धर्मपुर/मंडी: धर्मपर विस क्षेत्र में बिना दुल्हे के सज गई है. बारात चुनाव तो हो रहे हैं, लेकिन उसमें पंचायत के मुखिया प्रधान का चुनाव नहीं हो पा रहा है, क्योंकि धर्मपुर में प्रधान पद के चुनाव पर कोर्ट ने रोक लगाई हुई थी.
कोठुंवा पंचायत के उपप्रधान पवन कुमार ने कोर्ट में याचिका दायर की कि जो आरक्षण रोस्टर जारी हुआ है उसमें धाधंलिया हुई हैं और कोठुवां पंचायत लगातार पांचवी बार महिला के लिए आरक्षित हुई है. इस पर कोर्ट ने रोक लगा दी.
हालांकि कोर्ट ने चुनाव आयोग को धर्मपुर में चुनाव करवाने के लिए अधिकृत कर दिया है, लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है कि धर्मपुर में कब चुनाव होगें. प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 जनवरी को कोर्ट में इस मामले पर दोबारा सुनवाई रखी गई है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द फैसला आ जाए.
'चुनाव न होना प्रचार को प्रभावित कर रहा है'
धर्मपुर में 54 पंचायतें हैं. यहां उपप्रधान व वार्ड पंच के लिए तो चुनाव हो रहे हैं, लेकिन प्रधान पद के लिए चुनाव न होना प्रचार को प्रभावित कर रहा है. लोगों में चर्चा है कि धर्मपुर में बिना दुल्हे के बारात निकल चुकी है और अभी दुल्हे का पता नहीं है.
पंचायतों में पंचायत प्रधान पंचायत का मुखिया होता है और जो भी कार्य होते है उसमें प्रधान का बहुत योगदान रहता है. प्रधान को फाइनांस पावर होती है और उनके माध्यम से विकास कार्य चलते हैं, लेकिन अगर पंचायत में प्रधान ही नहीं होगें तो फिर विकास कार्य भी प्रभावित होगें.
प्रधान का चुनाव लड़ने वालों में मायूसी देखी जा रही है
प्रधान के चुनाव न होने के कारण जहां प्रधान का चुनाव लड़ने वालों में मायूसी देखी जा रही है वहीं, उनके कार्यकर्ता भी मायूस हैं. क्षेत्र के दो दर्जन प्रधानों ने राज्यपाल महोदय से पंचायतों में एक साथ सभी पदों के लिए चुनाव करवाने की मांग उठाई है.
एसडीएम धर्मपुर सुनील वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जैसे ही चुनाव आयोग के आदेश आएंगें उसके अनुसार धर्मपुर में पंचायत प्रधानों के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.