मंडीः साल 2014 के लोकसभा चुनाव में परलोग पोलिंग स्टेशन पर प्रशासन को लोगों की अच्छी खासी नाराजगी झेलनी पड़ी थी. सरकार की कार्यप्रणाली से खफा परलोग पंचायत के लोग मतदान करने के लिए पोलिंग स्टेशन नहीं पहुचे थे. जिस कारण पोलिंग पार्टियां दिन भर यहां लोगों के आने का रास्ता देखती रही.
ऐसे में करसोग के तहत पड़ने वाले परलोग पोलिंग स्टेशन पर 2014 लोकसभा चुनाव में सबसे कम 1.10 फीसदी लोगों ने ही वोट डाले. अब इस बार प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है. हर पंचायत में लोगों की शिकायतों का निपटारा किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त जिन पोलिंग स्टेशनों पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सबसे कम मतदान हुआ था यहां लोगों को मतदान के प्रति जागरुक करने के लिए विशेष अभियान चलाए गए हैं.
यही नहीं, लोगों को वोट डालने के लिए लंबी कतारों में खड़ा न रहना पड़े इसके लिए हर पंचायत में मतदताओं को घर पर ही मतदान से पहले फोटो वोटर स्लिप पहुंचाई जा रही है. इसी तरह से मतदान केंद्रों में भी मतदाताताओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं.
इस बात से नाराज थे लोग
परलोग पंचायत की जनता क्षेत्र में सड़क व पुल की सुविधा न होने से नाराज थी. इसके अलावा यहां लोगों की और भी कई समस्याएं थी. जिसके समाधान के लिए लोग कई मंचों के माध्यम से अपनी मांग उठा रहे थे, लेकिन सरकारी स्तर पर कहीं पर भी लोगों की सुनवाई नहीं हो पा रही थी.
इन सभी कारणों से पंचायत के लोगों ने मतदान में शामिल न होने का निर्णय लिया था. वहीं, सहायक निर्वाचन अधिकारी व एसडीएम करसोग अपूर्व देवगन का कहना है कि पिछले लोकसभा चुनाव से अब तक पांच साल के अंतराल में चीजों में काफी सुधार हुआ है. जहां तक परलोग में मतदान कम होने की बात थी तो लोगों की वहां कुछ शिकायतें थी, जिसका अब समाधान हो गया है. इस बार लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशत अच्छा रहे, इसके लिए खास कंपेन चलाए गए हैं.
बता दें कि पिछली बार लोकसभा चुनाव में करसोग के सभी 100 पोलिंग स्टेशनों पर कुल 53.60 फीसदी मतदान हुआ था. इसमें जिन पोलिंग स्टेशनों में 40 फीसदी से कम मतदान हुआ था, उसमें बिंदला 32.32 फीसदी, मांजू 2.54 फीसदी, बही 31.77 फीसदी, तलेहन 33.68 फीसदी, धारकाण्डलु 39.32 फीसदी, मेहरन 35.98 फीसदी और सरतेवला में 39.49 फीसदी मतदान रहा था. इस बार ऐसे कई पोलिंग स्टेशनों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए गए हैं.