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करसोग में जल शक्ति विभाग की लापरवाही से ग्रामीण परेशान, महीने में एक बार मिल रही पानी की सप्लाई

मंडी जिले के करसोग में जल जीवन मिशन (Jal Shakti Department in Karsog) के नाम पर पैसे का दुर्पयोग हुआ है. यहां जल शक्ति विभाग के सब डिवीजन चुराग के अंतर्गत आने वाले कई गांवों में सही ढंग से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. आलम यह है कि ग्रामीणों को महीने में एक बार पानी की सप्लाई मिल रही है.

करसोग में जल शक्ति विभाग की लापरवाही से ग्रामीण परेशान
करसोग में जल शक्ति विभाग की लापरवाही से ग्रामीण परेशान
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Published : Dec 20, 2022, 4:03 PM IST

करसोग: हिमाचल के तहत करसोग में जल जीवन मिशन (Jal Shakti Department in Karsog) के नाम पर पैसे का दुर्पयोग हुआ है. यहां जल शक्ति विभाग के सब डिवीजन चुराग के अंतर्गत लापरवाही का ऐसा ही मामला अति दुर्गम पंचायत सरतेयोला के बालू कुफरी, चिमुतीर, चिमटी, कुट्ड, शील आदि गांव में देखने को मिला. विभाग ने कागजों में अपना रिकॉर्ड सुधारने को जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से जल देने के लिए कनेक्शन तो दे दिए, लेकिन सरतेयोला वाटर स्टोरेज टैंक से करीब 30 से 35 साल पहले गांव के लिए बिछाई गई पानी की डिस्ट्रीब्यूशन लाइन को बदलना ही भूल गया है.

ऐसे में ग्रामीणों ने अपने स्तर पर ही जगह-जगह पर टूटी पेयजल लाइन को प्लास्टिक लपेटकर पानी की बर्बादी रोकने का देसी जुगाड किया है. तब जाकर मुश्किल से लोगों को महीने में एक बार पानी की सप्लाई नसीब हो रही है. स्थानीय जनता का कहना है कि क्यों नही परलोग खड्ड से माहुंनाग के लिए बनी 11.55 करोड़ की पेयजल योजना के अंतर्गत सरतेयोला पंचायत के इन गांवों के लिए नई लाइन बिछाई गई? इस मामले को कई बार फील्ड अधिकारियों से उठाया जा चुका है, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है.

हवा में झूल रही पेयजल लाइन को पत्थर से दबाया: सरतेयोला वाटर स्टोरेज टैंक से पेयजल लाइन को खुदाई करके जमीन में भी नहीं दबाया गया हैं. ऐसे करीब पांच गांव में लोगों की प्यास बुझाने के लिए बिछाई गई पेयजल लाइन कई जगहों पर हवा झूल रही है. इस तरह लाइन और अधिक क्षतिग्रस्त न हो, इसके लिए कई स्थानों पर ग्रामीणों ने पेयजल लाइन के ऊपर पत्थर रखकर दबाया है.

यही नहीं लाइन को बिछाते वक्त सही तरह से जमीन के अंदर नहीं दबाया गया है, जिस वजह से कई जगह पर पेयजल लाइन ज्वाइंट से खुल गए है. ऐसे में पानी की बर्बाद को रोकने के लिए ग्रामीणों ने पेयजल लाइन में प्लास्टिक पाईप के पीस लगाकर जोड़ने का प्रयास किया है, लेकिन देसी जुगाड से भी लीकेज पूरी तरह से नहीं रुकी है. जिस वजह से सप्ताह में एक ही दिन दी जा रही सप्लाई के दौरान पीने का पानी बेकार बहने से बर्बाद हो रहा है.

औरों को नसीहत खुद मियां फजीहत: करसोग में औरों को नसीहत खुद मियां फजीहत की कहावत लोगों को पानी पानी बूंद बचाने का उपदेश देने वाले जल शक्ति विभाग के संदर्भ में चरितार्थ हुई है. 22 मार्च को विश्व जल दिवस के अवसर पर स्वच्छ पेयजल और जल संरक्षण के महत्व को लेकर लोगों के ध्यान को केंद्रित करने वाले विभाग की लापरवाही से हर साल लाखों लीटर पानी लीकेज की वजह से बर्बाद हो रहा है.

सन राईज युवक मंडल बालू कुफरी के सह मीडिया प्रभारी मोती राम वर्मा का कहना है सरतेयोला पंचायत के तहत कई गांव के लिए वर्षों पहले बिछाई गई लाइन को नहीं बदला गया है. विभाग से निवेदन है कि पुरानी लाइन को उखाड़कर नई पेयजल लाइन बिछाई जाए ताकि लोगों को पेयजल किल्लत की समस्या से छुटकारा मिल सके. वहीं, अधिशाषी अभियंता कृष्ण कुमार शर्मा का कहना है कि मामला ध्यान में आया है. इस बारे में फील्ड अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं, ताकि लोगों की समस्या का जल्द समाधान हो सके.

