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शिवरात्रि महोत्सव: बजंतरी प्रतियोगिता में देवता चुंजवाला की टीम ने जीता देवलु नाटी का खिताब - बजंतरी प्रतियोगिता

बजंतरी प्रतियोगिता में देव छमाहूं खणी की टीम ने पहला स्थान झटका. बिठू नारायण देवता के बजंतरी दूसरे और सुहरा का गौहरी देवता के बजंतरी तीसरे स्थान पर रही. अव्वल रहे प्रतिभागियों को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्यातिथि सम्मानित और नकद ईनाम देंगे.

Devalu Nati
देवता चुंजवाला की टीम
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Published : Feb 27, 2020, 8:38 PM IST

मंडी: छोटी काशी मंडी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में चल रही देवलु नाटी और बजंतरी प्रतियोगिता संपन्न हो गई है. देवलु नाटी में देवता चुंजवाला की टीम ने खिताब हासिल किया है. दूसरे स्थान पर देव छांजणू बालीचौकी की टीम रही है. वहीं, देव ढगांडू शारटी की टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया है.

बजंतरी प्रतियोगिता में देव छमाहूं खणी की टीम ने पहला स्थान झटका. बिठू नारायण देवता के बजंतरी दूसरे और सुहरा का गौहरी देवता के बजंतरी तीसरे स्थान पर रही. अव्वल रहे प्रतिभागियों को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्यातिथि सम्मानित और नकद इनाम देंगे.

बता दें कि महोत्सव में देवलु नाटी और बजंतरी प्रतियोगिता भी आकर्षण का केंद्र रहती हैं. इसमें देवलु पारंपारिक वेशभूषा में नाटी डालते हैं, जबकि बजंतरी प्रतियोगिता में पारंपारिक वाद्य यंत्र बजाए जाते हैं. जिससे प्राचीन संस्कृति उजागर होती है और युवा पीढ़ी प्रेरणा मिलती है.

वीडियो.

इन प्रतियोगिताओं का करवाने का मुख्य उद्देश्य भी यही है. सर्व देवता समिति के प्रधान शिवपाल शर्मा ने बताया कि बजंतरी व देवलु नाटी प्रतियोगिता प्राचीन संस्कृति के संवर्द्धन में सहायक है. उन्होंने बताया कि वाद्य यंत्रों में शहनाई का एक अलग स्थान है. इसे ध्यान में रखते भविष्य में शहनाई वादन प्रतियोगिता अलग से करवाई जाएगी.

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में सैंकड़ों देवी देवता और हजारों बजंतरी व देवलु शिरकत करते हैं. इनसे ही शिवरात्रि महोत्सव की शान होती है. वाद्य यंत्रों की धुनों से छोटी काशी मंडी भी सात दिन तक गुंजायमान रहती है. देव समाज में बजंतरियों व देवलुओं की अहम भूमिका रहती है.

ये भी पढे़ं: केंद्रीय आदर्श कारागार नाहन में कैदी की मौत, जांच में जुटी पुलिस

मंडी: छोटी काशी मंडी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में चल रही देवलु नाटी और बजंतरी प्रतियोगिता संपन्न हो गई है. देवलु नाटी में देवता चुंजवाला की टीम ने खिताब हासिल किया है. दूसरे स्थान पर देव छांजणू बालीचौकी की टीम रही है. वहीं, देव ढगांडू शारटी की टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया है.

बजंतरी प्रतियोगिता में देव छमाहूं खणी की टीम ने पहला स्थान झटका. बिठू नारायण देवता के बजंतरी दूसरे और सुहरा का गौहरी देवता के बजंतरी तीसरे स्थान पर रही. अव्वल रहे प्रतिभागियों को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्यातिथि सम्मानित और नकद इनाम देंगे.

बता दें कि महोत्सव में देवलु नाटी और बजंतरी प्रतियोगिता भी आकर्षण का केंद्र रहती हैं. इसमें देवलु पारंपारिक वेशभूषा में नाटी डालते हैं, जबकि बजंतरी प्रतियोगिता में पारंपारिक वाद्य यंत्र बजाए जाते हैं. जिससे प्राचीन संस्कृति उजागर होती है और युवा पीढ़ी प्रेरणा मिलती है.

वीडियो.

इन प्रतियोगिताओं का करवाने का मुख्य उद्देश्य भी यही है. सर्व देवता समिति के प्रधान शिवपाल शर्मा ने बताया कि बजंतरी व देवलु नाटी प्रतियोगिता प्राचीन संस्कृति के संवर्द्धन में सहायक है. उन्होंने बताया कि वाद्य यंत्रों में शहनाई का एक अलग स्थान है. इसे ध्यान में रखते भविष्य में शहनाई वादन प्रतियोगिता अलग से करवाई जाएगी.

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में सैंकड़ों देवी देवता और हजारों बजंतरी व देवलु शिरकत करते हैं. इनसे ही शिवरात्रि महोत्सव की शान होती है. वाद्य यंत्रों की धुनों से छोटी काशी मंडी भी सात दिन तक गुंजायमान रहती है. देव समाज में बजंतरियों व देवलुओं की अहम भूमिका रहती है.

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