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धर्मपुर में जिला परिषद के लिए नए वार्डों से होंगे चुनाव, प्रत्याशियों को करनी पड़ सकती है कड़ी मशक्कत

धर्मपुर विस क्षेत्र की बात करें तो यहां तीन जिला परिषद वार्ड है जो कि धर्मपुर में आते हैं और एक जिला परिषद वार्ड सरकाघाट व धर्मपुर को मिलाकर बनाया गया है.

District council
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Published : Dec 22, 2020, 9:56 PM IST

धर्मपुर/मंडी: धर्मपुर विस क्षेत्र की बात करें तो यहां तीन जिला परिषद वार्ड है जो कि धर्मपुर में आते हैं और एक जिला परिषद वार्ड सरकाघाट व धर्मपुर को मिलाकर बनाया गया है लेकिन इस बार की बात करें तो धर्मपुर विस क्षेत्र के तीनों वार्डों के नाम बदल चुके है और पंचायतों को भी यहां से वहां किया गया है जिसके कारण प्रत्याशियों को अब नए सिरे से जमीन तलाशनी पड़ेगी और अपने लिए वोट मांगने पड़ेंगे.

क्षेत्र के सभी वार्डों के बदले नाम

पैहड पंचायत का नाम बदलकर लौंगणी कर दिया गया है, सिधपुर वार्ड का नाम बदलकर दतवाड़ किया गया है और सज्योपिपलू वार्ड का नाम बदलकर ग्रयोह किया गया है जो वार्ड दोनों विस क्षेत्र की पंचायतों को मिलाकर बनाया है. उसका नाम पहले की तरह नवाही रहेगा.

अगर हम धर्मपुर में पिछले चुनावों की बात करें तो पैहड वार्ड काग्रेंस की झोली में गया था यहां से कांग्रेस प्रत्याशी संतोष कुमार विजयी हुए थे और सिद्धपुर वार्ड भाजपा की झोली में गया था यहां से कश्मीर सिंह विजयी हुए थे सज्योपिपलू वार्ड माकपा की झोली में गया था.

यहां से भूपेन्द्र सिंह चुनाव जीते थे और नवाही वार्ड भाजपा की झोली में गया था यहां से राजकुमार चुनाव जीते थे जिन्होंने बाद में अपने पद से इसलिए त्यागपत्र दिया था, क्योंकि उन्हें सरकारी नौकरी मिल गई थी.

सिद्धपुर व नवाही वार्ड में काटें की टक्कर

इस बार सबसे ज्यादा नजर ग्रयोह वार्ड पर रहेगी यहां से जलशक्ति मंत्री ठाकुर महेन्द्र सिंह की बेटी वंदना गुलेरिया व माकपा नेता भूपेन्द्र सिंह एक बार फिर आमने सामने होंगे और कौन चुनावों में बाजी मारता है इसपर धर्मपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की नजर रहेगी. यह वार्ड ओपन रखा गया है इसके अलावा लौंगणी वार्ड में भी कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है और सिद्धपुर व नवाही वार्ड में भी काटें की टक्कर रहेगी.

हालांकि अभी स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुई है कौन-कौन प्रत्याशी चुनावी मैदान में 6 जनवरी के बाद भी नजर आएगा कौन नहीं, क्योंकि अंतिम 6 जनवरी को ही पता चलेगा कि किस पार्टी से कौन प्रत्याशी चुनावी मैदान में है कौन नहीं लेकिन अभी तक के आकड़ों के अनुसार धर्मपुर में इस बार चुनावों में कड़ा मुकाबला देखने को अवश्य ही मिलेगा एक तरफ सरकार के लोग और दूसरी तरफ विपक्ष कौन कहां बाजी मारेगा कौन नहीं और इसका विस चुनावों में क्या फर्क पड़ सकता है इस पर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- रिकांगपिओ अस्पताल में हुई RKS की बैठक, डीसी ने वर्ष 2020-21 के बजट को दी मंजूरी

धर्मपुर/मंडी: धर्मपुर विस क्षेत्र की बात करें तो यहां तीन जिला परिषद वार्ड है जो कि धर्मपुर में आते हैं और एक जिला परिषद वार्ड सरकाघाट व धर्मपुर को मिलाकर बनाया गया है लेकिन इस बार की बात करें तो धर्मपुर विस क्षेत्र के तीनों वार्डों के नाम बदल चुके है और पंचायतों को भी यहां से वहां किया गया है जिसके कारण प्रत्याशियों को अब नए सिरे से जमीन तलाशनी पड़ेगी और अपने लिए वोट मांगने पड़ेंगे.

क्षेत्र के सभी वार्डों के बदले नाम

पैहड पंचायत का नाम बदलकर लौंगणी कर दिया गया है, सिधपुर वार्ड का नाम बदलकर दतवाड़ किया गया है और सज्योपिपलू वार्ड का नाम बदलकर ग्रयोह किया गया है जो वार्ड दोनों विस क्षेत्र की पंचायतों को मिलाकर बनाया है. उसका नाम पहले की तरह नवाही रहेगा.

अगर हम धर्मपुर में पिछले चुनावों की बात करें तो पैहड वार्ड काग्रेंस की झोली में गया था यहां से कांग्रेस प्रत्याशी संतोष कुमार विजयी हुए थे और सिद्धपुर वार्ड भाजपा की झोली में गया था यहां से कश्मीर सिंह विजयी हुए थे सज्योपिपलू वार्ड माकपा की झोली में गया था.

यहां से भूपेन्द्र सिंह चुनाव जीते थे और नवाही वार्ड भाजपा की झोली में गया था यहां से राजकुमार चुनाव जीते थे जिन्होंने बाद में अपने पद से इसलिए त्यागपत्र दिया था, क्योंकि उन्हें सरकारी नौकरी मिल गई थी.

सिद्धपुर व नवाही वार्ड में काटें की टक्कर

इस बार सबसे ज्यादा नजर ग्रयोह वार्ड पर रहेगी यहां से जलशक्ति मंत्री ठाकुर महेन्द्र सिंह की बेटी वंदना गुलेरिया व माकपा नेता भूपेन्द्र सिंह एक बार फिर आमने सामने होंगे और कौन चुनावों में बाजी मारता है इसपर धर्मपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की नजर रहेगी. यह वार्ड ओपन रखा गया है इसके अलावा लौंगणी वार्ड में भी कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है और सिद्धपुर व नवाही वार्ड में भी काटें की टक्कर रहेगी.

हालांकि अभी स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुई है कौन-कौन प्रत्याशी चुनावी मैदान में 6 जनवरी के बाद भी नजर आएगा कौन नहीं, क्योंकि अंतिम 6 जनवरी को ही पता चलेगा कि किस पार्टी से कौन प्रत्याशी चुनावी मैदान में है कौन नहीं लेकिन अभी तक के आकड़ों के अनुसार धर्मपुर में इस बार चुनावों में कड़ा मुकाबला देखने को अवश्य ही मिलेगा एक तरफ सरकार के लोग और दूसरी तरफ विपक्ष कौन कहां बाजी मारेगा कौन नहीं और इसका विस चुनावों में क्या फर्क पड़ सकता है इस पर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

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