ये भी पढे़ं: हिमाचल में 3 साल में 1123 रेप के मामले दर्ज, 48.5% मामलों में अपनों ने किया रिश्तों को तार-तार

करसोग: हिमाचल के तहत करसोग में जल जीवन मिशन (Jal Shakti Department in Karsog) के नाम पर पैसे का दुर्पयोग हुआ है. यहां जल शक्ति विभाग के सब डिवीजन चुराग के अंतर्गत लापरवाही का ऐसा ही मामला अति दुर्गम पंचायत सरतेयोला के बालू कुफरी, चिमुतीर, चिमटी, कुट्ड, शील आदि गांव में देखने को मिला. विभाग ने कागजों में अपना रिकॉर्ड सुधारने को जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से जल देने के लिए कनेक्शन तो दे दिए, लेकिन सरतेयोला वाटर स्टोरेज टैंक से करीब 30 से 35 साल पहले गांव के लिए बिछाई गई पानी की डिस्ट्रीब्यूशन लाइन को बदलना ही भूल गया है.

ऐसे में ग्रामीणों ने अपने स्तर पर ही जगह-जगह पर टूटी पेयजल लाइन को प्लास्टिक लपेटकर पानी की बर्बादी रोकने का देसी जुगाड किया है. तब जाकर मुश्किल से लोगों को महीने में एक बार पानी की सप्लाई नसीब हो रही है. स्थानीय जनता का कहना है कि क्यों नही परलोग खड्ड से माहुंनाग के लिए बनी 11.55 करोड़ की पेयजल योजना के अंतर्गत सरतेयोला पंचायत के इन गांवों के लिए नई लाइन बिछाई गई? इस मामले को कई बार फील्ड अधिकारियों से उठाया जा चुका है, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है.

हवा में झूल रही पेयजल लाइन को पत्थर से दबाया: सरतेयोला वाटर स्टोरेज टैंक से पेयजल लाइन को खुदाई करके जमीन में भी नहीं दबाया गया हैं. ऐसे करीब पांच गांव में लोगों की प्यास बुझाने के लिए बिछाई गई पेयजल लाइन कई जगहों पर हवा झूल रही है. इस तरह लाइन और अधिक क्षतिग्रस्त न हो, इसके लिए कई स्थानों पर ग्रामीणों ने पेयजल लाइन के ऊपर पत्थर रखकर दबाया है.

यही नहीं लाइन को बिछाते वक्त सही तरह से जमीन के अंदर नहीं दबाया गया है, जिस वजह से कई जगह पर पेयजल लाइन ज्वाइंट से खुल गए है. ऐसे में पानी की बर्बाद को रोकने के लिए ग्रामीणों ने पेयजल लाइन में प्लास्टिक पाईप के पीस लगाकर जोड़ने का प्रयास किया है, लेकिन देसी जुगाड से भी लीकेज पूरी तरह से नहीं रुकी है. जिस वजह से सप्ताह में एक ही दिन दी जा रही सप्लाई के दौरान पीने का पानी बेकार बहने से बर्बाद हो रहा है.

औरों को नसीहत खुद मियां फजीहत: करसोग में औरों को नसीहत खुद मियां फजीहत की कहावत लोगों को पानी पानी बूंद बचाने का उपदेश देने वाले जल शक्ति विभाग के संदर्भ में चरितार्थ हुई है. 22 मार्च को विश्व जल दिवस के अवसर पर स्वच्छ पेयजल और जल संरक्षण के महत्व को लेकर लोगों के ध्यान को केंद्रित करने वाले विभाग की लापरवाही से हर साल लाखों लीटर पानी लीकेज की वजह से बर्बाद हो रहा है.

सन राईज युवक मंडल बालू कुफरी के सह मीडिया प्रभारी मोती राम वर्मा का कहना है सरतेयोला पंचायत के तहत कई गांव के लिए वर्षों पहले बिछाई गई लाइन को नहीं बदला गया है. विभाग से निवेदन है कि पुरानी लाइन को उखाड़कर नई पेयजल लाइन बिछाई जाए ताकि लोगों को पेयजल किल्लत की समस्या से छुटकारा मिल सके. वहीं, अधिशाषी अभियंता कृष्ण कुमार शर्मा का कहना है कि मामला ध्यान में आया है. इस बारे में फील्ड अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं, ताकि लोगों की समस्या का जल्द समाधान हो सके.

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