मंडी: हिमाचल प्रदेश और जिला में कोरोना महामारी के लगातार बढ़ रहे मामलों के बाद सरकार ने चार जिलों शिमला, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी में 15 दिसंबर तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. कर्फ्यू लगने के बाद जिला मंडी में ढाबा मालिकों की परेशानियां बढ़ गई है, ढाबा मालिकों का कहना है कि कर्फ्यू लगने के बाद उनकी बिक्री में काफी कमी आई है. उन्हें अब दुकानों का किराया और अन्य खर्चे निकालने में परेशानी उठानी पड़ेगी.
ढाबा मालिकों का कहना है कि उनका खाने का काम रात आठ बजे से ही शुरू होता है, लेकिन सरकार की ओर से आठ से छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है, जिससे उनको रोजी-रोटी कमाने का डर सताने लगा है. उन्हें दुकान का किराए, ढाबों में सब्जी, राशन भरवाने व स्टाफ की सैलरी निकालने की चिंता सताने लगी है.
मुश्किल से शुरू हुआ था काम
ढाबों मालिकों ने बताया कि बड़ी मुश्किल से उनका काम फिर से चलने लगा था और ढाबे में काम करने के लिए पूरे स्टाफ को बुला लिया गया था, लेकिन कर्फ्यू के चलते अब आधे स्टाफ को घर भेजना पड़ेगा. बाजारों में सभी दुकानदार आठ बजे अपनी दुकानों को बंद कर देते हैं, उसके बाद ही ढाबों का काम शुरू होता है. आठ बजे ढाबे बंद कर देने से इन दिनों में उनका 50 फीसदी काम कम हो गया है और उन्हें हर दिन 1500 से 2000 का घाटा उठाना पड़ रहा है.
सुबह-शाम एक घंटा कर्फ्यू में दी जाए ढील
ढाबा मालिकों ने सरकार से अपील की है कि नाइट कर्फ्यू की समय सारणी को बदलकर रात 10:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक किया जाए ताकि उन्हें परेशानियां ना उठानी पड़े. फिलहाल कर्फ्यू के चलते एक घंटा हर रोज उनका समय सुबह-साफ दुकान की सफाई करने में ही चला जाता है. जिससे दुकानों की सफाई भी सही ढंग से नहीं हो पा रही है.
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