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अनलॉक 1.0 में यातायात सुविधाओं का अभाव, जुगाड़ के सहारे पहुंच रहे दफ्तर

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Published : Jun 8, 2020, 7:18 PM IST

देश के साथ-साथ प्रदेश में एक जून से अनलॉक 1.0 शुरू हुआ और करीब दो महीने बाद प्राइवेट और सरकारी दफ्तरों के ताले खुले. यातायात व्यवस्था भी बहाल की गई और कर्मचारी कार्यालय पहुंचने लगे. हालांकि प्रदेश सरकार ने कुछ गिने-चुने रूटों पर ही बसें चलाने अनुमति दी, जिससे कर्मचारियों को दफ्तर पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

workers facing  transportation problems
डिजाइन फोटो.

मंडी: देश के साथ-साथ प्रदेश में एक जून से अनलॉक 1.0 शुरू हुआ और करीब दो महीने से ज्यादा समय के बाद प्राइवेट और सरकारी दफ्तरों के ताले खुले. अब प्रदेश के दफ्तरों में 100 फीसदी कर्मचारी पहुंच रहे हैं.

वर्तमान में एचआरटीसी और निजी बसें सुचारू रूप से बहाल नहीं हो पाई हैं. ऐसे में दूर से आने वाले कुछ कर्मचारियों को जुगाड़ के सहारे ही कार्यालय पहुंचना पड़ रहा है. ये वो कर्मचारी हैं जो रोजाना बसों के माध्यम से ही घर से कार्यालय तक पहुंचते हैं. कुछ के पास अपना साधन है तो कुछ को दोस्तों की गाड़ी का सहारा है और कुछ तो जुगाड़ लगाकर ही ऑफिस पहुंच पाते हैं.

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अगर बात की जाए कार्यालय में कामकाज की तो यहां सामाजिक दूरी, मॉस्क पहनकर ही कर्मचारी काम निपटा रहे हैं. मंडी उपायुक्त कार्यालय कर्मचारी महासंघ के प्रधान सुरजीत ठाकुर ने बताया कि सरकार के आदेशों के अनुसार अब 100 फीसदी कर्मचारी व अधिकारी कार्यालय पहुंच रहे हैं. कुछ कर्मचारी बसों के माध्यम से कार्यालय पहुंचते थे, जिन्हें आजकल दफ्तर पहुंचने में मुश्किलें पेश आ रही हैं.

वहीं, उपायुक्त कार्यालय मंडी की बात करें तो कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए यहां सभी प्रकार के प्रबंध किए गए हैं. कार्यालय में कर्मचारियों की भीड़ को रोकने के लिए प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार सुबह दस व साढ़े दस बजे की ड्यूटी टाइमिंग का निर्धारण किया गया है.

मंडी जिला उपायुक्त ऋगवेद ठाकुर की मानें तो कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कार्यालयों में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सभी बंदोबस्त किए गए हैं. बता दें कि सामान्य दौर में उपायुक्त कार्यालय में सरकारी कामकाज निपटाने के लिए जिलाभर से रोजाना हजारों लोग पहुंचते हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए लोगों की भीड़ कम करने के लिए प्रशासन ने ऑनलाइन ही कामकाज निपटाने का आग्रह किया है. लॉकडाउन के दौरान भी डीसी कार्यालय में 50 फीसदी स्टाफ के साथ कामकाज किया गया है. जिला उपायुक्त की लोगों से अपील है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए अगर बहुत जरूरी है तो ही अपनी शिकायतों को लेकर डीसी ऑफिस पहुंचे. समस्या का समाधान ऑनलाइन ही करवाने की कोशिश करें.

मंडी: देश के साथ-साथ प्रदेश में एक जून से अनलॉक 1.0 शुरू हुआ और करीब दो महीने से ज्यादा समय के बाद प्राइवेट और सरकारी दफ्तरों के ताले खुले. अब प्रदेश के दफ्तरों में 100 फीसदी कर्मचारी पहुंच रहे हैं.

वर्तमान में एचआरटीसी और निजी बसें सुचारू रूप से बहाल नहीं हो पाई हैं. ऐसे में दूर से आने वाले कुछ कर्मचारियों को जुगाड़ के सहारे ही कार्यालय पहुंचना पड़ रहा है. ये वो कर्मचारी हैं जो रोजाना बसों के माध्यम से ही घर से कार्यालय तक पहुंचते हैं. कुछ के पास अपना साधन है तो कुछ को दोस्तों की गाड़ी का सहारा है और कुछ तो जुगाड़ लगाकर ही ऑफिस पहुंच पाते हैं.

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अगर बात की जाए कार्यालय में कामकाज की तो यहां सामाजिक दूरी, मॉस्क पहनकर ही कर्मचारी काम निपटा रहे हैं. मंडी उपायुक्त कार्यालय कर्मचारी महासंघ के प्रधान सुरजीत ठाकुर ने बताया कि सरकार के आदेशों के अनुसार अब 100 फीसदी कर्मचारी व अधिकारी कार्यालय पहुंच रहे हैं. कुछ कर्मचारी बसों के माध्यम से कार्यालय पहुंचते थे, जिन्हें आजकल दफ्तर पहुंचने में मुश्किलें पेश आ रही हैं.

वहीं, उपायुक्त कार्यालय मंडी की बात करें तो कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए यहां सभी प्रकार के प्रबंध किए गए हैं. कार्यालय में कर्मचारियों की भीड़ को रोकने के लिए प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार सुबह दस व साढ़े दस बजे की ड्यूटी टाइमिंग का निर्धारण किया गया है.

मंडी जिला उपायुक्त ऋगवेद ठाकुर की मानें तो कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कार्यालयों में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सभी बंदोबस्त किए गए हैं. बता दें कि सामान्य दौर में उपायुक्त कार्यालय में सरकारी कामकाज निपटाने के लिए जिलाभर से रोजाना हजारों लोग पहुंचते हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए लोगों की भीड़ कम करने के लिए प्रशासन ने ऑनलाइन ही कामकाज निपटाने का आग्रह किया है. लॉकडाउन के दौरान भी डीसी कार्यालय में 50 फीसदी स्टाफ के साथ कामकाज किया गया है. जिला उपायुक्त की लोगों से अपील है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए अगर बहुत जरूरी है तो ही अपनी शिकायतों को लेकर डीसी ऑफिस पहुंचे. समस्या का समाधान ऑनलाइन ही करवाने की कोशिश करें.

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