभाग ने अभी तक मात्र चुनिदा लोगों को महज मौखिक परीक्षण ही दिया है. इस परियोजना के तहत क्षेत्र में रेशम पर आधारित हथकरघा , एवं स्थानीय उत्पादों का निर्माण अपेक्षित है.
क्षेत्र में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बालीचौकी में जिलास्तर के एक कार्यलय भवन का निर्माण भी होना है जिसकी अनुमानित लागत लगभग 5 करोड़ के आसपास है. रेशम अधिकारी डॉक्टर अरवींद भारद्वाज का कहना है कि इस बारे में विभाग ने बालीचौकी से 5 किलोमीटर दूर परजोलीधार नामक स्थान पर भूमि का चयन किया गया है और जल्द ही हिमुडा के माध्यम से इसके टेंडर लगाएं जाएंगे.